दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हिरासत अवधि राउज एवेन्यू कोर्ट ने 4 दिन और बढ़ा दी है। हालाँकि, ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने उनकी 7 दिनों की रिमांड की माँग की थी। वो पिछले एक सप्ताह से ED की कस्टडी में हैं। अब सोमवार (1 अप्रैल, 2024) तक दिल्ली के मुख्यमंत्री ED की कस्टडी में रिमांड पर रहेंगे। उनके खिलाफ शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने उनकी रिमांड की अवधि बढ़ाने वाला आदेश दिया।
4 दिनों के लिए बढ़ाई गई अरविंद केजरीवाल की ED कस्टडी
ED पहले ही अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बता चुकी है। आरोप है कि 2021-22 में शराब नीति बनाने के लिए दारू माफियाओं की ‘साउथ लॉबी’ से 100 करोड़ रुपए बतौर घूस लिए गए और इस रकम को गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च किया गया। अरविंद केजरीवाल पर जाँच में सहयोग न करने का आरोप लगा है। ASG SV राजू ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आखिर शराब नीति को भाजपा से क्यों जोड़ा जा रहा है?
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल भाजपा के पास पैसे आने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इसका शराब नीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कानून से ऊपर नहीं है, वो एक आम आदमी है। उन्होंने बताया कि जाँच एजेंसी के पास कई सबूत हैं कि खुद दिल्ली के CM ने 100 करोड़ रुपए की घूस की माँग की थी। अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका डाली गई थी, लेकिन 22 मार्च को अगले ही दिन उसे वापस ले लिया गया।
अब अरविंद केजरीवाल को 1 अप्रैल, 2024 को सुबह के साढ़े 11 बजे कोर्ट में फिर से पेश किया जाएगा। हाईकोर्ट पहले ही उन्हें अंतरिम राहत देने की याचिका ठुकरा चुका है, और कह चुका है कि 3 अप्रैल को ED की प्रतिक्रिया जानने के बाद ही फैसला सुनाया जाएगा। AAP के गोवा के प्रदेश अध्यक्ष अमित पालेकर को भी जाँच एजेंसी ने समन भेजा है। बता दें कि ED के 9 समन ठुकराने के बाद अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था।
शराब घोटाला: कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
आतिशी, सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय जैसे दिल्ली के मंत्रीगण सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता भी इस दौरान वहाँ थीं। कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान मीडिया से अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी गिरफ़्तारी एक राजनीतिक षड्यंत्र है, जिसका जनता जवाब देगी। ASG (एडिशनल सॉलिसिटर जनरल) SV राजू ने ED की तरफ से पेश होते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल का बयान रिकॉर्ड किया जा चुका है, उन्होंने गोलमोल जवाब दिए हैं।
उन्होंने बताया कि ED अब उन्हें कुछ अन्य आरोपितों के साथ आमने-सामने बिठा कर पूछताछ करेगी। AAP के गोवा के 4 अन्य उम्मीदवारों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं, उनके साथ भी दिल्ली सीएम को आमने-सामने बिठाया जाएगा। बता दें कि शराब घोटाले में माफियाओं की साउथ लॉबी से मिली 100 करोड़ रुपए की घूस को गोवा के चुनाव प्रचार में खर्च किया गया था। अब तक अरविंद केजरीवाल ने अपने गैजेट्स के पासवर्ड्स ही नहीं बताए हैं, जिस कारण ED उनका डिजिटल डेटा नहीं मिल पाया है।
बकौल ASG, अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि वो अपने वकीलों से बात कर के तय करेंगे कि पासवर्ड्स देने हैं या नहीं। अगर वो पासवर्ड्स नहीं देते हैं तो ED गैजेट्स की छानबीन के लिए दूसरा रास्ता अख्तियार करेगी। बकौल ED, अरविंद केजरीवाल जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और अपने ITR (आयकर विवरण) भी नहीं दिखा रहे हैं। पंजाब के एक्साइज अधिकारियों को भी समन किया गया है। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने भी कोर्ट में अपनी बात रखी।
उन्होंने खुद बोलते हुए कहा कि वो ED अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहते हैं, ये मामला 2 वर्षों से चल रहा था। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें अब तक अदालत ने दोषी साबित नहीं किया है, वो सिर्फ गिरफ्तार हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि 31,000 पन्ने CBI ने दायर किए हैं और 25,000 पन्नों के विवरण ED ने, लेकिन उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया इसका जवाब इनमें नहीं है। कोर्ट ने जब उनसे पूछा कि वो ये सब लिखित में क्यों नहीं दे रहे, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वो बोलना चाहते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मेरा नाम 4 जगह आया है बस। एक C अरविंद है जिसने कहा है कि उसने मेरी उपस्थिति में कुछ दस्तावेज मनीष सिसोदिया को दिए। मेरे घर रोज विधायक आते रहते हैं। क्या एक वर्तमान CM को गिरफ्तार करने के लिए ये एक बयान काफी है? आरोपितों को बयान बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ED का मिशन है – केवल मुझे और मुझे फँसाना। अगर 100 करोड़ रुपए का शराब घोटाला शुरू हुआ तो पैसा किधर है? असली शराब घोटाला ED की जाँच के बाद शुरू हुआ। ED का मकसद है – AAP को खत्म करना।”
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि पर्दे के पीछे एक वसूली का रैकेट चलने के लिए ये सब किया जा रहा है, जिसके जरिए पैसे इकट्ठे किए जा रहे हैं। उन्होंने मामले के एक गवाह सार्थक रेड्डी पर भाजपा को 50 करोड़ रुपए गिरफ़्तारी के बाद दान देने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ED जितने दिन मन उन्हें कस्टडी में रखे, वो रिमांड का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन ये घोटाला है। ASG ने आपत्ति जताते हुए कहा कि केजरीवाल को कैसे पता कि ED के पास कितने दस्तावेज हैं, ये सब उनकी कल्पना की उपज है।
अधिवक्ता रमेश गुप्ता जब अरविंद केजरीवाल के लिए बोलने उठे तो कोर्ट ने उनसे कहा कि उनके मुवक्किल तो पहले ही बोल चुके, इस पर भड़कते हुए वकील ने पूछा कि आखिर उन्हें बोलने से कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि वो पूरे एक घंटे बोलेंगे, जिस पर जज ने कहा, “ठीक है, आप शांत हो जाइए।” कोर्ट ने कहा कि ED ने रिमांड एप्लिकेशन दिया है और ये जज निर्णय करेंगे कि वो सही है या नहीं। इसके बाद ऑर्डर रिजर्व रख लिया गया। फिर कुछ देर बाद फैसला सुनाया कि आरोपित की रिमांड की अवधि 4 दिन बढ़ाई जाती है।
दिल्ली शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हो चुके हैं। अब RAW को भी केजरीवाल से पूछताछ करनी चाहिए। भारत में पाकिस्तानी गुप्तचरों पर तो चर्चा होती रहती है, लेकिन RAW और KGB दलालों के बारे में पूछताछ जरुरी है। आम आदमी पार्टी पर खालिस्तान समर्थक होने के आरोप लगते रहे हैं। इसका ताजा सबूत हाल ही में देखने को मिला जब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा आंख का आपरेशन कराने ब्रिटेन पहुंचे और वहां पहुंचते ही उन्होंने खालिस्तान समर्थक ब्रिटिश सांसद प्रीत गिल से मुलाकात की। यह भी किसी से छुपा नहीं है भारत में खालिस्तान आंदोलन को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA हवा देती रही है। अमेरिका जिस तरह से खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू का बचाव करती है उससे भी साफ है कि पन्नू उसका एसेट है। क्या भारत में भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के एसेट हैं। केजरीवाल जब एक सरकारी कर्मचारी थे उसी समय से अपने एनजीओ के लिए फोर्ड फाउंडेशन से फंडिंग लेते रहे। फोर्ड फाउंडेशन को CIA फंडिंग करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि CIA, फोर्ड फाउंडेशन और केजरीवाल के बीच कोई कनेक्शन है क्या? केजरीवाल के आवास से ईडी अधिकारियों से जुड़े दस्तावेज बरामद होना क्या इस ओर इशारा कर रही है कि भारत के खिलाफ कोई बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है।
फोर्ड फाउंडेशन को फंड करती है CIA अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के डिक्लासीफाइड दस्तावेज के अनुसार, फोर्ड फाउंडेशन की परियोजनाओं के वित्तपोषण में CIA उनका भागीदार था। परियोजनाएं राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक युद्ध में शामिल हैं।
CIA, फोर्ड फाउंडेशन और मैग्सेसे पुरस्कार के बीच संबंध के सबूत अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के कई दस्तावेज हैं, जो स्पष्ट रूप से CIA, फोर्ड फाउंडेशन और मैग्सेसे पुरस्कार के बीच संबंध दिखाते हैं।
केजरीवाल के एनजीओ की फंडिंग फोर्ड फाउंडेशन से जनवरी 2000 में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने एक एनजीओ ‘संपूर्ण परिवर्तन’ उर्फ ’परिवर्तन’ शुरू किया। इसकी शुरुआत ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ की मदद से की गई थी लेकिन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल को फंडिंग कौन कर रहा था? फंडिंग कर रहा था फोर्ड फाउंडेशन और डीप स्टेट एजेंट जार्ज सोरोस!
