केजरीवाल पर शरणार्थी आपराधिक मुकदमा दायर करें और मानवाधिकार हनन की शिकायत दर्ज करें; हिन्दू शरणार्थियों के अपमान पर सारा हिन्दू समुदाय “आप”/कांग्रेस का बहिष्कार करे

सुभाष चन्द्र 

भारतीय राजनीति का जहरीला कोबरा अरविन्द केजरीवाल अपने असली रंग में आ गया और रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की भारत में अवैध घुसपैठ को समर्थन देते हुए हिंदू शरणार्थियों को अपमानित करते हुए उन्हें “बलात्कारी” तक कह गया। पाकिस्तान/बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हुए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तरह अवैध घुसपैठिये नहीं है और उन्हें कानून के अंतर्गत ही नागरिकता दी जा रही है लेकिन विपक्ष CAA का पुरजोर विरोध कर रहा है केवल मुस्लिमों को खुश करने के लिए 

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इस विषय में दिल्ली के ठग और मक्कार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सारी सीमाएं लांघते हुए शरणार्थियों का घोर अपमान करते हुए कहा है कि -

“केंद्र सरकार का लागू किया गया CAA कानून बहुत खतरनाक है जिसकी वजह से Law and Order ठप हो जाएगा और चोरी डकैतियां और बलात्कार बढ़ेंगे”

हमारा देश एक गरीब देश है और अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 3 करोड़ लोगों में डेढ़ करोड़ लोग भी भारत में आ गए तो उनको कहां बसाया जाएगा, नौकरियां कहां से देंगे, जो रोजगार हमारे बच्चों को मिलना चाहिए वो तो वो लोग ले जाएंगे’

CAA के बाद ये पाकिस्तानी पूरे देश में फ़ैल जाएंगे और हमारे ही मुल्क के लोगों को हड़काएंगे और हुड़दंग करेंगे; इनकी इतनी हिम्मत हो गई कि दिल्ली की जनता द्वारा भारी बहुमत से चुने गए CM को हमारे ही मुल्क में घुस कर माफ़ी मांगने को कह रहे हैं”

पाकिस्तानियों को पूरी सुरक्षा और सम्मान के साथ मेरे घर के बाहर प्रदर्शन करने की इज़ाज़त दी गई लेकिन इस देश के किसानों को दिल्ली आने की भी इज़ाज़त नहीं है; भारत के किसानों को अश्रु गैस के गोले, लाठियां, डंडे और गोलियां? और पाकिस्तानियों को इतना सम्मान?”

अब शरणार्थियों को चाहिए कि वे केजरीवाल के खिलाफ एक तो मानहानि का आपराधिक  मुकदमा दायर करें क्योंकि केजरीवाल ने सभी शरणार्थियों को “बलात्कारी (rapist) कहा है, उन्हें चोर और डकैत और दंगाई कहा है” NCRB के रिकॉर्ड से बताया जाए कितने शरणार्थी और कितने रोहिंग्या या बांग्लादेशी अपराधों में लिप्त रहे हैं 

दूसरा केस शरणार्थियों को NHRC में फाइल करना चाहिए कि केजरीवाल ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हम शरणार्थियों के मानवाधिकारों के हनन की कोशिश की है और ऐसी ही शिकायत उन्हें UNHCR के पास भी दायर करनी चाहिए क्योंकि जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस विषय को गलत ढंग से UNO में उठा सकते हैं तो शरणार्थी भी यह विषय UN संस्था तक ले जाने का अधिकार रखते हैं

केजरीवाल के दिल में हिंदुओं के लिए कितना जहर भरा है वो इस बात से साबित होता है कि उसने हिन्दू शरणार्थियों को चोर, डकैत और बलात्कारी कहने के साथ साथ उन्हें बार बार पाकिस्तानी कहा है, न हिंदू कहा और न शरणार्थी कहा 

दूसरी तरफ केजरीवाल, कांग्रेस और विपक्षी दल रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को पूरे देश में बसाने और वोट बैंक बनाने के लिए आगे रहे हैं जब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को नागरिकता मिल जाएगी तो यही केजरीवाल और अन्य दल उन शरणार्थियों के चरणों में लोटते फिरेंगे वोट के लिए

केजरीवाल और विपक्ष को अगर CAA नहीं चाहिए तो पहले सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को देश से बाहर भेजने के लिए हामी भरो उन्हें लाइन लगा कर वापस भेजो चुनाव आयोग 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के फर्जी आधार कार्ड पर बने वोटर कार्ड रद्द करे

तेलंगाना : नहीं हो रही मोदी सरकार से कोई दिक्कत, कांग्रेस मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने ध्वस्त किया आरफा का एजेंडा

रेवंत रेड्डी (बाएँ) और आरफा खानम शेरवानी (दाएँ) (चित्र साभार: Telangana Today & @JaipurDialogues/X)
प्रोपेगेंडा पोर्टल द वायर की युट्यूबर आरफा खानम शेरवानी तेलंगाना के कांग्रेसी मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मात खा गईं। एक इंटरव्यू में आरफा ने काफी कोशिश की कि वह मुख्यमंत्री रेड्डी से भाजपा की केंद्र सरकार की आलोचना करवाएँ, लेकिन असफल रहीं। उन्होंने कई बार यह प्रयास किया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़े भाई बताने वाले रेवंत ने उनकी चालों को फेल कर दिया।

आरफा ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ एक 40 मिनट लंबा इंटरव्यू किया है। मुख्यमंत्री रेड्डी ने इस दौरान उनसे कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान मोदी की आलोचना नहीं की और स्पष्ट किया कि उन्होंने हाल ही में पीएम मोदी को बड़े भाई का दर्जा क्यों कहा था।

केंद्र सरकार से तेलंगाना को मिलने वाले फंड को लेकर आरफा ने रेड्डी से एक प्रश्न पूछा। आरफा ने पूछा कि क्या आपको केंद्र से फंड लेने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है? इस पर सीएम रेडी ने उनकी बात नकार दी।

रेड्डी ने कहा, “नहीं अभी तो शुरुआत है, इतना जल्दी मैं सीधा-सीधा मैं टिप्पणी नहीं करूँगा। हमें आज तक तो कोई दिक्कत नहीं आई है, जो हमने केंद्र से माँगा है, मिला है। मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है। बाद में क्या होगा, उसका तब देखेंगे।” आप यह बातचीत इस वीडियो में 29:55 सेकंड से सुन सकते हैं।

इसके बाद आरफा ने फिर कोशिश की। आरफा ने दूसरे प्रदेशों (केरल, बंगाल और कर्नाटक) का उदाहरण देकर सीएम रेड्डी से केंद्र को लेकर टिप्पणी चाही। इसमें भी आरफा फेल हो गईं। सीएम रेड्डी ने फिर स्पष्ट किया, “अभी तक तो केंद्र सरकार से हमें कोई दिक्कत नहीं आई है, अगर केंद्र सरकार से कोई दिक्कत आएगी तो हम बता देंगे कि यहाँ-यहाँ समस्या हो रही है।”

आरफा ने सीएम रेड्डी से कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की मीडिया को लेकर कही गई बात का जिक्र भी किया। गौरतलब है कि राहुल गाँधी लगातार मीडिया पर कवरेज में पक्षपात का आरोप लगाते रहे हैं। इस पर भी आरफा की दाल नहीं गली। सीएम रेड्डी ने स्पष्ट रूप से कहा कि चुनाव कभी भी मीडिया के सहारे नहीं जीते जाते।

इसके अलावा सीएम रेड्डी ने पूरे इंटरव्यू के दौरान कहीं पर भी पीएम मोदी या अन्य किसी भाजपा नेता की निजी रूप से आलोचना नहीं की। हालाँकि, आरफा ने इसकी खूब कोशिश की लेकिन विफल रहीं।

अपने शब्दों में ही उसके सेशन कोर्ट के आर्डर आते ही केजरीवाल की “पैंट गीली हो गई” ; जमानत पर बाहर

सुभाष चन्द्र

आज(16 मार्च) को Rouse Avenue कोर्ट से दिल्ली शराब और अन्य घोटालों के सरगना अरविन्द केजरीवाल को जमानत मिल गयी। केजरीवाल कभी स्वयं कहा करता था कि ED से सामने पेश होते हुए बड़े बड़े लोगों की पैंट गीली हो जाती है शायद यही वजह थी जो केजरीवाल ED द्वारा जारी किए 8 summons की अवहेलना करता रहा और  ED की 2 शिकायतों पर मजिस्ट्रेट द्वारा उसके पेश न होने को अपराध मान कर 16 मार्च को कोर्ट में पेश होने के निर्देश के खिलाफ वो सेशन कोर्ट चला गया

