हरियाणा की एक मस्जिद में लगा आतंकी हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयबा का पैसा


आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
एक तरफ पाकिस्तान गम्भीर वित्तीय संकट में है, तो दूसरी तरफ हाफिज सईद की पार्टी भारत के हरियाणा में मस्जिद बनवा देता है, जो शायद इस बात को सिद्ध करता है कि पाकिस्तान वित्तीय संकट का शोर मचाकर विश्व को यह संकेत देने का प्रयास कर रहा है कि "जो देश वित्तीय संकट में हो, आतंकवाद को बढ़ावा कैसे दे सकता है?" वास्तव में पाकिस्तान IMF के आलावा दूसरे देशों से आर्थिक मदद लेकर भारत के विरुद्ध आतंकवाद को बढ़ावा देने के अलावा पाकिस्तान समर्थकों की सहायता से मस्जिदें निर्मित कर साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने में प्रयत्नशील है। कश्मीर विचारक सुशील पंडित का कहना बिल्कुल ठीक है, कि "पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत भारत में मौजूद सैकड़ों पाकिस्तान और समर्थकों का होना है।"   
दिल्ली से सटे हरियाणा के पलवल जिले में बनी एक मस्जिद सुरक्षा एजेंसियों की जांच के घेरे में आ गई है। पलवल के उटावड़ गांव में खुलाफा-ए-रशीदीन मस्जिद की जांच में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक और वर्तमान में जमात-उद-दावा से संबंधित खूंखार आतंकी हाफिज सईद का नाम सामने आया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि इस मस्जिद में कथित रूप से पाकिस्तान में रह रहे हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का फंड लगा हुआ है।
पलवल के उटावड़ गांव में खुलाफा-ए-रशीदीन मस्जिद की जांच इसी महीने की 3 अक्टूबर को एनआइए अधिकारियों ने की थी। इसमें पता चला था कि इस मस्जिद का नक्शा भी दुबई में बना था। ऐसे में माना जा रहा है कि मस्जिद को बनाने में पैसा भी दुबई से आया होगा। एनआइए इस पहलू की जांच में जुट गई है।
एनआइए पहले ही टेरर फंडिंग के इस मामले में नई दिल्ली में मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। बता दें कि सलमान (52), मोहम्मद सलीम और सज्जाद अब्दुल वानी को 26 सितंबर को लाहौर स्थित फलाह-ए-इंसानियायत फाउंडेशन (FIF) से फंड प्राप्त करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
आसपास के लोगों को कहना है कि मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, वो पहले से ही विवादित है। सलमान को लेकर यहां के लोगों को कहना है कि वह नहीं जानते कि वह किसी आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है। फलाह-ए-इंसानियायत फाउंडेशन की स्थापना हफीज सईद के जमात-उद-दावा (लश्कर का मूल संगठन) द्वारा की गई थी।
दुबई में तैयार हुआ था मस्जिद का नक्शा
दिल्ली से सटे हरियाणा के पलवल जिले के मुस्लिम (मेव) बहुल गांव उटावड़ में बन रही मरकजी मस्जिद का नक्शा दुबई में तैयार हुआ था। इस नक्शे को के आरोपित मोहम्मद सलमान ने ही बनवाया था। सलमान इसके निर्माण का जायजा लेने हर जुमे (शुक्रवार) को निजामुद्दीन (दिल्ली) से उटावड़ आता था। पलवल के हथीन उपमंडल में आने वाले इस पिछड़े गांव के लोग मेहनत-मजदूरी करके गुजर-बसर करते हैं।