केजरीवाल जब सरकारी कर्मचारी थे तभी से मिल रही फंडिंग वर्ष 2002 में, फोर्ड फाउंडेशन ने केजरीवाल के वित्त पोषित एनजीओ ‘संपूर्ण परिवर्तन’ उर्फ ’परिवर्तन’ को सीधे फंड देना शुरू कर दिया। कृपया ध्यान दें कि वह उस समय भी एक सरकारी कर्मचारी थे!
केजरीवाल अशोका ‘फेलो’ बने, फंडिंग फोर्ड फाउंडेशन से वर्ष 2004 में अरविंद केजरीवाल अशोका ‘फेलो’ बने। क्या आप जानते हैं कि अशोका में फेलोशिप का वित्तपोषण कौन करता है? यहां भी फोर्ड फाउंडेशन ही फंडिंग करता है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार की फंडिंग फोर्ड फाउंडेशन से अरविंद केजरीवाल को 2006 में इमरजेंट लीडरशिप की श्रेणी में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला। आप यह जान कर चौंक जाएंगे कि इस पुरस्कार के लिए फंडिंग फोर्ड फाउंडेशन ही करता है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता एल रामदास AAP से जुड़े वर्ष 2004 में, एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीआरसी, वीएसएम (सेवानिवृत्त), पूर्व नौसेना प्रमुख को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला। बाद में एल रामदास AAP के आंतरिक लोकपाल बने!
एल रामदास की बेटी फोर्ड फाउंडेशन में सलाहकार रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता एल रामदास की बेटी कविता रामदास, फोर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष की वरिष्ठ सलाहकार हैं और पहले कई वर्षों तक भारत में फोर्ड फाउंडेशन के देश प्रतिनिधि के रूप में काम कर चुकी हैं। उन्होंने जार्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के साथ भी काम किया है!
केजरीवाल Aid Sathi चुने गए केजरीवाल को 2006 में एड-इंडिया एनजीओ द्वारा Aid Sathi के रूप में चुना गया था। Aid Sathi को बिना किसी विशिष्ट परियोजना के धन, प्रचार और समर्थन प्राप्त होता है! फिर, इस एनजीओ को फोर्ड फाउंडेशन से भी फंड मिलता है!
मेधा पाटकर को AID-इंडिया फंडिंग मेधा पाटकर को भी AID-इंडिया फंडिंग कर रही थी। केजरीवाल उसके काम को बढ़ावा देने में भी पूरी तरह शामिल थे। एक समय गुजरात में मेधा पाटकर को आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री चेहरा बनाने की भी बात चल रही थी वहीं मेधा पाटकर ने भी आम आदमी पार्टी का खुलकर समर्थन किया है।
कुछ दिन पहले जर्मनी ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर भारत के खिलाफ अनर्गल विलाप करते हुए कहा था कि “आरोपों का सामना कर रहे किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह केजरीवाल भी निष्पक्ष व भेदभाव रहित मुक़दमे का हक़दार है। हम मानते हैं और अपेक्षा करते हैं कि इस मामले में भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता से सम्बंधित मानकों और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन किया जाएगा”।
ऐसा कहते हुए जर्मनी ने एक तरह यह माना कि आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत में निष्पक्ष व भेदभाव रहित मुक़दमे का अधिकार दिया जाता है
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। लेकिन अन्य बातें कह कर जर्मनी ने भारत के लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उसके निष्पक्ष होने पर प्रश्नचिन्ह लगा कर भारत की संप्रभुता पर प्रहार किया जिसके उत्तर में भारत ने उनके राजनयिक को बुला कर कड़ी आपत्ति जताते हुए फटकार लगाई।
अब कल अमेरिका भी उछलता कूदता आगे आ कर अपनी मुंडी घुसाने की कोशिश कर रहा था जो उसके विदेश मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि -
“अमेरिका केजरीवाल की गिरफ़्तारी की ख़बरों पर करीब से नज़र रख रहा है और निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया का पक्षधर है “।
भारत की सरकार लुंज पुंज सरकार नहीं है जो चुप रहेगी। आज ही विदेश मंत्रालय ने Acting US Deputy Ambassador Gloria Berbena को तलब कर भारत की कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि हर देश को दूसरे देशों के संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और उस देश की न्यायिक व्यवस्था पर दोष निकालते हुए आक्षेप लगाने से बचना चाहिए। यह जिम्मेदारी लोकतांत्रिक देशों की दूसरे लोकतांत्रिक देशों के प्रति और ज्यादा बढ़ जाती है”।
मुझे लगता है अमेरिकी प्रशासन में कुछ सिरफिरे लोग बाइडन सरकार को बिना सोचे समझे गलत सलाह दे रहे हैं।
अमेरिकी अधिकारियों और सरकार को याद रखना चाहिए कि किसी व्यक्ति पर केस चलाने से पहले जांच एजेंसियां उसे न्यायिक प्रक्रिया की तहत summon देकर बुलाती हैं। जर्मनी और अमेरिका को याद रखना चाहिए कि केजरीवाल को ED ने 5 महीने में 9 Summons भेजे थे। कभी अमेरिका और जर्मनी ने केजरीवाल को सलाह दी कि वह जांच के आगे आए। ये देश यह भी भूल जाते हैं कि केजरीवाल पर जिस घोटाले की जांच हो रही है, उसमें उसके 2 मंत्री और एक सांसद लंबे समय से जेल में है, सरकार की मर्जी से नहीं बल्कि अदालत के आदेश पर और आप हमारी अदालत पर “निष्पक्ष” न होने का आरोप लगा रहे हो।
अमेरिका को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि वर्तमान अमेरिकी सरकार के विरोधी डोनाल्ड ट्रम्प पर भी अनेक मुकदमे चलाए जा रहे हैं। क्या भारत या किसी अन्य लोकतांत्रिक देश ने उसके खिलाफ कभी कुछ कहा है, कभी नहीं जबकि अमेरिका में कोई भी फैसला सुनाने वाले जज के बारे में मीडिया पहले यह बताता है कि उस जज की नियुक्ति किसने की थी Democrats ने या Republicans ने और उसका झुकाव किसकी तरफ है और आप हमारी न्यायपालिका पर आक्षेप लगा रहे हो।
अमेरिका या किसी पश्चिमी देश ने कभी लालू यादव, हेमंत सोरेन या उसके पहले जया ललिता की गिरफ़्तारी पर आंसू नहीं बहाए। इन तीनों ने गिरफ्तार होने से पहले मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था लेकिन केजरीवाल पद से चिपका हुआ है और जेल से सरकार चलाना चाहता है। US और जर्मनी इसे सही मानते हैं? अमेरिका को पहले गुरपतवंत पन्नू के आरोप पर जवाब देना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या पन्नू केजरीवाल को 134 करोड़ रुपए देने की बात सत्य बोल रहा है?