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लेकिन आज सेशन जज राकेश स्याल ने केजरीवाल की अपील खारिज करते हुए निर्देश दिए कि उसे मजिस्ट्रेट के सामने कल निजी तौर पर पेश होना ही होगा मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकता है Personal Appearance से छूट के लिए

अब यह भी निश्चित है कि ED की इतनी गंभीर शिकायतों पर न तो मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा अपनी अदालत में पेशी से छूट देगी और न ही ED के Summons पर पेश न होने की अनुमति देंगी

इसलिए जाहिर है आज सेशन कोर्ट के आदेश होते ही केजरीवाल के अपने शब्दों के अनुसार उसकी “पैंट गीली” हो गई होगी क्योंकि ED के सामने नाक रगड़ कर जाना ही पड़ेगाआज ED ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी के कविता को केजरीवाल सरकार के शराब घोटाले में ही हैदराबाद में उसके घर पर रेड करने के बाद गिरफ्तार कर लिया और हो सकता है कविता से ED को केजरीवाल के खिलाफ कुछ गंभीर input मिले हों जो केजरीवाल को गिरफ्तार करने में सहायक होंगे यह भी हो सकता है भविष्य में कविता सरकारी गवाह बनने की अपील करे और केजरीवाल के सारे राज खोल दे

“यही रात अंतिम, यही रात भारी,

बस एक रात की अब कहानी है सारी”

आज तो जैसे क़त्ल की रात है या कहें तो क़यामत की रात है केजरीवाल के लिए क्योंकि कल पता नहीं क्या होगाआज “आप” में मंथन होगा कि “महाशय” अगर अंदर हो गए तो मुख्यमंत्री की गद्दी पर कौन बैठेगा गद्दी पर बैठने वाला ऐसा तलाश किया जाएगा जो समय आने पर केजरीवाल के लिए गद्दी वापस कर दे कहीं ऐसा न हो जैसा नितीश कुमार के जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद हुआ था जब मांझी ने गद्दी छोड़ने से मना कर दिया था

मैंने अपने एक लेख में पहले भी लिखा था कि केजरीवाल के दिमाग में फितूर है कि चुनावों की घोषणा होते ही आचार संहिता लग जाएगी और फिर उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा लेकिन जांच एजेंसियां अपना काम करती रहती हैं और आचार संहिता उनके ऐसे काम में बाधा नहीं होती और वैसे भी नए चुनाव आयुक्त बड़े सख्त बताए जाते हैं जिनसे केजरीवाल को कोई राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए

K से कविता और K से केजरीवाल - दोनों अंदर होंगे और वैसे भी सिसोदिया/संजय सिंह कब से अपने प्रिय नेता की प्रतीक्षा कर रहे हैं लगता है अब उनका इंतज़ार पूरा होने वाला है। बकरे की माँ का खैर मनाने का समय अब पूरा होने वाला है

ED अपना काम पूरी मुस्तैदी से कर रही है उसे केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोई जल्दी नहीं है केजरीवाल श्याणा है लेकिन ED ठंडी करके खाती है केजरीवाल की नौटंकी अब ख़त्म हो चुकी है कि ED / CBI ने झूठा केस बनाया हुआ है 

केस झूठा होता तो सत्येंद्र जैन/सिसोदिया/संजय सिंह इतने लंबे समय से अंदर न होते आज भी सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया भला किसी झूठे केस पर इस तरह जमानत अर्जी ख़ारिज होती हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि जमानत मांगना हर किसी का अधिकार है

कर्नाटक : येदियुरप्पा के खिलाफ जिसकी शिकायत पर POCSO का केस, वह ‘पीड़िता’ 53 लोगों पर दर्ज करवा चुकी है ऐसे ही मामले: पुलिस अधिकारी, नेता से लेकर बिजनेसमैन तक शामिल

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ शुक्रवार (15 मार्च 2024) को POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम और आईपीसी की धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया। यहाँ एक महिला ने बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन से संपर्क कर दावा किया था कि उसकी 17 साल की उम्र की बेटी का बीएस येदियुरप्पा ने यौन उत्पीड़न किया, जब वो दोनों धोखाधड़ी के एक मामले में मदद के लिए उनके पास पहुँची थी।

हालाँकि, टीवी9 कन्नड़ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि शिकायतकर्ता (नाबालिग लड़की की माँ) इस तरह के मामले 53 मशहूर लोगों के खिलाफ दर्ज करा चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की की माँ साल 2015 से अब तक जाने-माने राजनेताओं, पुलिस अधिकारियों और अपने बिजनेस पार्टनर के खिलाफ इस तरह की शिकायतें दर्ज करा चुकी है, जिसमें 2015 में उसने बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक सिटी पुलिस स्टेशन में अपने पति के एक रिश्तेदार के खिलाफ भी यही (अपनी बेटी के साथ यौन उत्पीड़न का) मामला दर्ज कराया था।

इस मामले में अब येदियुरप्पा के ऑफिस की तरह से एक लिस्ट जारी की गई है, जिसमें शिकायतकर्ता ने ऐसे मामले दर्ज कराए हैं, जो किसी खास पैटर्न की तरफ इशारा करता है।

कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मामला

15 मार्च 2024 को एक 17 साल की नाबालिक लड़की की माँ ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं। इस एफआईआर में बताया गया है कि ये घटना कथित तौर पर 2 फरवरी को हुई, जब वो अपनी बेटी के साथ एक मामले में मदद के लिए उनके पास पहुँची थी।
महिला ने दावा किया कि येदियुरप्पा उनकी बेटी को एक कमरे में ले गए और उसके साथ ‘गलत काम’ को अंजाम दिया। इसके बाद उन्होंने दोनों से माफी माँगी और अनुरोध किया कि दोनों इस मामले में सार्वजनिक तौर पर कुछ भी न बोलें। इस मामले में उनके खिलाफ सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया।
इस मामले में कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ जाँच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा है।

येदियुरप्पा ने आरोपों से किया इनकार

इस मामले में येदियुरप्पा ने आरोपों से इनकार किया है और आरोपों को बकवास बताया है। उन्होंने कहा कि ये मामला पुलिस कमिश्नर के सामने रखा गया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले एक महिला मेरे घर आई और उसने किसी मामले में मदद माँगी। मैंने इस मामले में पुलिस कमिश्नर को फोन करके उस महिला की मदद के लिए कहा। मैंने उससे कहा कि इस मामले को मैंने कमिश्नर को बता दिया है कि वो मामले को देख लेंगे। बाद में वो महिला मेरे खिलाफ बोलने लगी और अब मेरे खिलाफ उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। देखते हैं कि आगे क्या होता है। मुझे इस बारे में बिल्कुल भी नहीं पता कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद है।”
इस बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि पुलिस मामले की जाँच कर रही है और जाँच पूरी होने पर सच्चाई सामने आ जाएगी। जब कॉन्ग्रेस नेता से किसी संभावित राजनीतिक साजिश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने शिकायतकर्ता के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित दावों पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसे संवेदनशील मामला बताया और कहा, “कल रात करीब 10 बजे एक महिला ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जब तक हमें सच्चाई का पता नहीं चलता, हम कुछ भी बता नहीं सकते। मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई राजनीतिक एंगल है। अगर पीड़ित महिला को सुरक्षा की जरूरत है तो दी जाएगी।”

पाकिस्तानी, हुडदंगी, घुसपैठिए, इनको जेल में डालो… केजरीवाल ने ‘पीड़ितों’ के जख्मों पर फिर रगड़ा नमक

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध करने वाली आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस के खिलाफ आज (15 मार्च 2024) फिर पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी शरणार्थी सड़कों पर उतरे। उन्होंने हाथ में पोस्टर और तिरंगा लेकर AAP और कॉन्ग्रेस का विरोध किया। इसे देखते हुए अरविंद केजरीवाल की एक और बार सख्त टिप्पणी आई है।

अरविंद केजरीवाल ने सड़कों पर प्रदर्शन करते शरणार्थियों को देख अपना गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “इन पाकिस्तानियों की हिम्मत? पहले हमारे देश में गैर कानूनी तरीके से घुसपैठ की, हमारे देश का क़ानून तोड़ा। इन्हें जेल में होना चाहिए था। इनकी इतनी हिम्मत हो गई कि हमारे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं, हुडदंग कर रहे हैं? CAA आने के बाद पूरे देश में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी फैल जाएँगे और लोगों को परेशान करेंगे। बीजेपी इन्हें अपना वोट बैंक बनाने के स्वार्थ में पूरे देश को परेशानी में धकेल रही है।”

