आज विश्व 2024 को विदा कर रहा है लेकिन वित्तीय वर्ष सनातन धर्म आधारित चैत्र मास से ही श्रीगणेश करता है; 2025 में चैत्र मास(विक्रम सम्वत 2081) प्रारम्भ हो रहा है 30 मार्च से

आज विश्व 2024 को विदा कर रहा है लेकिन वित्तीय वर्ष अनंतकाल प्राचीन या कहा जाए आदि काल से सनातन धर्म आधारित चैत्र मास से ही श्रीगणेश करता है; 2025 में चैत्र मास प्रारम्भ हो रहा है 30 मार्च से, 1 जनवरी से नहीं। वित्तीय वर्ष का प्रारम्भ 1 अप्रैल से होता है। यानि विश्व सनातन धर्म द्वारा आधारित नियम को ही मानता है। 
दूसरे, नव वर्ष के आगमन का लोग मदिरा आदि के सेवन से करते हैं, जबकि सनातनी नव वर्ष का आगमन नवरात्रों से होता है यानि सनातनी मन्दिरों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं व्रत रखते हैं। यह अन्तर है पश्चिमी नए वर्ष और सनातनी वर्ष के आगमन का। कोई सनातनी अपने नूतन वर्ष का मदिरा पीकर स्वागत नहीं करता। विक्रम सम्वत कहते जाने का अपना इतिहास है। जबकि सनातन आदि काल से है। इसका मुख्य कारण है कि हिन्दू सम्राट विक्रमादित्य ने सनातन के लिए जो कार्य किए उन कार्यों को सम्मान करते विक्रम सम्वत कहा जाता है।  
नए साल का पर्व ऐसा मनाना चाहिए जो न केवल खुशियां लाए बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मकता और सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करे। इसके लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:

1. आध्यात्मिक शुरुआत करें
सुबह जल्दी उठें: सूर्योदय के समय उठकर स्नान करें और भगवान का स्मरण करें।
पूजा-पाठ: भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करें। "श्री गणेशाय नमः" और "ओम महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जाप करें।
दीप जलाएं: घर के मंदिर और मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं।
2. दान और सेवा करें
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और अन्य सामग्री दान करें। इससे शुभ फल मिलता है।
गाय, कुत्ते, और पक्षियों को भोजन कराएं।
3. संकल्प लें
नए साल पर अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए 2-3 महत्वपूर्ण संकल्प लें। जैसे:
रोज ध्यान करेंगे।
खर्चों में संयम रखेंगे।
नए कौशल सीखेंगे।
4. घर को सकारात्मक बनाएं
घर की साफ-सफाई करें।
मुख्य द्वार पर रंगोली और शुभ चिन्ह (जैसे स्वस्तिक) बनाएं।
पूरे घर में कपूर और गूगल का धुआं करें।
5. आर्थिक उन्नति के लिए उपाय
तिजोरी या धन रखने की जगह पर लाल कपड़ा बिछाएं और उसमें हल्दी या कुंकुम से स्वस्तिक बनाएं।
7 गोमती चक्र मां लक्ष्मी की मूर्ति के सामने रखें।
6. खुशी और आनंद के पल
परिवार और मित्रों के साथ समय बिताएं।
अपने प्रियजनों के साथ खाने-पीने का आयोजन करें और सकारात्मक बातें साझा करें।
7. ध्यान और साधना
नए साल के पहले दिन कम से कम 15-20 मिनट ध्यान करें। यह मन को शांति और नई ऊर्जा देगा।
"गायत्री मंत्र" या "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करें।
8. ज्योतिषीय उपाय
अपने कुंडली के ग्रहों को संतुलित करने के लिए रत्न धारण करें या किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लें।
नवग्रहों की शांति के लिए हवन कराएं।
9. सकारात्मक सोच बनाए रखें
बीते साल की कमियों को भूलकर नए साल के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण रखें।
नई योजनाएं बनाएं और उन्हें धीरे-धीरे पूरा करने का प्रयास करें।
नए साल को आध्यात्मिक और सकारात्मक तरीके से मनाएं। यह दिन आपके जीवन का नया अध्याय हो सकता है। सकारात्मक ऊर्जा, शुभ कर्म, और ईश्वर की कृपा से आप निश्चय ही अपने भाग्य को बदल सकते हैं।

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