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का मतदान होने से पहले ही भाजपा के पाँच प्रत्याशी विजयी हो गए हैं। इनके विरुद्ध कॉन्ग्रेस समेत किसी राजनीतिक दल ने प्रत्याशी ही नहीं उतारे। निर्विरोध विजयी होने वालो में अरुणाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी शामिल हैं।
अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा के भी चुनाव भी प्रस्तावित हैं। इनके लिए मतदान 19 अप्रैल, 2024 को होने वाला है। इन विधानसभा चुनावों के लिए बुधवार (27 मार्च, 2024) तक नामांकन भरे जाने थे। हालाँकि, शाम तक अरुणाचल की पाँच सीटों पर मात्र एक ही नामांकन प्राप्त हुआ जो कि भाजपा के उम्मीदवारों का था।
ऐसे में नामांकन ना प्राप्त होने की दशा में यह उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के विरुद्ध भी कोई नामांकन नहीं हुआ। वह अरुणाचल के तवांग जिले की मुक्तो सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह इस सीट से चौथी बार निर्वाचित हो रहे हैं। इनमें से तीन बार वह निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री खांडू के अलावा ताली से जिक्के ताको, सागाली से रातू तेची, तलिहा से न्यातो डुकोम, और रोइंग विधानसभा सीट से से मुच्चू मीठी के विरोध में भी कोई प्रत्याशी नहीं खड़ा हुआ। ऐसे में मुख्यमंत्री खांडू के साथ ही यह भी निर्विरोध विधायक निर्वाचित होंगे। अभी चुनाव आयोग ने इस सम्बन्ध में औपचारिक घोषणा नहीं की है। गौरतलब है कि इसमें से न्यातो डुकम उस सीट से निर्विरोध जीते हैं जो राज्य के पूर्व कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री नबाम तुकी की सीट रही है।
निर्विरोध निर्वाचित होने को लेकर पेमा खांडू ने कहा, “पांच विधानसभा क्षेत्रों में केवल एक नामांकन पत्र भरा गया है। हमें आशा है कि नाम वापसी के आखिरी दिन तक कुछ और सीटें इसमें जुड़ जाएँगी।” अरुणाचल में 30 मार्च, 2024 नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है।
राज्य विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने जहाँ सभी 60 प्रत्याशियों की घोषणा नामांकन से कुछ दिन पहले ही कर दी थी, वहीं कॉन्ग्रेस और NPP इस मामले में पिछड़ गईं। कॉन्ग्रेस ने राज्य में 60 विधानसभा सीटों में से मात्र 34 विधानसभा सीटों पर ही अपने प्रत्याशी घोषित किए। कॉन्ग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की एक ही सूची जारी की और उसके बाद नामांकन की समय सीमा समाप्त हो गई।
Ex. CM of AP & President of APCC Shri @NabamtukiAP is nominated as Official INC MP (LS) candidate for 1-West Arunachal Parliamentary Constituency and Ex. Minister Shri @BosiramSiram is nominated as INC MP(LS) candidate for 2-East Arunachal Parliamentary Constituency. @INCIndiapic.twitter.com/E2kyliRb53
इससे पहले 2019 के राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत कर सरकार बनाई थी। तब राज्य की 60 सीटों में से भाजपा को 41 सीटें मिली थी। कॉन्ग्रेस ने इस चुनाव में भी मात्र 46 प्रत्याशी ही उतारे थे। कॉन्ग्रेस को यहाँ मात्र 4 सीटों पर विजय मिली थी। जदयू के भी राज्य में 15 में से 7 उम्मीदवार जीते थे जिन्होंने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था।
राज्य की अन्य पार्टी NPP ने विधानसभा चुनाव लड़ने और लोकसभा में भाजपा के उम्मीदवारों का समर्थन करने का निर्णय लिया है। मेघालय की सत्ता में काबिज NPP ने राज्य में 29 उम्मीदवार उतारे हैं। राज्य में दो लोकसभा की भी सीट हैं। इन दोनों सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी रिपीट किए हैं। अरुणाचल प्रदेश पूर्वी से तापिर गाओ जबकि पश्चिमी सीट से केन्द्रीय मंत्री करें रिजीजू को फिर से उतारा गया है।
कॉन्ग्रेस ने भी इन दोनों सीट से अपने लोकसभा उमीदवार घोषित किए हैं। अरुणाचल प्रदेश पश्चिमी से पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी जबकि पूर्वी सीट से बोसिराम सीरम को उतारा गया है। राज्य इस बार भी भाजपा की सरकार बनने के कयास लग रहे हैं।
लड़की से रेप की कोशिश और तौबा न करने पर कत्ल की धमकी देते हुए रामपुर की मस्जिद के इमाम का वीडियो वायरल उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में साल भर पहले हिन्दू धर्म में घर वापसी करने वाली मुस्लिम लड़की ने अपने रिश्तेदारों पर गैंगरेप की FIR दर्ज करवाई है। इसी के साथ पीड़िता ने रामपुर शहर के बेगम बाग़ इलाके में पड़ने वाली एक मस्जिद की भी शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से की है। इस मस्जिद में न सिर्फ छोटी बच्चियों के गैंगरेप बल्कि हथियारों की तस्करी होने का भी आरोप लगाया गया है। मस्जिद का इमाम रईस बताया जा रहा है जिसके कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
इन वीडियो में इमाम रईस कथित तौर पर न सिर्फ हथियारों और अश्लील किताबों के आगे बैठा नजर आ रहा है बल्कि वो ‘घर वापसी’ करने वाली लड़की को अल्लाह का डर भी दिखा रहा है।
आरोप – अफसरों में औरतें सप्लाई करके कमाई
सोशल मीडिया के माध्यम से ऑपइंडिया को मिले कई वीडियो में से एक में कथित तौर पर रईस इमाम नग्न हालत में किसी लड़की से बात करता दिखाई दे रहा है। उसके आगे कुछ अवैध हथियार और कारतूस बिखरे दिखाई दे रहे हैं। सामने कंडोम और अश्लील किताबें भी दिखाई दे रहीं हैं जिसमें मॉडल्स की अधनंगी तस्वीरें छपी हुई हैं। इस वीडियो में मौलाना बोल रहा, “ये सप्लाई करते हैं औरतें। ले कर जाते हैं अफसरों में। इसी तरीके से ये पैसा कमा रहे हैं। बाकी इन्होंने ही मर्डर करा था ये तो सबको पता है। सारी दुनिया जानती है। मेरे कहने का काम है, मैं कह दूँगा। जिस जगह जरूरत पड़े वहाँ मुझ से कहलवा लियो।”
इसी दौरान स्पीकर पर चल रहे फोन में कोई पूछता है कि क्या इमाम रईस कोर्ट में बोलेगा? जवाब में रईस ने 2 बार कहा कि वह ये तमाम बातें कोर्ट में भी बोलने को तैयार है। एक अन्य वीडियो में मौलाना के आगे बैठी लड़की ने मस्जिद में बच्चियों के रेप की बात कही तो इमाम रईस ने कहा कि वो सब कुछ बताने को तैयार है। वह किसी चमरौआ गाँव में हुई हत्या और फिर जमीन कब्ज़े की बात भी उसके द्वारा कही जा रही है। रोते हुए वीडियो बना रही लड़की ने अपनी माँ के साथ 14 साल तक रेप की वजह पूछी तो इमाम रईस बोला, “पहले कह देती तो मैं सब बता देता। किस जगह मैंने साथ नहीं दिया तुम्हारा।”
ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़िता ने बताया कि मर्डर उसके सगे मामा का हुआ था। यह हत्या 350 बीघे जमीन को कब्ज़ा करने के लिए हुई थी। पीड़िता ने हत्या का आरोपित अपने मृतक मामा के चचेरे भाइयों पर लगा था जिसमें मुख्य आरोपित इम्तियाज है। आरोप है कि लड़की के मामा को मार कर फिर उसकी माँ को 14 वर्षों तक बंधक बनाए रखा गया। इस दौरान इमाम रईस वाली मस्जिद में ही लड़की की माँ का 5 साल तक बलात्कार किए जाने का आरोप है। पीड़िता के पिता की साल 2012 में ही मौत हो चुकी थी।
धमकी – ‘तौबा करो वरना मुसलमान मार देंगे तुम्हें’