केजरीवाल ने यह टिप्पणी पीटीआई द्वारा साझा की गई वीडियो पर की। इसमें सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों को विरोध करते देखा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास करती दिख रही है। सामने आई वीडियो कॉन्ग्रेस हेडक्वार्टर के पास की है। यहाँ प्रदर्शन करने आई एक महिला को कहते सुना जा सकता है- “हम अरविंद केजरीवाल, राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, ये लोग क्यों हमारे अधिकार छीनना चाहते हैं जब पीएम हमें दे रहे हैं।”

विपक्षी नेताओं का विरोध

जब से मोदी सरकार ने सीएए को लेकर अधिसूचना जारी की है उसके बाद से कॉन्ग्रेस नेता और आप नेता समेत बाकी विपक्षी दल भी इसके विरोध में टिप्पणियाँ कर रहे हैं। हाल में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने CAA को भेदभावपूर्ण था। उन्होंने कहा था कि सीएए भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों और भावना के खिलाफ है। चुनाव से ठीक पहले अधिसूचित CAA नियम दर्शाता है कि बीजेपी ध्रुवीकरण की राजनीति को लेकर कितनी सजग है।
वहीं AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर सीएए लागू होगा तो देश में अंधाधुंध लोग आएँगे, जैसा कि स्वतंत्रता के बाद हुआ था। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ेगी और चोरियाँ, डकैतियाँ और बलात्कार आदि होंगे।
इन्हीं बयानों के बाद कल भी पाकिस्तान से आए शरणार्थी सड़कों पर उनके विरोध में उतरे थे। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के समर्थन में नारे लगाए थे और सीएम केजरीवाल को कहा था कि वह सीएए पर भ्रम न फैलाएँ, जनता को सच बताएँ। केजरीवाल के इसी बयान के विरोध में गृहमंत्री अमित शाह ने भी उनसे कहा था कि वो हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी और बौद्ध के खिलाफ बोलते हैं मगर कभी रोहिंग्याओं के खिलाफ नहीं कहा।

ममता बनर्जी का ये कैसा वंशवाद का विरोध, सगे भाई को टिकट नहीं और भतीजे को फिर से टिकट


इंडी अलायंस में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मिलाने चले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अब पूरी तरह समझ में आ गया होगा। निजी स्वार्थ की राजनीति के चलते जो नेता अपने सगे भाई की ही सगी नहीं, वो भले इंडी अलायंस की सगी कैसे हो सकती है ? पश्चिम बंगाल की जिस सीट से उनके छोटे भाई बाबुन बनर्जी चुनाव लड़ना चाह रहे हैं, ममता ने अपनी हिटलरशाही राजनीति के चलते बाबुन को ने केवल उस सीट से टिकट ही नहीं दिया, बल्कि उसके प्रतिद्वंद्वी को टिकट थमा दिया। इतना ही नहीं ममता ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके अपने सगे भाई से सारे रिश्ते तक तोड़ लिए। सीएम ममता बनर्जी ने बहाना गढ़ा कि वो परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ हैं, इसलिए बाबुन को टिकट नहीं दे रही हैं। वास्तविकता ये है कि बाबुन ही नहीं बल्कि ममता के परिवार में छह भाई और भतीजे तक उसी वंशवाद के फलफूल रहे हैं और करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहे हैं। इन भाइयों की अवैध कमाई का मामला कोर्ट कर में जा पहुंचा है। अब सबसे छोटे भाई से रिश्ते खत्म के करने के कारण ममता सुर्खियों में छाई हुई हैं। 

भाई बाबून ने हावड़ा से टिकट मांगा तो तोड़ लिए सारे रिश्ते, भाई को लालची बताया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि वह अपने सबसे छोटे भाई स्वपन बनर्जी, जिन्हें बाबुन बनर्जी के नाम से भी जाना जाता है, के साथ अपने सभी तरह के रिश्ते तोड़ रही हैं। अपने भाई पर ममता बनर्जी की यह टिप्पणी दिल्ली से कोलकाता तक मीडिया में छाई हुई है। अंग्रेज़ी अखबार द हिंदू ने इस पर लिखा है कि मुख्यमंत्री का ये बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही उनके भाई बाबुन बनर्जी ने कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में हावड़ा से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार प्रसून बनर्जी के खिलाफ बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। हावड़ा सीट से बाबुन लगातार चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन इस बार ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की जो सूची जारी कि है, उसमें बाबुन का पत्ता साफ कर दिया है। बाबुन को टिकट न देने के साथ ही ममता बनर्जी ने अपने भाई पर बयान दिया, “आज से मैं ख़ुद को उनसे पूरी तरह अलग करती हूं। अब से कृपया मेरा नाम उनके साथ न जोड़ें। भूल जाइए कि मेरा उनके साथ कोई रिश्ता था। मैं ही नहीं आज से मेरे परिवार के हर सदस्य ने उनके साथ अपना रिश्ता खत्म कर लिया है।”
ममता भतीजे अभ‍िषेक बनर्जी को डायमंड हार्बर सीट से चुनावी दंगल में उतारा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह सब तब किया है, जबकि बाबुन बनर्जी कोलकाता के खेल जगत में एक लोकप्रिय नाम हैं। ममता बनर्जी के छह भाइयों में सबसे छोटे बाबुन बनर्जी बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन, बंगाल हॉकी एसोसिएशन के अध्यक्ष, बंगाल बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के खेल विंग के प्रभारी भी हैं। एक निजी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा था, “मुझे प्रसून बनर्जी से एलर्जी है। मैं उनके खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ सकता हूँ।” दरअसल, बाबुन बनर्जी और हावड़ा से सांसद प्रसून बनर्जी के साथ पुराने गहरे मतभेद हैं। बाबुन बनर्जी हावड़ा से चुनाव लड़ना चाहते थे और वहीं से वो वोटर भी हैं, लेकिन जब बीते दिनों टीएमसी की उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो हावड़ा से प्रसून बनर्जी को टिकट मिला। इससे वे नाराज हो गए। वंशवाद की राजनीति का कथित विरोध करते हुए बाबुन को टिकट न देने वाली ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभ‍िषेक बनर्जी को एक बार फ‍िर से डायमंड हार्बर सीट से चुनावी दंगल में उतारा है।
हावड़ा में योग्य उम्मीदवारों को दीदी ने नजरअंदाज किया, मैं निर्दलीय लड़ूंगा-बाबुन
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस खबर को प्रमुखता से छापा है। अखबार ने लिखा है कि बाबुन बनर्जी को अफवाहें शुरू होने का एक कारण ये भी हो सकता है कि बाबुन ने ऐसी बात कही जिससे संदेश गया कि वो ‘विकल्प’ तलाश रहे हैं। उन्होंने प्रसून को टिकट मिलने के बाद कहा कि वह इससे ख़ुश नहीं हैं। बाबुन ने कहा था, “प्रसून बनर्जी सही विकल्प नहीं हैं. ऐसे कई योग्य उम्मीदवार थे, जिन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया गया।” इसके अलावा उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि दीदी (ममता बनर्जी) मुझसे सहमत नहीं होंगी, लेकिन ज़रूरत पड़ी तो मैं हावड़ा से निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा।” हाल ही में बाबून ने अपना वोटर आईडी हावड़ा ट्रांसफर कराया और वहां से वोटर बन गए और तभी से वो यहां से चुनाव लड़ने की मंशा रखने लगे।
बाबुन बनर्जी का बंगाल के खेल जगत में उभार ममता बनर्जी की ही दैन
एक ओर ममता बनर्जी कहती हैं कि उनका परिवारवाद की राजनीति में विश्वास नहीं है और न ही वे वंशवाद को बढ़ावा देती हैं। दूसरी ओर ये बिल्कुल साफ है कि ममता के मुख्यमंत्री बनने से पहले बाबुन को कोई जानता तक नहीं था। टेलीग्राफ लिखता है कि कोलकाता के मोहन बागान फुटबॉल क्लब में बड़े खिलाड़ियों के पीछे घूमने वाले बाबुन बनर्जी का बंगाल के खेल की दुनिया में उदय ममता बनर्जी के सीएम बनने के बाद धीरे-धीरे मज़बूती के साथ बढ़ता गया। आज वो इस दुनिया का काफी जाना माना नाम है। सीएम ममता बनर्जी ने ही उन्हें बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन, बंगाल हॉकी एसोसिएशन के अध्यक्ष, बंगाल बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के खेल विंग के प्रभारी का भी ओहदा दिया। साल 2016 में वह अपने प्रतिद्वंद्वी चंदन रॉय चौधरी को मामूली अंतर से हरा कर बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव बने। चार साल बाद एसोसिएशन के चुनाव में बाबुन ने बड़े भाई अजीत बनर्जी को हरा दिया और अध्यक्ष बने। बाबुन बनर्जी मोहन बागान क्लब के फुटबॉल सचिव भी हैं। वह कोलकता के हॉकी और मुक्केबाजी एसोसिएशन से भी जुड़े हुए हैं। वे कई खिलाड़ियों के टीएमसी में आने के पीछे भी बाबुन का हाथ है। इसमें खुद प्रसून बनर्जी, लक्ष्मी रतन शुक्ला और मनोज तिवारी शामिल हैं।
मोहन बागान क्लब की राजनीति के चलते बाबून की है सांसद प्रसून से टसल
जब बाबुन बनर्जी ने न्यूज़ चैनल से बात की तो उन्होंने बिल्कुल भी चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा को नहीं छिपाया। हावड़ा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए उन्होंने बोला, “मुझे आश्वासन दिया गया था कि 2019, 2021 में टिकट मिलेगा। इस बार भी संभावना थी (टिकट मिलने की)। लेकिन मुझे जानबूझकर टिकट नहीं दिया, इससे मैं खुश नहीं हूं। मुझे प्रसून से एलर्जी है, क्योंकि वह हावड़ा के लिए सही विकल्प नहीं हैं।” लेकिन सवाल ये है कि प्रसून के लिए टीएमसी तक की राह बनाने वाले बाबुन उनसे ‘एलर्जिक’ क्यों हो गए? टेलीग्राफ़ लिखता है कि साल 2018 में मोहन बागान क्लब की सालाना आम बैठक के दौरान प्रसून और बाबुन के बीच अनबन हो गई थी। इस दौरान कथित तौर पर दोनों के समर्थकों के बीच मारपीट हो गई थी। तभी से ही बाबुन बनर्जी प्रसून को नापसंद करते हैं।
शारदा चिटफंड स्कैम में भी ममता बनर्जी परिवार पर लगे सवालिया निशान
यह पहला मौका नहीं है, जबकि ममता परिवार विवादों के चलते मीडिया की सुर्खियों में आया हो। इससे पहले शारदा चिटफंट केस में न सिर्फ तृणमूल सांसद को अरेस्ट किया गया है, बल्कि ममता बनर्जी परिवार पर भी सवालिया निशान लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शारदा चिटफंस केस में साल 2011 में लीप्स एंड बाउंड्स इंफ्रा कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड, लीप्स एंड बाउंड प्राइवेट लिमिटेड, लीप्स एंड बाउंड मैनेजमेंट सर्विसेज LLP (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप) बनीं। तीनों ही कंपनियां सीएम ममता बनर्जी के पारिवारिक सदस्य ही चलाते थे। इसके बाद नवंबर 2013 में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद और मौजूदा जनरल सेक्रेटरी कुणाल घोष शारदा स्कैम में अरेस्ट हुए थे। तब उन्होंने कहा था कि शारदा चिटफंड का पैसा ममता बनर्जी के पास है। कोर्ट ने 28 नवंबर को कुणाल घोष को भी आने के लिए नोटिस जारी किया है।
WBHB से 63.78 लाख रुपये की मार्केट वैल्यू की प्रॉपर्टी सिर्फ 19 लाख में खरीदी
हाईकोर्ट में दायर पिटीशन में कहा गया है कि त्रिनेत्र कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी 2019 के पहले बनी और गायब भी हो गई। कंपनी ने बैलेंस शीट फाइल नहीं की। कथित तौर पर इसके जरिए टीएमसी को 3 करोड़ रुपए का डोनेशन अलग-अलग समय में दिया गया। आरोप है कि ममता के भाई समीर बनर्जी की पत्नी कजरी बनर्जी ने 14 मई 2019 को सीएम के दबाव में वेस्ट बंगाल हाउसिंग बोर्ड (WBHB) से एक प्रॉपर्टी 19 लाख रुपए में खरीदी, लेकिन उसकी मार्केट वैल्यू 63.78 लाख रुपए थी।