इस गांव या आसपास के इलाके में मरकजी मस्जिद जैसी पहले कोई मस्जिद तो क्या कोई निजी भवन भी नहीं है। मोहम्मद सलमान इस मस्जिद का निर्माण जामा मस्जिद के अनुरूप करवा रहा था। गांव के कुछ लोगों और मस्जिद के निर्माण में जुटे कारीगरों के अनुसार सलमान इसके निर्माण में बेहतरीन सामग्री इस्तेमाल करवा रहा था। इसका नाम भी सलमान ने खुलफा-ई-राशिदीन रखा है।
मोहम्मद सलमान 25 सितंबर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की गिरफ्त में है। एनआइए के अधिकारियों ने सलमान के दुबई में कई आतंकी संगठनों से संबंधों की पुष्टि की है। एनआइए की गिरफ्त में होने के कारण मरकजी मस्जिद में पिछले दो बार से जुमे की नमाज बिना सलमान के पढ़ी गई है। इसके पहले आठ साल में हर जुमे की नमाज उसकी मौजूदगी में पढ़ी गई।
गांव के लोग बताते हैं कि सलमान ने यहां अपने लिए एक कमरा भी बनवाया है। वह उसी में ठहरता था। उससे आसपास के गांवों के लोग भी मिलने आते थे।
अख्तर हुसैन (पूर्व सरपंच, उटावड़) का कहना है कि सलमान पर लगे आरोप उटावड़ गांव सहित मेवात क्षेत्र के लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं । मरकजी मस्जिद के निर्माण का जिम्मा सलमान को 2010 में तब सौंपा गया था जब गांववासी इसे पूरा करने में असमर्थ हो रहे थे। गांव के कुछ प्रमुख लोग सलमान को निजामुद्दीन से बुलाकर लाए थे। उसे बुलाने की वजह यह थी कि उसके पिता मौलवी दाऊद का जन्म उटावड़ में हुआ था। गांववासियों को विश्वास है कि जांच में सलमान बेकसूर साबित होगा।
गौरतलब है कि संदिग्ध आतंकी हाफिज सलमान की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आई पलवल के उटावड़ क्षेत्र की मरकजी मस्जिद को आतंकी फंडिंग की आशंका पर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) की टीम ने 3 अक्टूबर को मस्जिद को चंदे से मिले धन से जुड़े रजिस्टर व बैंक दस्तावेज कब्जे में ले लिए थे। 
3 अक्टूबर को उटावड़ पहुंची एनआइए की चार सदस्यीय टीम ने हरियाणा पुलिस की मौजूदगी में पांच घंटे तक मस्जिद परिसर में जांच- पड़ताल की और मस्जिद प्रबंधन से जुड़े लोगों के बयान लिए हैं। रजिस्टर और बैंक खाते जब्त किए डीसीपी अशोक डागर की अगुआई में टीम ने सबसे पहले मस्जिद प्रबंधन कमेटी से जुड़े लोगों से निर्माण खर्च बजट का आंकलन किया था।
बारीकी से रजिस्टरों को जांचा व चंदे के माध्यम से आई धनराशि व बैंक खातों का विवरण लिया। करीब पांच घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान एनआइए ने एक रजिस्टर, दो पॉकेट डायरी तथा कुछ कागजातों को कब्जे में लिया है। दिल्ली से गिरफ्तार हुआ था सलमान मूल रूप से उटावड़ निवासी सलमान व उसके दो साथियों को एनआइए की टीम ने विदेशी फंडिंग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय वह दिल्ली के निजामुद्दीन में रहता था। सलमान की ही देखरेख में उटावड़ मोड़ पर मस्जिद का निर्माण हो रहा था। निर्माण वर्ष 2010 में शुरू हुआ था।
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आरोप है कि सलमान का संपर्क पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना हाफिज सईद द्वारा चलाए जा रहे संगठन के एक सदस्य से था, जो दुबई में रहता है। उससे सलमान की फोन पर बातें होती थीं। सूत्रों के अनुसार सलमान व उसके दो साथियों से पूछताछ में मस्जिद को दुबई निवासी उक्त व्यक्ति द्वारा फंडिंग करने की बात सामने आई, उसी के बाद टीम जांच के लिए पहुंची।
आलोक मित्तल (महानिरीक्षक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने बताया कि सलमान से पूछताछ के आधार पर जांच चल रही है। पलवल के गांव उटावड़ में बनाई गई मस्जिद में दुबई के एक नागरिक के माध्यम से पैसा लगाने की बात सामने आई है। छानबीन शुरू कर दी गई है। जल्द ही सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
यहां पर बता दें कि पिछले महीने 26 सितंबर को एनआइए ने मेवात से दिल्ली के एक हवाला डीलर को गिरफ्तार किया था। खुफिया एजेंसियों का आरोप है कि सलमान लश्कर के जुड़े पाकिस्तानी संगठन फलाह-ए-इंसानियत से फंड लेता था।
खुफिया सूचना पर 27 सितंबर को एनआइए ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। कार्रवाई के तहत दिल्ली के दरियागंज, निजामुद्दीन और कूचा घासीराम इलाके में एजेंसी ने छापा मारा था। इस छापे में टेरर फंडिंग मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया था।

गौरतलब है कि फलाह-ए-इंसानियत पाकिस्तान के लाहौर का एक संगठन है। इस जमात-उद-दावा ने स्थापित किया है और UAPA के अंतरगत आतंकी संगठन के श्रेणी में रखा गया है। NIA ने यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है।

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