ऑपइंडिया को मिले एक अन्य वीडियो में पीड़िता और इमाम रईस आमने-सामने बैठे हैं। पीड़िता ने पूछा कि क्या मुस्लिम उसे मार देंगे? इमाम ने कहा, “हाँ, बिलकुल मार देंगे। मकसद यही है कि अल्लाह से तौबा करो। ये करो कि अल्लाह मुझ से जो गलती हो गई उसे माफ़ कर देना। धोखे से या किसी डर की वजह से मैं बनी इसलिए अल्लाह मुझे माफ़ कर दे। कबर का अजीब बहुत सख्त है। अल्लाह बन्दों पर रहम करने वाला है।”
मुस्लिमों से छिप रहा वसीम रिज़वी
वीडियो बना रही लड़की ने आगे पूछा कि जो हिन्दू पैदा हुए हैं क्या अल्लाह उन्हें भी माफ़ नहीं करेगा? इस पर इमाम रईस ने जवाब दिया, “उन्हें क्यों करेगा माफ़? जो कलमे का शरीक नहीं है उसे कोई भी हो। ऐसे-ऐसे लोगों का क़त्ल कर दिया गया है जिनके डंके बजते थे।” इमाम रईस ने नाम लिए बिना वसीम रिज़वी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लखनऊ का वो शिया मुस्लिमों के डर से छिपा फिर रहा है जो कहता था कि मैं तो हिन्दू हो गया। इमाम रईस इसी वीडियो में आगे बोला, “जो कलमा पढ़ा होगा वो दोजख (नरक) में ज़रूर जाएगा लेकिन अल्लाह निकाल देगा उसमें से उन्हें।”
लड़की ने सामने बैठे इमाम रईस से पूछा कि अगर वो पूजा कर ले तो क्या होगा? इस सवाल पर इमाम बोला, “जब अल्लाह ने मुसलमान बनाया है तो उसमें हर जगह फतवा दिया है कि कत्ल गैर-मुस्लिमों का क़त्ल कर दो। ये फतवा निकला हुआ है। ये हदीस है।”
दूर-दूर की बच्चियाँ हैं मदरसे में
इमाम रईस का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो में इमाम किसी मदरसे का जिक्र कर रहा है। रईस बोला कि उसमें दूर-दूर से आईं 800-900 बच्चियाँ हैं। जब वीडियो बना रही लड़की पूछती है कि उन बच्चियों को बाहर क्यों नहीं निकलने दिया जाता तो रईस बोला कि अगर ये छूट मिली तो कई भाग जाएँगी। इमाम रईस ने यह भी दावा किया कि पहले एकाध केस भागने के हो गए तब से अंदर से बहुत सख्ती कर दी गई है। बकौल इमाम, लड़कियों को आपस में साथ बैठने और बोलने भर की छूट है लेकिन बाहर निकलने पर मनाही है।
इमाम रईस इसी वीडियो में आगे कह रहा है कि भारत में अलीगढ़ के बाद ऐसा दूसरा मदरसा यही है। उसने बताया कि यहाँ से फ़ाज़िला हो कर लड़कियों को अलीगढ़ भेजा जाता है। दावा किया गया कि रामपुर में बने इस मदरसे में कम से कम 200 कमरे हैं और सबमें लड़कियाँ भरी हैं। इमाम रईस ने विकल्प के तौर पर यह भी बताया कि अगर लड़की मदरसे न रहना चाहे और सिर्फ वहाँ पढ़ने के मकसद से आए तो वो किसी मकसूद भाई के यहाँ उसके रहने का इंतजाम करवा देगा। इमाम रईस ने अपनी फीस 6 हजार रुपए बताया।
ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़िता ने बताया कि यह मदरसा रामपुर जिले के सिविल लाइंस क्षेत्र में मौजूद है। पीड़िता ने यह भी कहा कि वह चाहती है कि वहाँ से बच्चियों को मुक्त करवाया जाए क्योंकि वो इमाम रईस जैसे कई लोगों के चंगुल में फँसी हुई हैं।
रेप की कोशिश करता दिखा इमाम
ऑपइंडिया को 2 अन्य वीडियो भी मिले हैं। इन दोनों वीडियो में इमाम रईस किसी लड़की से रेप का प्रयास करता दिख रहा है। वह नींद में लग रही किसी लड़की के कपड़े उतार कर पहले उसे नंगा करता है और बाद में उस से रेप की कोशिश करता है। थोड़ी देर बाद एक अन्य वीडियो में इमाम रईस पाजामा बाँधने की कोशिश करता दिख रहा है। वह पॉलीथिन में कुछ छिपाने की भी कोशिश करता दिख रहा है। एक अन्य वीडियो में इमाम रईस को तमाम साम्प्रदायिक बातों वाली वीडियो भी स्क्रॉल कर के सुनते देखा जा सकता है।
ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़िता ने बताया कि उसकी माँ को इमाम रईस ने अपनी मस्जिद में लगभग 5 साल तक रखा था। आरोप है कि इस दौरान उसने कई लोगों के साथ मिल कर पीड़िता की माँ का गैंगरेप किया था। पीड़िता का दावा है कि ये तमाम वीडियो फरवरी 2024 महीने के हैं। बकौल पीड़िता वह रिश्तेदारों और इमाम की वजह से 14 साल तक बंधक बन कर गैंगरेप झेली अपनी माँ को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही है। (साभार: राहुल पाण्डेय, http://www.opindia.com)
पूर्व मुस्लिम लड़की ने मस्जिद से लड़कियाँ सप्लाई और अवैध हथियारों की तस्करी का आरोप लगाया उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में 21 मार्च 2024 को एक मौलाना और एक हाजी सहित कुल 8 लोगों पर गैंगरेप की FIR दर्ज हुई है। एक साल पहले घर वापसी करके हिन्दू बनी पीड़िता ने आरोप लगाया है कि बलात्कारियों में से 4 लोग रिश्ते में उसके मामा हैं। इस पीड़िता का एक और पत्र सामने आया है। इसमें वह एक मस्जिद के अंदर होने वाली गैरकानूनी हरकतों की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है।
यह पत्र 12 मार्च 2024 को लिखा गया है, जिसमें मस्जिद के अंदर जुमे की नमाज़ के बाद लड़कियों से रेप उनकी सप्लाई जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह मामला यूपी के रामपुर जिले के थानाक्षेत्र शहजाद नगर का है। यहाँ की रहने वाली पीड़िता ने रामपुर शहर के बेगम बाग़ इलाके में आने वाली एक मस्जिद के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है।
ऑपइंडिया के पास मौजूद शिकायत की कॉपी के अनुसार, उस मस्जिद में पीड़िता की माँ का साल 1992 के बाद 5 वर्षों तक गैंगरेप हुआ है। पीड़िता का कहना है कि मस्जिद में लगातार रेप होने की वजह से उसकी अम्मी को अब पैड पहनना पड़ता है। पीड़िता ने माँ को 24 घंटों में महज एक बार खाना दिए जाने का भी आरोप लगाया। इस मस्जिद का इमाम रईस नाम का शख्स है।
पीड़िता ने इम्तियाज हुसैन, बरेलवी जमात के मौलाना लतीफ़, वाहिद रज़ा, लईक, ताहिरा, अरमाना, इरफ़ान हाजी, असरार हुसैन, रईस मौलाना और इरफ़ान मौलाना पर उसकी माँ को बंधक बनाकर रेप करने का आरोप लगाया। पीड़िता ने आगे कहा कि इनका एक गैंग है, जो लड़कियों की सप्लाई भी करता है। उसका आरोप है कि जुमे की नमाज़ के बाद मस्जिद में बहुत बड़ी पार्टी की जाती है।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि इस पार्टी में छोटी-छोटी बच्चियों को नशा देकर उनके साथ रेप किया जाता है। इम्तियाज, मौलाना रईस और उसका पूरा गैंग जामिया मदरसा रामपुर, बरेली और अलीगढ़ में लड़कियों को जेहादी भी बनाता है। कुछ लड़कियों को बेचे जाने का भी जिक्र शिकायती पत्र में है। इस गैंग पर चरस, अफीम और अवैध हथियार भी सप्लाई करने के आरोप लगाए गए हैं।
बकौल शिकायतकर्ता, मस्जिद में न सिर्फ उसकी माँ के साथ लगातार रेप हुआ, बल्कि उसकी एक बहन को के साथ भी आरोपितों ने रेप किया और बाद में उसे लापता कर दिया। उसकी बहन का आजतक पता नहीं चला है। शिकायत के अंत में पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मस्जिद और मदरसों की उच्चस्तरीय जाँच की माँग की है और कहा है कि वहाँ बक्सों में हथियार रखे रहते हैं।
मुँह काला करने के लिए खुले मरदसे
पीड़िता का एक वीडियो बयान भी ऑपइंडिया के पास है। इसमें पीड़िता ने सवाल किया है कि अगर मस्जिद में महिलाओं का जाना मना है तो वहाँ इतनी लड़कियाँ कैसे पहुँच गईं। पीड़िता का दावा है कि इस मस्जिद में कुरान का अपमान भी किया जाता है। इसका वीडियो भी उसके पास है। वीडियो में यह भी सवाल किया गया है कि क्या मस्जिद के अंदर किसी लड़की से सेक्स जायज है?