केजरीवाल से उम्मीद थी, Rouse Avenue कोर्ट नहीं जाएगा, और आज भूमिका तैयार कर दी; लेकिन अपनी कब्र खुद खोद रहा है मूर्ख ; गिरफ़्तारी से बच नहीं सकता

सुभाष चन्द्र 

भारतीय राजनीति में ममता बनर्जी और अरविन्द केजरीवाल से बड़ा नौटंकीबाज़ नहीं। बंगाल विधान सभा में हार देख पांव चोटिल की नौटंकी कर सहानुभूति वोट की बैसाखी पर वोट बटोर लिए, मजे की बात देखिए मतदान संपन्न होते ही व्हीलचेयर गायब हो गयी। उसी तरह लोकसभा चुनावों में हार देख फिर से चोटिल होने की नौटंकी। INDI गठबंधन से दूर भागने का असली कारण नौटंकी से बंगाल जीत सब पर होने का स्वांग खेल पागल बनाना था। केजरीवाल और पार्टी को अच्छी तरह मालूम है कि जिस दिन ED ऑफिस गया नहीं, फिर बाहर नहीं आएगा। कांग्रेस के अनुसार इसकी गिरफ़्तारी दो वर्ष पहले हो जानी थी। क्योकि दिल्ली सरकार में हुए घोटालों का मुख्य सरगना केजरीवाल ही है। सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र आदि तो मात्र प्यादा है। 

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मैंने एक बार पहले भी लिखा था कि Rouse Avenue Court ने ED की 2nd शिकायत पर केजरीवाल को फिर से पिछली नियत तिथि 16 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कह कर गलती की थी क्योंकि जब उसके ED के 3 summons की अवहेलना को कोर्ट ने अपराध माना था तो 8 summons पर हाजिर न होने पर तो सीधा उसे निर्देश देने चाहिए थे ED के सामने पेश होने के लिए।  

ऐसी पूरी संभावना थी कि केजरीवाल 16 मार्च को भी कोर्ट को गच्चा दे देगा और उसके लिए उसने विधानसभा का सत्र फिर से 15 मार्च से बुला लिया जिससे एक बार फिर बहाना बना सके कोर्ट में न जाने का

आज केजरीवाल ने दूसरा खेल खेला है उसने सेशन कोर्ट में Rouse Avenue Court के summons को चुनौती दे दी जिस पर आज सुनवाई पूरी नहीं हुई जो कल होगी कल यदि सेशन कोर्ट इसकी अर्जी ख़ारिज करता है (जैसी पूरी संभावना है) तो ये कल ही हाई कोर्ट चला जाएगा और वहां भी बात नहीं बनी तो ये फिर सुप्रीम कोर्ट में जाकर माथा फोड़ेगा

हाई कोर्ट उसके वक्फ मंत्री अमानतुल्लाह को पहले ही कह चुका है कि उसे ED के सामने पेश होने से कोई छूट नहीं मिल सकती और सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु के 5 DMs को कह चुका है कि उन्हें ED के summons पर पेश होना ही होगा ऐसे में केजरीवाल को कहीं से कोई राहत मिलने की उम्मीद न के बराबर है लेकिन फिर भी हाथ पांव मार कर केवल Time Gain करना चाहता है

परंतु ED के summons पर उसे हाजिर होना ही पड़ेगा और जितना यह न जाने के लिए पापड़ बेलता फिरेगा, उतना ये अपने को खुद ही दोषी साबित करता जाएगा

केजरीवाल ने दिमाग में फितूर है कि चुनाव घोषित होने के बाद आचार संहिता लगने के कारण उसकी गिरफ़्तारी नहीं हो सकेगी परंतु उसे ऐसी सलाह देने वाले केजरीवाल को चौड़े में फसवा देना चाहते है क्योंकि जांच एजेंसियों के काम का आचार संहिता से कोई संबंध नहीं होता और यदि यह सोचता है कि फिर भी गिरफ्तार होने के बाद वो victim card खेल लेगा तो ये उसकी भूल है क्योंकि दोष तो अपने खिलाफ यह खुद सिद्ध कर रहा है बार बार ED के summons की अवहेलना करके और अदालतों में मामले को उलझा कर अगर कुछ गलत नहीं किया तो उसको ED के सामने पेश होने में कोई डर नहीं होना चाहिए लेकिन उसे पता है जब उसके चेले चपाटे सिसोदिया और संजय सिंह को जमानत नहीं मिल पा रही तो केजरीवाल की भी लंबी जेल यात्रा निश्चित है

फिर जेल जाते हुए केजरीवाल की पार्टी के लोग ही गीत गाएंगे - “चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देस हुआ बेगाना”