बकौल पीड़िता, आरोपितों का आपराधिक इतिहास है और उन्होंने पहले कई हिन्दुओं की हत्याएँ भी की हैं। खुद को भी रेप पीड़िता बताते हुए लड़की ने कहा कि आरोपितों का संगठन नैनीताल तक एक्टिव है। आरोप है कि मस्जिद में रात की अंतिम नमाज़ के बाद लड़कियों का आना-जाना शुरू हो जाता है जिन्हें सुबह की नमाज़ से पहले ही निकाल दिया जाता है।
पीड़िता ने अपने वीडियो बयान में आरोप लगाया है कि मौलानाओं ने अपना मुँह काला करने के लिए ही मदरसों को खोल रखा है। साथ ही लड़की ने यह भी कहा कि ये तमाम खुलासे करने की वजह से उसकी जान खतरे में है। लड़की ने कभी भी अपनी हत्या हो जाने की आशंका जताई है। पीड़िता ने सीएम योगी और पीएम मोदी से न्याय की उम्मीद जताई है।
कमरे में कंडोम और सेक्सवर्धक दवाएँ
पीड़िता के वकील की तरफ से ऑपइंडिया को कई वीडियो उपलब्ध कराए गए हैं। इन वीडियो में लड़की अपने और उसकी अम्मी के साथ घटी वारदात के बारे में जानकारी देती है। वहीं, इनमें से कुछ वीडियो मस्जिद के अंदर के भी हैं। इन वीडियो में कई हथियार और कारतूस इमाम के बिस्तर पर पड़े नजर आ रहे हैं। कुछ अश्लील किताबें भी बिस्तर पर बिखरी हुई हैं।
एक अन्य वीडियो में एक लड़की मस्जिद के इमाम रईस से पॉलीथिन खोलने के लिए कहती थी। तब पॉलीथिन से कंडोम बाहर निकल कर गिरे। पीछे से आ रही आवाज में बताया जा रहा है कि इमाम की पॉलीथिन में सेक्सवर्धक दवाएँ भी हैं। लड़की द्वारा बनाए गए विजुअल में कुछ ऐसे कमरों का भी दावा किया जा रहा है, जहाँ लड़कियों का यौन शोषण किया जाता है।(साभार)
अरविंद केजरीवाल को लेकर वकीलों को दिल्ली उच्च न्यायालय की फटकार, सुनीता केजरीवाल का नया बयान शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वो फ़िलहाल ED (प्रवर्तन निदेशालय) की कस्टडी में रिमांड पर हैं। AAP के लीगल सेल ने इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि जो वकील विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वो करें, लेकिन अपने जोखिम पर। बता दें कि बुधवार (27 मार्च, 2024) को AAP के लीगल सेल ने दिल्ली की सभी जिला अदालतों में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था।
इसी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कद कार्रवाई की चेतावनी दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने इस पर सवाल उठाया कि आखिर अदालत परिसर में कैसे विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जा सकता है। दोनों जजों ने कहा कि अगर कोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया जाता है तो इसके परिणाम काफी भयंकर होंगे। एक वकील ने AAP के लीगल सेल द्वारा प्रदर्शन के खिलाफ शिकायत का जिक्र किया था, जिस पर ये टिप्पणी आई।
अपने रिस्क पर प्रदर्शन करें वकील: दिल्ली हाईकोर्ट
उक्त वकील ने आधी रात को शिकायत की प्रति ईमेल की थी और इस पर त्वरित सुनवाई की माँग की थी। कोर्ट ने कहा कि 1 दिन बाद इस पर सुनवाई होगी, लेकिन साथ ही प्रदर्शनकारी वकीलों को चेताया भी। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित नियम का पालन किया जाएगा। साथ ही कहा कि अदालत को बाधित नहीं किया जा सकता है, कोर्ट को नहीं रोका जा सकता। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अदालत में रुकने से नहीं रोका जा सकता।
Advocate Vaibhav Singh has written to the Chief Justice of Delhi High Court against the call for protest in Delhi Courts by the legal cell of Aam Aadmi Party over ED arrest of CM Arvind Kejriwal
" A protest cannot be called in the court. It violates the right to fair litigation… pic.twitter.com/9KcT9eP9Et
अधिवक्ता वैभव सिंह ने ये शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रदर्शन को लेकर कहा, “आप कोर्ट तक पहुँचने के किसी के मूलभूत अधिकारों को नहीं छीन सकते। यही स्थापित कानून है। अगर कोई ऐसा करता है तो वो अपने जोखिम पर करेगा और ज़रूरत पड़ी तो हम कार्रवाई करेंगे।” BCI (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) भी AAP के लीगल सेल को आगाह कर चुका है कि वो प्रदर्शन न करें। संस्था ने कहा कि न्यायपालिका के फैसले का इंतज़ार करना चाहिए, तब तक विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।
केजरीवाल कोर्ट में बताएँगे कहाँ है तथाकथित शराब घोटाले का पैसा: पत्नी सुनीता
उधर अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा है कि गुरुवार को उनके पति अदालत को बताएँगे कि दिल्ली शराब घोटाले का पैसा कहाँ लगा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने 2 दिन पहले ही जल मंत्री आतिशी को सन्देश भेजा था कि लोगों की सीवर की समस्या का समाधान हो, क्या गलत किया। सुनीता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इससे बेहद पीड़ा हुई है कि इस आदेश का विरोध हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस तथाकथित शराब घोटाले का एक पैसा किसी भी छापे में नहीं मिला है।
सुनीता केजरीवाल ने कहा, “इस तथाकथित शराब घोटाले का ये पैसा है कहाँ? अरविंद जी ने कहा है कि 28 मार्च को कोर्ट के सामने इसका खुलासा करेंगे, सारे देश को सच-सच बताएँगे और इसका सबूत भी देंगे। अरविंद जी सबसे सच्चे, देशभक्त, निडर और साहसी व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा है कि मेरा शरीर जेल में है लेकिन आत्मा आप सबके बीच है। आँखें बंद करो तो मुझे अपने आसपास महसूस करोगे।” सुनीता केजरीवाल ने एक बार फिर से अपने पति वाली कुर्सी पर बैठ कर ही ये संबोधन दिया।
अरविन्द केजरीवाल ने एक बार कहा था कि "मै anarchy हूँ", पहले भी कई बार ऐसी हरकतें करता रहा है, और अब ED की हिरासत में रहकर। दिल्ली की जनता ने ऐसे उपद्रवी मानसिकता वाले को अपना मुखिया चुना, जो इन्ही का भविष्य घोर संकट में डाल रहा है। कहावत है 'हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी लेकर डूबेंगे' को साबित कर रहा है केजरीवाल। या कहा जाये कि 'जब सियार की मौत आती है, शहर की तरफ भागता है।
केजरीवाल जैसी हरकतें कर रहा है ED की custody में रह कर वो उसी के लिए मुसीबत बन जाएगी इसमें कोई शक नहीं है। जो मोबाइल नहीं संभाल सका, उसने दिल्ली का क्या किया होगा।
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शीश महल पर रेड के बाद 21 मार्च को केजरीवाल गिरफ्तार हुआ और 22 मार्च को कोर्ट ने उसे ED की custody में भेज दिया 28 मार्च तक के लिए।
23 मार्च को केजरीवाल की पत्नी उसे ED की custody में मिलती है और अगले दिन 24 मार्च को केजरीवाल का पत्र जनता के नाम मीडिया के सामने केजरीवाल की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ कर पढ़ती है जबकि न वो कोई मंत्री है और न किसी ओहदे पर है सरकार में।
24 मार्च को ही आतिशी मार्लेना केजरीवाल के Custody से उसके नाम जारी किया हुआ आदेश मीडिया में सुनाते हुए भावुक हो कर कहती है कि केवल केजरीवाल जी ही ऐसे व्यक्ति हैं जो कैद में रहते हुए भी जनता की चिंता कर सकते हैं। केजरीवाल ने आतिशी को कहा दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को पानी की समस्या हो रही है जिसे तुरंत देखिए।
26 मार्च को केजरीवाल का एक और कथित आदेश सौरभ भारद्वाज के नाम जारी हुआ जो खुद सौरभ ने पढ़ कर सुनाया कि मोहल्ला clinics और सरकारी अस्पतालों में दवाइयों और tests के गंभी समस्याएं हैं और इस पर तुरंत कार्रवाई करो जिससे जनता को कोई समस्या न हो।
अब ये दोनों कार्यालय आदेश केजरीवाल ने sign नहीं किए जिससे साफ़ पता चलता है कि आतिशी और सौरभ ने खुद ये फर्जी पत्र केजरीवाल के नाम से बनाए क्योंकि केजरीवाल को कोई computer नहीं दिया गया और ये पत्र computer पर type किए गए हैं।
केजरीवाल हो सकता है सुनीता को दिया पत्र और आतिशी/सौरभ को दिए पत्र गिरफ्तार होने से पहले ही कह गया हो कि ऐसे पत्र जारी कर देना या जो बड़े बड़े नौकरशाह (रिटायर्ड) जो feed back unit में काम करते रहे हैं, उन्होंने लिखे हों लेकिन केजरीवाल यह भूल गया कि इन पत्रों को जारी करना तो Custody में रह कर ही माना जाएगा।
फिर केजरीवाल यह भी भूल गया कि पानी और अस्पतालों/मोहल्ला क्लीनिक की दुर्दशा बता कर वह अपने ही मंत्रियों को निकम्मा साबित कर रहा है क्योंकि उसके कहने का मतलब है कि 21 मार्च तक जब तक मैं था, तब तक कोई समस्या नहीं थी और 2 दिन में आतिशी ने पानी की व्यवस्था बिगाड़ दी और सौरभ ने 4 दिन में अस्पतालों का बेड़ा गर्क कर दिया।
पानी की समस्या इसलिए बता रहा है कि जेल जाने पर पता नहीं कैसा पानी मिले और फिर जाना भी सरकारी अस्पताल में पड़ेगा।
जेल से सरकार चलाने का भूत जल्दी उतरेगा क्योंकि सब पर जल्द जांच में धोखाधड़ी का केस बना देगी ED और सारे अपने ही जाल में फंस जाएंगे।
यह फर्जीवाड़ा Constitutional machinery का ध्वस्त होना माना जा सकता है और सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है जबकि यदि केजरीवाल त्यागपत्र देता है और किसी को कुर्सी सौंप देता है तो “आप” की हुकूमत शायद चलती रहे।
एक मामला जो बहुत गंभीर मोड़ पर पहुँच सकता है वह है ED के अधिकारियों की जासूसी का जिसके लिए हो सकता है देशद्रोह का भी केस चल जाए। एक खबर के मुताबिक केजरीवाल ने अपनी FeedBack Unit में 15 से ज्यादा रिटायर्ड नौकरशाहों के जरिए यह जासूसी कराई थी और जिनकी जासूसी की गई उनमे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, वकील, नौकरशाह, तीनो सेना के अधिकारी और विपक्ष के नेता शामिल थे। इसकी जांच CBI पहले ही कर रही है। मजे की बात है इस कलाकार CM ने इज़रायल को Military Grade Snooping Device का order भी दिया था खरीदने के लिए जो उस कंपनी ने देने से मना कर दिया था।
जो रिटायर्ड नौकरशाह इस Feedback Unit में काम कर रहे थे, उन पर तुरंत रेड होनी चाहिए और मामले की गंभीरता को देखते हुए हो सके तो उनकी पेंशन रोक देनी चाहिए।
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को करारा जवाब दिया है। जयराम रमेश ने उनके मंत्रालय की आलोचना में एक लंबा पोस्ट लिखा था। मंत्री ईरानी ने भाजपा सरकार की उपलब्धियां और UPA की कमियाँ गिना दी।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सोमवार (25 मार्च, 2024) को एक्स (ट्विटर) पर एक लंबा सा पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार में 10 वर्षों में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने काम नहीं किया। उन्होंने इसके नीचे तमाम मुद्दे गिनवाए जिसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं से लेकर NCRB के आँकड़े थे।
The BJP’s naras of nari shakti remain empty words without real action. For 10 years, the Ministry of Women and Child Development has seen only incompetence, apathy, and an anti-women mindset.