ध्रुव राठी के केस में शिकायतकर्ता एक बार फिर वही गलती कर रहा है जो केजरीवाल को माफ़ी देने को तैयार है ये पूरी तरह उस केस में फंसा हुआ है और जैसे ही 2 साल की सजा होती है, केजरीवाल की राजनीति का the end हो लेगा शिकायतकर्ता को पुनर्विचार करना चाहिए और इस जैसे मक्कार को माफ़ी नहीं देनी चाहिए

चुनाव आते ही चोटिल होने की नौटंकीबाज ममता की नौटंकी शुरू

SSKM अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा है कि CM ममता को पीछे से धक्का लगा था (साभार: ANI & AITCOffical/X)
ममता को यह चोट लोकसभा चुनावों के ऐलान से पहले लगी है। ऐसे में उनकी पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले भी ममता बनर्जी चोटिल हो गई थीं और उनके कई कार्यक्रम रद्द करने पड़े थे। तब उनके पाँव में प्लास्टर चढ़ाया गया था और उन्होंने व्हीलचेयर पर ही चुनाव प्रचार पूरा किया था। लेकिन मतदान संपन्न होते ही व्हीलचेयर गायब हो गयी। यानि विधानसभा चुनाव में होती हार देख, सहानुभूति बटोरने पांव चोटिल होने नौटंकी की थी। 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को कल (14 मार्च, 2024) शाम माथे और नाक पर चोट पीछे से धक्का दिए जाने के कारण लगी थी। यह जानकारी SSKM अस्पताल के डायरेक्टर ने दी है, जहाँ CM ममता का इलाज हुआ था। पीएम मोदी ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।

SSKM अस्पताल के डायरेक्टर मोनिमॉय बंदोपाध्याय ने बताया, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री आज शाम लगभग 07:30 बजे हमारे अस्पताल में आई थीं। उन्होंने अपने घर पर पीछे से धक्का लगने के कारण गिरने की सूचना दी। उन्हें माथे पर चोट लगी थी और साथ ही नाक पर कटे हुए का निशान था। उनके काफी खून बह रहा था। उनके आने के बाद न्यूरोसर्जरी के विभागाध्यक्ष, मेडिसिन के डॉक्टर और हमारे संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा उनकी जाँच की गई।”

CM ममता को दिए गए इलाज के विषय में बंदोपाध्याय ने बताया, “उनके माथे पर तीन और नाक पर एक टांका लगाया गया और साथ ही में पट्टी कर दी गई थी। उनकी CT स्कैन और ECG जैसी जाँच भी की गईं थी।” उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने CM ममता को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी थी, जिससे उनकी देखरेख की जा सके, हालाँकि वह घर चली गईं।”

ममता की भाभी और TMC पार्षद काजरी बनर्जी ने भी धक्का दिए जाने की बात की। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया ”उन्हें पीछे से धक्का दिया गया था।” ममता के साथ काजरी बनर्जी भी अस्पताल गईं थी। उनके पति कार्तिक बनर्जी ने कहा कि मैं उस समय घर पर नहीं था।

ममता को चोट लगने के मामले में अब कोलकाता की लालबाजार थाने की पुलिस जाँच करेगी। वह आज मुख्यमंत्री आवास जाएगी। CM ममता के बेडरूम में भी आने जाने वालों को सूची टियर हो रही है। धक्के के एंगल पर जाँच हो रही है कि उन्हें धक्का कैसे लगा?

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की कल शाम को चोटिल होने की तस्वीरें सामने आई थीं। तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने उनकी दो तस्वीरें जारी करके यह जानकारी दी थी कि वह गंभीर रूप से चोटिल हैं। पार्टी द्वारा जारी की गई फोटो में CM ममता के माथे से खून बहता दिखा था और साथ ही नाक पर भी चोट लगी हुई थी।

ममता को लगी चोट को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके जल्दी स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैं ममता दीदी के जल्द स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूँ।” पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने भी उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।

CAA पर बुरे फँसे अरविंद केजरीवाल: रोहिंग्या, अवैध बांग्लादेशी और पाकिस्तानियों का विरोध करने की बजाए CAA का विरोध, हिंदू शरणार्थियों ने दिल्ली CM का घर घेरा

        सीएए का विरोध करने पर केजरीवाल को अमित शाह ने सुनाई (फोटो साभार: एचटी, ANI, इंडिया टाइम्स)
नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद जिस तरह विपक्षी नेता मोदी सरकार को घेर रहे हैं उसे देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने अपने हालिया इंटरव्यू में सबको करारा जवाब दिया है। इसी लिस्ट में चूँकि आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी थे इसलिए उनको भी अमित शाह ने खरी-खरी सुनाई और कहा कि भ्रष्टाचार की पोल खुलने से केजरीवाल जो हैं वो आपा खो बैठे हैं।

दरअसल, देश में सीएए लागू होने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर सीएए लागू होगा तो देश में अंधाधुंध लोग आएँगे, जैसा कि स्वतंत्रता के बाद हुआ था। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ेगी और चोरियाँ, डकैतियाँ और बलात्कार आदि होंगे।

उनकी इसी चिंता का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, “दिल्ली मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो चुके हैं। उनको मालूम नहीं है सारे लोग आ चुके हैं और भारत में ही रह रहे हैं। सिर्फ उनको अधिकार नहीं मिला है। ये उनको अधिकार देने की बात है। 2014 तक जो आ गए उनको नागरिकता देने की बात हो रही है। इतनी ही चिंता है तो क्यों बांग्लादेश घुसपैठियों की बात क्यों नहीं करते, रोहिंग्याओं की बात क्यों नहीं करते… क्योंकि वो वोटबैंक की पॉलिटिक्स कर रहे हैं। दिल्ली के चुनाव उनके लिए लोहे के चने चबाने जैसे हैं इसलिए वो वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं।

अमित शाह से जब पूछा गया कि अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सरकार अपने लोगों को नौकरी नहीं दे पा रही, फिर इन्हें कैसे देगी। इस पर अमित शाह ने कहा कि केजरीवाल ने कभी भी रोहिंग्याओं के लिए तो कुछ नहीं कहा। सिर्फ जो बौद्ध, हिंदू, पारसी, ईसाई, सिख शरणार्थी आए हैं, वो उन्हीं का विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “ये लोग विभाजन का समय भूल गए हैं। ये शरणार्थी अपनी करोड़ों की संपत्ति छोड़कर यहाँ आए थे। हम उनकी समस्याएँ क्यों नहीं सुनेंगे? उन्हें यहाँ नौकरी और शिक्षा नहीं मिलती। हम उनके प्रति सहानुभूति क्यों नहीं व्यक्त करेंगे? देश का बँटवारा करना उनका फैसला नहीं था। यह कॉन्ग्रेस थी जिसने यह निर्णय लिया और उन्होंने उन्हें नागरिकता देने का वादा किया। अब वे अपने वादे से मुकर रहे हैं।”

एक तरफ अमित शाह ने अरविंद केजरीवाल को उनके बयान पर उन्हें ये सब कहा। वहीं दूसरी ओर हिंदू शरणार्थी भी सड़कों पर दिल्ली सीएम के विरोध में उतर आए। इन लोगों ने अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर हाथ में झंडे लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान मोदी-मोदी के नारे लगे। साथ ही केजरीवाल माफी माँगो का नारा लगाती भी महिलाएँ दिखीं। महिलाओं के हाथ में लगे पोस्टरों में लिखा दिखा- “झूठे केजरीवाल CAA कानून पर भ्रम मत फैलाओ जनता को सच बताओ।”

‘मैं मंत्री नहीं होता तो उसको (PM मोदी) टुकड़ों में फाड़ देता’: तमिलनाडु मंत्री ने भरी सभा में प्रधानमंत्री को दी धमकी, Video वायरल

टीएम अनबरसन (बाएँ) और पीएम मोदी (दाएँ)
तमिलनाडु की DMK सरकार में मंत्री टी एम अनबरसन का एक वीडियो वायरल हो रहा है जहाँ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकाने वाला एक विवादित बयान दे रहे हैं। यह बयान एक भरी सभा में मंच दिया गया। DMK के मंत्री ने पीएम मोदी के टुकड़े करने की धमकी दी है।

प्रधानमंत्री को टुकड़ों में फाड़ने वाला अब तक जेल से बाहर क्यों घूम रहा है? अगर यही किसी अन्य जनमानस कही होती, तो सरकार से लेकर पुलिस तक अब तक उसको गिरफ्तार कर चुकी होती। लेकिन जब सफेदपोशी गुंडा बोले सब खामोश क्यों? क्या कानून जनमानस और सफेदपोशी गुंडों के लिए अलग-अलग है? अगर इसी का नाम कानून है, बंद कर दो सब अदालतें। मोदी से लाख दुश्मनायी हो सकती है, लेकिन वह आदमी देश का प्रधानमंत्री है। किसी भी सफेदपोशी गुंडों को प्रधानमंत्री के विरुद्ध ऐसी धमकी देने का अधिकार कब से हो गया? ऐसे गुंडों को वोट देने वाले मतदाताओं को डूब मरना चाहिए। जब ऐसे गुंडे सदन में होंगे, कानून एक मजाक से ज्यादा कुछ नहीं। समस्त विपक्ष खामोश क्यों? सनातन को गालियां देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री को टुकड़ों में फाड़ने की धमकी देना क्या विपक्ष का मुख्या उद्देश्य है? चुनाव आयोग और रात को आतंकवादियों के लिए खुलने वाली सुप्रीम कोर्ट कब ऐसी धमकियों का संज्ञान लेगी?  

वायरल हो रहे वीडियो में टीएम अनबरसन कहते हुए दिखते हैं, “मैंने अभी शांति रखी हुई है और मृदु बात कर रहा हूँ क्योंकि मैं एक मंत्री हूँ। मैं मंत्री ना होता तो उसको टुकड़ों में फाड़ देता।” इस बयान के दौरान और भी लोग बैठे हुए हैं और ताली बजाते हैं।

टीएम अनबरसन तमिलनाडु की एमके स्टालिन की अगुवाई वाली DMK-कांग्रेस गठबंधन सरकार में ग्रामीण उद्योग, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग और झुग्गी उन्मूलन बोर्ड के मंत्री हैं। अनबरसन का बयान पिछले सप्ताह का बताया जा रहा है। इससे एक सप्ताह पहले ही तिरूप्पुर में पीएम मोदी ने रोडशो किया था।

अनबरसन ने इसी बयान में कहा, “हमारे कई प्रधानमंत्री हुए, कोई ऐसे नहीं बोलता था। मोदी हमें मिटाने की बात करता है, लेकिन मैं एक बात याद दिला दूँ कि DMK कोई सामान्य संगठन नहीं है। यह कई बलिदानों और बहुत खून बहने के बाद बना है।”

इसके बाद उसने कहा, “जिन लोगों ने DMK को खत्म करने की बात की, उनका ही विनाश हो गया। यह संगठन बना रहेगा, ये बात दिमाग में रखना। मैंने उससे (पीएम मोदी) अलग तरीके से निपटता। अभी मैं चुप हूँ और मृदु तरीके से बोल रहा हूँ क्योंकि मैं एक मंत्री हूँ। अगर मैं मंत्री ना होता, तो उसके साथ दूसरा ही तरीका अपनाता।”

भाजपा ने DMK पर किया हमला

अनबरसन के बयान के बाद भाजपा ने DMK की कड़ी आलोचना की। भाजपा ने INDI गठबंधन को निशाना बनाया है। DMK, INDI गठबंधन का हिस्सा है। अनबरसन के बयान को भाजपा नेताओं ने ट्विटर पर इस वीडियो को प्रसारित करते हुए खूब हमले किए हैं।
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा कि INDI गठबंधन का एजेंडा इससे ज्यादा स्पष्ट नहीं हो सकता। उनका लक्ष्य सनातन धर्म और इसको मानने वालों का विनाश करना है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सत्य कुमार यादव ने कहा, “INDI गठबंधन का एक बार और छिछला स्तर। INDI गठबंधन लोकसभा परिणाम जानता है इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी को गालियाँ दे रहे हैं।”
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने ट्विटर पर लिखा, “तमिलनाडु में सत्ता विरोधी लहर बढ़ने से आई हताशा के कारण DMK के मंत्री हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी को धमकियाँ तक दे रहे हैं। अपनी विभाजन वाली राजनीति, भ्रष्ट आचरण, अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करों के साथ कनेक्शन, गुंडागर्दी और कुशासन जैसे कारणों से राजनीतिक क्षेत्र से समाप्त हो जाएगी।”
टीएम अनबरसन का यह बयान अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग DMK के रवैये की आलोचना कर रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले DMK मंत्री और CM स्टालिन के बेटे उदयानिधि सनातन को मिटाने की बात कर चुके हैं।

‘माफ कर दीजिए, मेरी बेटी ने आसाराम पर झूठे आरोप लगाए’: रेप पीड़िता के पिता के नाम से वीडियो वायरल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने जाँच शुरू की

11 वर्ष पूर्व जब संत आसाराम पर बलात्कार आरोप लगाया जा रहा था, उन दिनों एक हिंदी पाक्षिक को सम्पादित करते मुख्य पृष्ठ पर रपट शीर्षक "क्या आसाराम वासना भोगी है?" प्रकाशित कर इस गंभीर आरोप पर प्रश्नचिन्ह लगाया था, शायद जिसके सत्यापित होने का समय आ गया है या अति निकट है। वास्तव जिस समय आसाराम पर बलात्कार का आरोप लगा, वह दौर था, सनातन को कलंकित करने का। किसी खोजी पत्रकार में सच्चाई को उजागर करने का साहस नहीं था। समस्त मीडिया कांग्रेस की गोदी में बैठ मालपुए खाने में व्यस्त रहकर जनता को भ्रमित कर रही थी। 
सनातन को कलंकित करने बेकसूर साधु/साध्वी और संतों को आतंकवाद के झूठे आरोपों में जेलों में डाला जा रहा था। सनातन विरोधी साध्वी प्रज्ञा के विरुद्ध ATS प्रमुख करकरे के विरुद्ध बोलने पर चुनाव आयोग जाकर शिकायत कर सकते हैं, लेकिन उस समय इन सबकी अंतरात्मा कहाँ मर गयी कि जब एक साध्वी को अंडा खिलाया जा रहा था? जब साध्वी को नग्न कर अत्याचार किये जा रहे थे? कर्नल पुरोहित को उस जगह डंडे मारने का आदेश दिया, जहाँ उनके दुश्मन की गोलियों के जख्म थे? कोई मीडिया नहीं बोली, किसी ने उनकी पीड़ा को उजागर किया, क्योकि यूपीए सरकार की गोद में बैठ कर मालपुए खाये जा रहे थे। 

सबसे प्रमुख प्रश्न यह है कि वह कौन था, जिसने तथाकथित पीड़िता के कमला मार्किट थाने पर पहुँचने से घंटों पहले मीडिया को थाने पर बुलाया या आने को कहा था? सच्चाई सामने लाने के लिए बाल की खाल निकालनी होगी। ऐसे बिकाऊ लोगों को भी जेल में डालना होगा। जिन्होंने ने सनातन को कलंकित करने के लिए अपने आपको बेच दिया। 

इस आरोप पर प्रश्नचिन्ह लगाने का मुख्य कारण था कि तथाकथित पीड़ित कमला मार्किट(दिल्ली) थाने पर मीडिया का जमावड़ा। पीड़िता आयी लगभग दो घंटे बाद। दूसरे, मीडिया में यह तथाकथित पीड़िता का यह भी समाचार आया कि 'बापू ने तो मुझे छुआ तक नहीं', आसाराम के वकीलों को मीडिया में प्रकाश में आये उस समाचार को कोर्ट के समक्ष रख आरोप लगाने वालों पर सख्ती से पेश आना होगा।  

वर्तमान सरकार को ऐसे समस्त केसों जैसे दीपावली के शुभावसर पर शंकराचार्य को ऐसे ही खिनौने अपराध में गिरफ्तार किया था, आदि। यदि मोदी सरकार ने इन गंभीर केसों को खोलकर षड्यंत्रकारियों को जेल में भरा षडयंत्रकारी ऐसी घिनौनी हरकतें करते रहेंगे।    
दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद आसाराम पर आरोप लगाने वाली पीड़िता के पिता का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें रेप का आरोप लगाने वाली लड़की का पिता कहता नजर आ रहा है कि उसने आसाराम पर झूठा केस दायर किया था। इसके लिए उसे बेहद अफसोस है। वीडियो में वह माफी माँगता भी नजर आ रहा है। यूपी पुलिस इस वीडियो की जाँच कर रही है।

यह वीडियो सामने आने के बाद रेप पीड़िता का पिता और उसका परिवार सतर्क हो गया। उसने इसे झूठा बताते हुए शाहजहाँपुर पुलिस में शिकायत की है। अब शिकायत के आधार पर पुलिस इस वीडियो की सत्यता की जाँच शुरू कर दी है। इसके साथ ही इसे बनाने वालों की भी पहचान कर रही है।