While the Minister herself remains silent as women across India are assaulted, waking…
उनके इस दावे को केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ध्वस्त कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर ही जवाब देते हुए लिखा, “जब मूर्ख दूसरों को मूर्ख बनाने का प्रयास करते हैं तो वह खुद की मूर्खता का ज्यादा प्रदर्शन करते हैं। एक दरबारी एक राजकुमार की बड़ाई के चक्कर में अपनी ही नाकामी प्रदर्शित कर दी।”
In a blatant and somewhat pitiful attempt to curry favour with the perpetual heir apparent, a certain courtier has unwittingly exposed his…
— Smriti Z Irani (Modi Ka Parivar) (@smritiirani) March 25, 2024
इसके बाद केन्द्रीय मंत्री ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के कामों को गिनाया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के विशेष रूप से स्थापित किए गए निर्भया फंड का एक रुपया भी 2014 में UPA सरकार के अंत तक खर्च नहीं किया गया था। मंत्री ईरानी ने बताया कि मोदी सरकार में निर्भया फंड से 40 प्रोजेक्ट चालू हुए हैं। इसके लिए 7215 करोड़ रूपए का आवंटन हुआ है।
उन्होंने जयराम रमेश पर हमला बोलते हुए कहा कि UPA सरकार में एक इमरजेंसी हेल्पलाइन भी नहीं जारी की जा सकी थी। उन्होंने कहा कि जबसे 2015 में निर्भया हेल्पलाइन बनी है, तब से इससे 70 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता मिली है। इसके अलावा भी उन्होंने कई प्रोजेक्ट गिनाए।
केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने आगे बताया कि 2014-15 के बाद महिलाओं के लिए जारी किया जाने वाला बजट काफी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान बजट में 215% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कई योजनाओं के बढ़ाए गए बजट के आँकड़े सामने रखे।
जयराम रमेश ने आंगनवाडी कार्यकार्ताओं की हालत पर भी प्रश्न उठाए थे। केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने बताया कि सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 1500 रूपए बढ़ाया है। उन्होंने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के हितों को लेकर किए गए और भी काम गिनाए जिसमें पीएम गरीब कल्याण योजना और आयुष्मान योजना में इनका शामिल किया जाना था।
केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने स्पष्ट किया कि बीते कुछ सालों में महिलाओं की देश की वर्कफोर्स में भी वृद्धि हुई है। मुद्रा लोन जैसी योजनाओं की सबसे बड़ी लाभार्थी वही हैं। स्मृति ईरानी ने राहुल गाँधी का नाम लिखे बगैर उन्हें राजकुमार बताया और कहा कि वह जमीन से अपना सम्बन्ध खो चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री के जवाब के बाद जयराम रमेश ने इस विषय पर कोई ट्वीट नहीं किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि उन्हें याद नहीं है कि उनका पुराना मोबाइल फोन कहाँ है। इस मोबाइल फोन को सीएम केजरीवाल कथित तौर पर तब इस्तेमाल कर रहे थे, जब दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति तैयार की जा रही थी। उन्हें ED ने गुरुवार (21 मार्च) को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ED की हिरासत में भेजा है।
हर समन पर किसी न किसी बहाने रुक कर केजरीवाल हर सबूत को नष्ट कर रहे थे, ताकि अपने आपको निर्दोष साबित कर सके। जो अब ED की जाँच में सामने आने लगा है।
सूत्रों के हवाले से टाइम्स नाऊ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जिस फोन का इस्तेमाल कर रहे थे, वह गायब हो गया है। जाँच के शुरुआत से ही ED का कहना है कि इस केस की अहम चीजें नष्ट कर दी गई हैं।
- 'The phone used by Arvind Kejriwal during the 'liquor scam' period is missing. SOURCES
From the beginning of the probe, the ED has said that the key things of this case have been destroyed...: @bhavatoshsingh shares more details with Siddhartha Talya pic.twitter.com/GHQfSTCN2I
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि यह सेल फोन ऐसे गायब होने वाला 171वाँ गैजेटों है। इस मोबाइल फोन में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति योजना से संबंधित प्रासंगिक जानकारी हो सकती है। केंद्रीय जाँच एजेंसी ED के मुताबिक, इससे पहले 170 मोबाइल फोन का पता नहीं चल सका है।
हालाँकि, ईडी ने 17 फोनों को ट्रैक करने के बाद उनमें से जुटाई गई जानकारी का मिलान किया है। एजेंसी ने आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया को आरोपित बनाया है। इस आरोप पत्र में उन 17 मोबाइल फोनों से प्राप्त डेटा को भी शामिल किया गया है। जाँचकर्ताओं का कहना कि सबूत मिटाने के लिए फोन को नष्ट किया जा सकता है।
एजेंसी की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि अधिकांश जानकारी और सबूत आरोपियों के लैपटॉप और मोबाइल फोन से प्राप्त किए गए थे। एजेंसी का मानना है कि जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं, उनमें से ज्यादातर ने मई और अगस्त 2022 के बीच अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन बदल दिए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय उस फोन से कुछ डेटा हासिल करना चाहता है जिसका इस्तेमाल सीएम केजरीवाल कथित तौर पर शराब नीति मामले के एक अन्य आरोपित समीर महेंद्रू से बात करने के लिए करते थे। माना जाता है कि मुख्यमंत्री ने महेंद्रू से फोन पर बात की थी और उन्हें बताया था कि विजय नायर ‘उनका लड़का’ है और वह ‘उन पर भरोसा कर सकते हैं’।
ईडी की चार्जशीट में AAP के मीडिया प्रभारी विजय नायर पर ‘साउथ ग्रुप’ के लिए मध्यस्थ के रूप में काम करने का आरोप लगाया गया है। इस ग्रुप ने कथित तौर पर दिल्ली में स्पिरिट रिटेल उद्योग में पहुँच हासिल करने के लिए केजरीवाल सरकार को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। दिल्ली की एक अदालत में ED ने 22 मार्च को दावा किया कि केजरीवाल इस घोटाले के प्रमुख साजिशकर्ता हैं।
ED ने अरविंद केजरीवाल पर यह आरोप लगाया है कि वह व्यक्तिगत रूप से पॉलिसी के निर्माण, भुगतान की माँग के साथ-साथ आपराधिक आय के प्रसंस्करण में शामिल थे। हालाँकि, सीएम केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय के इन दावों का खंडन किया है और कहा है कि कोई भी सबूत उन्हें अब बंद हो चुके कार्यक्रम के तहत कथित धोखाधड़ी से नहीं जोड़ता है।
शीशे के महलों में रहने वालों को दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। पलटवार होने पर सबसे ज्यादा नुकसान होता है। भाजपा की तरफ से हिमाचल प्रदेश की मंडी से लोकसभा उम्मीदवार घोषित होने के बाद कंगना रनौत के खिलाफ ऑनलाइन गालियाँ देने का अभियान चलाया गया। उनके लिए बेहद अभद्र शब्द इस्तेमाल किए गए। इस पूरे अभियान में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत भी शामिल रहीं। हालाँकि, बाद में वह बचती नजर आईं।
लेखक
कंगना पर घिनौनी भाषा इस्तेमाल करने वाली सुप्रिया क्या सोनिया गाँधी के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकती है? जिस तरह कंगना के फिल्मों के फोटो किया है, क्या सोनिया के शादी से पहले के फोटो शेयर कर सकती है? क्या बताएगी कि राजीव गाँधी से शादी करने से पहले इटली में सोनिया क्या करती थी? लेकिन अब सोशल मीडिया पर सब उजागर हो रहा है। मोदी को कहते है 'चाय बेचने वाला' लेकिन सोनिया के बारे में बोलने की हिम्मत नहीं।
कल जब कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से टिकट दिया गया था, मुझे तब ही आभास हो गया था कि कांग्रेस के “भाषा विशेषज्ञ” अपना ज्ञान जरूर बरसाएंगे इस सीट के लिए और वही हुआ है।
अपने इंस्टा पर सुप्रिया श्रीनेत ने एक स्त्री होते हुए कंगना रनौत के लिए सभी मर्यादाएं पार करते हुए भद्दी टिप्पणी करते हुए लिखा - “क्या भाव चल रहा है मंडी में कोई बताएगा” और यह लिखते हुए श्रीनेत ने कंगना की एक Racy Picture लगाई - अब इन शब्दों का मतलब कोई भी समझ सकता है - अगर श्रीनेत को कहा जाए कि “पूछ तो ऐसे रही हो जैसे खुद कोई धंधा चलाती हो और अपने ठिकाने के लिए worker तलाश कर रही हो” तो कैसा लगेगा - और एक बार अपनी पार्टी में भी पूछ ले कभी किस किस का क्या “रेट” हुआ करता था -?”