आसाराम बापू पिछले 11 सालों से जेल में बंद है। वह खुद को निर्दोष बताता है। वहीं, उसके गुर्गे भी समय समय पर अफवाह फैलाने की कोशिश करते रहते हैं। पिछले वर्ष शाहजहाँपुर में शरबत वितरण के साथ आसाराम को निर्दोष बताने वाली किताबें बाँटा गया था। इसका भी वीडियो वायरल हुआ था।

वायरल वीडियो में एक व्यक्ति मीडिया के सवालों का जवाब दे रहा है, जो पीड़िता का पिता होने का दावा कर रहा है। 2:20 मिनट के इस वीडियो में व्यक्ति कहता है, “कृपया हमें माफ कर दीजिए। हमारी बेटी ने झूठे आरोप लगाए थे।” सोशल साइट एक्स पर वायरल किया गया है। पीड़िता के पिता ने इसे साजिश करार दिया है।

पीड़िता के पिता का कहना है कि आसाराम जेल में बैठकर परिवार को बदनाम कर रहा है। पिता का दावा है कि वीडियो में ना वह है और ना ही उसकी आवाज है। उसका कहना है कि आसाराम के गुर्गे पहले भी डराने-धमकाने और बदनाम करने की कोशिश कर चुके हैं। वह इससे डरने वाला नहीं है।

दरअसल, शाहजहाँपुर की एक लड़की ने आसाराम के खिलाफ साल 2013 में रेप का केस दर्ज कराया था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि साल 2013 में आसाराम बापू ने जोधपुर स्थित अपने आश्रम में उसका रेप किया था। उस वक्त वह नाबालिग थी और उसकी उम्र 16 साल थी। इस समय आसाराम की उम्र 83 साल है।

इस मामले में आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले एक गवाह की हत्या भी कर दी गई थी। साल 2018 में न्यायालय ने आसाराम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह जोधपुर सेट्रल जेल में है। उसने बेल के लिए 15 से अधिक बार याचिका दायर की, लेकिन जमानत नहीं मिली।

रोजे में पखाने के बाद कैसे धोएँ, कैसे न धोएँ… पिछवाड़े से पानी पेट में चले जाने से टूट जाएगा रोजा? अलग-अलग मौलाना के वीडियो हो रहे वायरल

मुफ्ती बदर की वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट
रमजान का महीना शुरू होते ही सोशल मीडिया पर इस्लाम संबंधी कई सवालों के जवाब में मुफ्ती/ मौलाना की वीडियो आना शुरू हो गई है। इसी क्रम में वो वीडियो भी वायरल हो रही है जिसमें एक मुफ्ती को पखाने के बाद गुदाद्वार साफ करने का तरीका बताते देखा जा सकता है जिससे कि पानी पेट तक न जाए।

सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को ये कहकर शेयर कर रहे हैं कि मुफ्ती खुद इस संबंध में ज्ञान दे रहे हैं कि कैसे गुदाद्वार साफ किया जाए, लेकिन हकीकत यह है कि मुफ्ती बदर अपनी वीडियो में किसी और मौलाना द्वारा फैलाई कई भ्रांति पर सफाई दे रहे हैं। असल में तो वो समझा रहे हैं कि पखाने का रास्ता बहुत सख्त होता है वहाँ से कैसे भी पानी घुसकर पेट तक नहीं जा सकता।

वायरल होती वीडियो में मुफ्ती मामुर बदर कासमी की वीडियो को क्रॉप करके शेयर किया जा रहा है। क्रॉप वीडियो में ऐसा लग रहा है कि वो खुद कहते हैं कि इस्तिन्जा करते समय साँस रोक लें। इसके बाद वो हाथ हिला कर (पिछवाड़ा धोने की प्रक्रिया) बता रहे हैं कि पानी का इस्तेमाल करें। साँस रोकने को लेकर मुफ्ती तर्क देते हैं कि इससे पखाने का सुराख (गुदाद्वार) खुलेगा नहीं, टाइट रहेगा। इस कारण से इस्तिन्जा के वक्त पानी गुदाद्वार से होते हुए पेट के अंदर नहीं जाएगा।

रोजे के टूटने की बात कहते हुए मुफ्ती बताते हैं कि कोई चीज अगर मुँह के रास्ते से या पखाने के रास्ते से पेट में चली जाए तो उस कारण से रोजा का टूटना माना जाएगा। अपनी बात में वजन लाने के लिए इस्लामी मजहबी किताबों के कुछ उदाहरण भी देते हैं मुफ्ती।

ये वीडियो 7 मई 2020 को रमजान के समय मुफ्ती मामुर बदर कासमी के ऑफिशियल अकॉउंट से अपलोड की गई थी। ये वीडियो 7 मिनट 18 सेकेंड की है। इसमें मुफ्ती बदल असल में ‘रोजे में पखाने के बाद पिछवाड़ा कैसे धोएँ’ को लेकर चल रही भ्रांतियों पर बात रखी थी।

उन्होंने अपने यूजर को वीडियो में बताया था कि जैसा कि वीडियो वायरल हो रही है कि इस्तिन्जा के समय पानी पेट में जा सकता है। तो ये बात बिलकुल असंभव है। हाँ, एक संभावना यह बताई कि जिस इंसान के पखाने का रास्ता (गुदाद्वार) बहुत ढीला हो, उसके पेट में इस्तिन्जा करते समय पानी जा सकता है।

पिछले साल भी उनकी यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होना शुरू हुई थी। उस समय उन्होंने शॉर्ट वीडियो बनाते हुए सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि ये दावा उनका नहीं है बल्कि एक बरेलवी मौलाना का है जो बता रहे थे कि रोजे में किस तरह से इस्तिन्जा करना चाहिए।

उनके अनुसार बरेलवी मौलाना ने वो भ्रांतियाँ फैलाई थीं जिसकी बात करते वो वीडियो में दिखे। ऊपर दी गई वीडियो उसी बरेलवी मौलाना की है जो यह बताता दिख रहा है कि रोजे में गुदाद्वार को चिपका कर इस्तिन्जा करना चाहिए।


हैदराबाद : हलीम Free…. ऑफर देख होटल के बाहर जुटे सैकड़ों रोजाधारी: पुलिस ने लाठी-डंडों से मारकर भगाया

फ्री हलीम के लिए जुटी भीड़
रमजान का महीना शुरू होते ही पहले दिन हैदराबाद में एक होटल/रेस्टोरेंट के बाहर सैंकड़ों की भीड़ हलीम खाने पहुँची। बताया जा रहा है कि होटल/रेस्टोरेंट ने रमजान पर अपने यहाँ फ्री हलीम का ऑफर रखा था। इसके बाद क्या…? उनके होटल/रेस्टोरेंट के बाहर इतनी भीड़ जुटी कि उसे काबू करना मुश्किल हो गया। हालात ऐसे हो गए कि पुलिस को वहाँ आकर लाठी चार्ज करना पड़ा, तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आई।

मामला मालकपेट शहर के एक नए होटल/रेस्टोरेंट ‘Aazebo’ का है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जहाँ होटल/रेस्टोरेंट के बाहर मार्केट वाली जगह पर इतनी भीड़ जुटी कि आसपास बड़ा ट्रैफिक जाम लग गया। लोग हलीम को माँगने के लिए लड़ाई लड़ने लगे। एक दूसरे से धक्का-मुक्की शुरू हो गई। बिगड़ते हालातों को देखते हुए पुलिस ने आकर स्थिति को संभाला तो लेकिन ये बेहद मुश्किल काम था। होटल/रेस्टोरेंट के बाहर फ्री हलीम के इंतजार में खड़ा कोई व्यक्ति वहाँ से हटने को तैयार नहीं था। ऐसे में पुलिस को लाठी चार्ज का भी सहारा लेना पड़ा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में मालकपेट इंस्पेक्टर यू श्रीनिवास ने ट्रैफिक की आवाजाही बाधित करने के लिए होटल के खिलाफ केस को दर्ज कर लिया है। उन्होंने बताया कि होटल/रेस्टोरेंट मैनेजमेंट ने पहले से कोई जानकारी नहीं दी थी कि होटल/रेस्टोरेंट ऐसा कोई ऑफर दे रहा है या उन्होंने इस संबंध में पहले कोई परमिशन भी नहीं ली थी। पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि इस तरह डिस्टरबेंस बढ़ाने के लिए और यातायात बाधित करने के लिए मामला दर्ज हो गया है।


तड़पते चीन को पता होना चाहिए सामने अब नेहरू नहीं मोदी है, सेला सुरंग और दिव्यास्त्र का साफ़ संदेश समझो ; “पंगा मत लो”

 सुभाष चन्द्र

आज समाचार था कि शनिवार 9 मार्च को हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे से जिनपिंग का चीन भड़क रहा है और विरोध जताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा है कि “जेंगनान (अरुणाचल प्रदेश) चीन का क्षेत्र है, भारत वहां की स्तिथि में बदलाव न करे, इससे सीमा का मसला और ज्यादा जटिल हो जाएगा”।

जिनपिंग अपने साथ MOU साइन की हुई कांग्रेस के साथ मिलकर जितना मर्जी षड़यंत्र रच ले लेकिन उसे एक बात समझ लेनी चाहिए कि सामने अब न नेहरू है और न तुमसे खौफ खाने वाली मनमोहन सिंह की सरकार है बल्कि तुमसे आंख में आंख डाल कर बात करने वाला मोदी है। अरुणाचल प्रदेश किसी के बाप की जागीर नहीं है जो हलवा समझ कर खा लोगे।

कांग्रेस समय के रक्षा मंत्री ए के अंटोनी ने संसद में कहा था कि हम चीन की सीमा पर सड़कें जानबूझकर नहीं बनाते क्योंकि उससे डर है कि चीनी सेना उन सड़कों से ही भारत में घुस सकती है, यह बेवजह का खौफ नहीं था बल्कि लगता है CPC-Congress के बीच 2008 में साइन हुए MOU की शर्त रही होगी कि चीन की सीमा पर भारत कोई Infrastructure का निर्माण  नहीं करेगा।

लेकिन पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने चीन की सीमा पर सड़कों का जाल बिछा दिया और हर क्षेत्र को भारतीय सेना की पहुंच में खड़ा कर दिया गया, किसी भी क्षेत्र में सेना की रसद भेजी जा सकती है, संवेदनशील क्षेत्रों में जिनमे गलवान भी शामिल है हर तरह सेना को मजबूत किया गया है जिसकी वजह से चीन आज आंख उठाने की हिम्मत नहीं करता, उसी अरुणाचल में शनिवार को भारत द्वारा चीन की सीमा से लगते हुए इलाके में 13000 फ़ीट ऊंचाई पर 825 करोड़ की लागत से बनाई गई “सेला सुरंग” को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया है जबकि कांग्रेस सरकार एक सड़क भी नहीं बनाती थी। 

यह सेला टनल असम के तेजपुर जिले को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले से जोड़ती है जिससे पूरे वर्ष आवागमन जारी रहेगा और सेना की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तक पहुंच कायम रहेगी। यह चीन के लिए एक बड़ी चेतावनी है और शायद इसलिए कांग्रेस ने इस टनल बनने पर सरकार को बधाई नहीं दी है।

अभी 3 दिन पहले भारत ने चीन की छाती पर टनल बना कर शंखनाद किया था और कल DRDO ने अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर चीन समेत दुनिया के सभी शक्तिशाली देशों को अपनी क्षमताओं का परिचय दे दिया। इस मिसाइल का नाम ही “दिव्यास्त्र” रखा गया है जिसका मतलब समझ आने से ही चीन को चेतावनी मिल जाएगी। 

इस मिसाइल के सफल परीक्षण से भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस जैसे देशों के बाद छठा देश बन गया जिसके पास एमआईआरवी तकनीक (मल्टीपल इंडेपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल) पर आधारित मिसाइल सिस्टम है। इस मिसाइल से दुश्मन के कई ठिकानों को एक साथ निशाना बनाया जा सकता है। यूरोप के कुछ देशों समेत पूरा एशिया अग्नि-5 की जद में होगा यानी पूरा चीन भी। यह मिसाइल बड़ी बड़ी एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को भी चकमा दे सकती है।

ये मोदी के 10 वर्षों की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है जो चीन और पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों के लिए खतरे की घंटी है और कांग्रेस इन दोनों देशों की “मित्र पार्टी” है यानी भारत की शत्रु कांग्रेस भी है क्योंकि शत्रु का मित्र शत्रु ही होता है।

उत्तर प्रदेश : 13 साल की पूजा ठाकुर के सपने में आते थे भगवान कृष्ण, बताई हुई मजार के पास हुई खुदाई तो मिली प्राचीन मूर्ति

                                    पूजा ठाकुर और साथ में मिली हुई प्राचीन प्रतिमा (साभार: जागरण)
उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर के एक गाँव में चमत्कार की एक अद्भुत घटना सामने आई है। इस गाँव की 13 साल की एक लड़की को सपने में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन हुए। उसने अपने परिजनों को बताया कि एक जगह पर भगवान की मूर्ति दबी हुई है। जब परिजनों ने उस जगह पर खुदाई की तो भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा बरामद हुई। इस घटना के बाद लड़की की हर तरफ चर्चा हो रही है।

दरअसल, जिले के निगोही थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सफोरा गाँव के विनोद सिंह की 13 साल की एक बेटी है। उसका नाम पूजा ठाकुर है। पूजा ने परिजनों को बताया कि उसके सपने में भगवान श्रीकृष्‍ण आए और उन्होंने बताया कि गाँव की नहर के पास एक दरगाह के करीब मूर्ति जमीन में है। हालाँकि, परिजनों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद पूजा ने 10 दिनों तक खाना-पीना छोड़ दिया।

आखिरकार परिजनों को पूजा की बात माननी ही पड़ी। पूजा की बात पर विश्वास करके उसके पिता विनोद सिंह अन्य ग्रामीणों के साथ दरगाह के पास पहुँच गए। पूजा भी साथ थी। उसने त्रिशूल से उस जगह के पास लाइन खींची, जहाँ सपने में उसने मूर्ति देखी थी। यह जगह दरगाह से 30 मीटर दूर है। वहाँ पर पूजा-अर्चना करने के बाद खोदाई शुरू की गई। इस दौरान गाँव के अन्य लोग भी इकट्ठा हो गए।

सूचना पर दरगाह के केयर टेकर मोहम्मद आमिर उर्फ गुड्डू मियाँ भी पहुँच गए। आमिर ने इसका विरोध शुरू कर दिया। बहुत देर तक दोनों पक्षों में नोक-झोंक होती रही। इस दौरान खोदाई का काम चलता रहा। लगभग 3 फीट खोदाई करने पर 1 फीट की एक प्राचीन मूर्ति मिली। विनोद सिंह उस मूर्ति को स्थापित करने के लिए अपने साथ लेकर चले गए। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी सामने आया है।

उन्होंने दरगाह से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर पर अपने खेत में स्थापित कर दिया। इसके बाद लोगों ने मूर्ति की पूजा-पाठ शुरू कर दी। स्थानीय लोग सपना देखने वाली किशोरी को भी देवी मानकर उसकी पूजा कर रहे हैं। फिलहाल श्रीकृष्ण की प्राचीन मूर्ति और देवी रूपी किशोरी को देखने के लिए गांव में श्रद्धालु दूर-दूर से पहुँच रहे हैं। शनिवार (17 फरवरी 2024) को वहाँ भंडारे का भी आयोजन किया।

पूजा ठाकुर का कहना है कि वह पिछले एक साल से सपना देख रही है कि गाँव से एक किलोमीटर दूर खेत में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति गड़ी हुई है। कक्षा 8 में पढ़ने वाली पूजा ने अपने परिवार वालों को बताया कि वो मूर्ति के जमीन में दबे होने का सपना देख रही है और भगवान कृष्ण उसे अपने पास बुला रहे हैं। इस बात पर परिवार वालों ने उसका मजाक बनाया और बात को टाल दिया।

अब मूर्ति निकलने के बाद लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं। वहीं, दूसरे-दूसरे जिलों के लोग भी मूर्ति और पूजा को देखने के लिए आ रहे हैं। वहीं, सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया है। उप जिलाधिकारी अंजलि गंगवार का कहना है कि क्षेत्र में प्रतिमा निकलने की जानकारी मिली है। राजस्व टीम को मौके पर भेजकर प्रतिमा के पुरातत्व महत्व का परीक्षण कराया जाएगा।

एसएस कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष विकास खुराना का कहना है कि ताम्र निर्मित यह प्रतिमा गुप्त काल की लग रही है। सातवीं शताब्दी के दौरान इस तरह की मूर्तियाँ मिली थीं। उन्होंने कहा कि पुरातत्व जाँच में सब स्पष्ट हो जाएगा। परिजनों का कहना है कि पूजा का भगवान कृष्ण में अपार श्रद्धा है। वह पूजा-पाठ के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करती है और उसके बाद स्कूल जाती है।