सुप्रिया के यह पोस्ट करने के बाद उनकी जम कर आलोचना हुई है। कंगना रनौत ने उन पर प्रश्न उठाते हुए ट्विटर लिखा, “प्रिय सुप्रिया जी, एक कलाकार के रूप में अपने 20 वर्ष के करियर में मैंने हर तरह की महिला की भूमिका निभाई है। क्वीन फिल्म में एक भोली लड़की से लेकर धाकड़ फिल्म में एक जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी में एक राक्षसी तक, रज्जो में एक वेश्या से लेकर थलैवी में एक क्रांतिकारी नेता तक।”
इस पर कांग्रेस की गुलाम बुढ़िया 78 साल की मृणाल पांडे, जो एक अलग तरह की Frustrated आत्मा लगती है कहती है शायद अपने Experience से -”शायद यूँ कि मंडी में सही रेट मिलता है” - वहीँ कांग्रेस के एक पदाधिकारी HS Ahir ने ट्वीट किया “मंडी से R*ndi”
जब भाजपा ने श्रीनेत को आड़े हाथों लिया तो उसने 2 घंटे बाद सफाई देते हुए कहा कि “उसका मेटा अकाउंट हैक हो गया और पोस्ट को डिलीट कर दिया उसने दावा भी किया जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है मैं किसी महिला के लिए ऐसा नहीं कह सकती” -
एक यह और झूठ बोला श्रीनेत ने, उसे याद नहीं उसने स्मृति ईरानी के लिए राहुल गांधी के Flying Kiss ड्रामे पर कहा था “वो औरत के नाम पर एक धब्बा है”
सवाल यह उठता है कि जब सुप्रिया श्रीनेत का अकाउंट हैक हो गया था तो वह पोस्ट तो उसकी थी ही नहीं, वो तो किसी हैकर ने लिखी थी - फिर पोस्ट को डिलीट करने का कोई औचित्य था ही नहीं -
सुप्रिया श्रीनेत की इन टिप्पणियों पर चौतरफा उनकी आलोचना हो रही है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और राष्ट्रीय महिला आयोग से उन पर एक्शन लेने की माँग की जा रही है। पोस्ट डिलीट करके उन्होंने सफाई पेश की है लेकिन लोग पूछ रहे हैं कि आखिर उनके द्वारा ऐसा पोस्ट हुआ ही क्यों।
अब भाजपा खड़गे से कह रही है सुप्रिया को बर्खास्त करो लेकिन कांग्रेस तो ऐसी गाली बकने वालों को इनाम देती है, वो सुप्रिया पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी - कांग्रेस तो अपने सहयोगी DMK के प्रधानमंत्री को दी गई किसी गाली पर विरोध नहीं दिखाते और सनातन को समाप्त करने और हिन्दू धर्म को शत्रु बताने पर द्रमुक के साथ खड़े होते हैं
द्रमुक के एक मंत्री TM Anbarasan ने अभी 13 मार्च को कहा था कि "I am silent and speaking in a soft manner as I am a Minister. If I weren't a Minister, I would have chopped him (PM Modi) to pieces" - कांग्रेस ने तो खुद मोदी के टुकड़े करने वाले इमरान मसूद को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष और AICC का राष्ट्रीय सचिव भी बनाया था - वो कांग्रेस भला TM Anbarasan का विरोध कैसे करेगी बल्कि कांग्रेस को तो अच्छा लगेगा अगर वह मंत्री मोदी की हत्या कर देगा क्योंकि मोदी को कांग्रेस वैसे तो हरा नहीं सकती -
आज तमिलनाडु के एक और मंत्री अनीता राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्द बोले हैं कि “आप (मोदी) कामराज की सोते हुए हत्या करना चाहते थे, आप तो बात ऐसे कर रहे हो जैसे कामराज आपको गले लगाते थे और भी बहुत कुछ कहा है - कामराज कांग्रेस से मुख्यमंत्री थे और मोदी की उनकी तारीफ करने पर द्रमुक मंत्री मोदी को ऐसे बेइज़्ज़त करता है लेकिन कांग्रेस खामोश है -
कांग्रेस और उसके साथियों का गिरोह “इंडी ठगबंधन” अंधेरे में भटकता हुआ “गैंग” है जिसे कहीं कोई ठिकाना नज़र नहीं आ रहा - सभी को हार दिखाई दे रही है जिसकी वजह से मानसिक संतुलन खो कर जो मुंह में आ रहा है, वह बोल रहे हैं - एक तो प्रधानमंत्री बनने के सपने देखते देखते जेल पहुंच गया -
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। सुप्रिया श्रीनेत ने फेसबुक और इन्स्टाग्राम पर एक पोस्ट में अभिनेत्री कंगना रनौत पर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने यह पोस्ट बाद में हटा ली थी और सफाई पेश की थी।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “राष्ट्रीय महिला आयोग सुप्रिया श्रीनेत और श्री एच.एस. अहीर के अभद्र आचरण से हैरान है। इन्होने कंगना रनौत के विषय में सोशल मीडिया पर फूहड़ और अपमानजनक टिप्पणी की है। ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, यह महिलाओं की गरिमा के विरुद्ध है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने देश के चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर सुप्रिया श्रीनेत और अहीर के खिलाफ जल्द कार्रवाई की माँग की है। महिलाओं के सम्मान और गरिमा को बनाएँ रखें।”
24 मार्च, 2024 को अभिनेत्री कंगना रनौत को भाजपा ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया था। कंगना रनौत के चुनाव प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों और ट्रोल का अभियान चलाया गया था।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर कंगना की एक फोटो डालते हुए लिखा, “क्या भाव चल रहा है मंडी में कोई बताएगा?”
सुप्रिया के यह पोस्ट करने के बाद उनकी जम कर आलोचना हुई। कंगना रनौत ने उन पर प्रश्न उठाते हुए ट्विटर लिखा, “प्रिय सुप्रिया जी, एक कलाकार के रूप में अपने 20 वर्ष के करियर में मैंने हर तरह की महिला की भूमिका निभाई है। क्वीन फिल्म में एक भोली लड़की से लेकर धाकड़ फिल्म में एक जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी में एक राक्षसी तक, रज्जो में एक वेश्या से लेकर थलैवी में एक क्रांतिकारी नेता तक।”
Dear Supriya ji In the last 20 years of my career as an artist I have played all kinds of women. From a naive girl in Queen to a seductive spy in Dhaakad, from a goddess in Manikarnika to a demon in Chandramukhi, from a prostitute in Rajjo to a revolutionary leader in Thalaivii.… pic.twitter.com/GJbhJTQAzW
सुप्रिया के इस पोस्ट पर प्रश्न उठाए जाने पर उन्होंने इसे हटा लिया और ट्विटर पर सफाई पेश की। उन्होंने ट्विटर पर एक ट्वीट लिख कर अकाउंट का एक्सेस किसी और के हाथ में होने और साथ ही एक पैरोडी अकाउंट पर दोष मढ़ने का प्रयास किया। उन्होंने अपने ही अकाउंट से पोस्ट किए गए फोटो को लेकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया।
उन्होंने लिखा, “मेरे मेटा अकाउंट (फेसबुक और इंस्टा) का एक्सेस रखने वाले किसी व्यक्ति ने एक काफी घृणित और आपत्तिजनक पोस्ट की, जिसे हटा दिया गया है। जो भी मुझे जानता है उसे पता होगा कि मैं किसी महिला के लिए ऐसा कभी नहीं कहूँगी। हालाँकि, मुझे अभी पता चला है कि मेरे नाम से एक पैरोडी अकाउंट ट्विटर पर चलाया जा रहा है, इससे ही पूरी शरारत शुरू हुई और इसकी रिपोर्ट की जा रही है।”
Someone who had access to my meta accounts ( FB and Insta) posted an absolutely disgusting and objectionable post, which has been taken down.
Anyone who knows me will know I would never say that for a woman.
However a parody account that I have just discovered misusing my name…
This account is also run by your team so you can post your real thoughts about Hindu women. We Himachali will show you how to respect our women. pic.twitter.com/kfsUdjJp06
एक कांग्रेस नेता HS अहीर ने भी कंगना पर अभद्र ट्वीट किया था और बाद में यही सफाई पेश की थी कि उनका अकाउंट एक्सेस किसी और के पास था और उसने यह ट्वीट किया।