जॉर्ज सोरोस को राष्ट्रीय सम्मान साबित करता है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के लिए जो बिडेन ही अपराधी है; पन्नू को भी दे देते यह अवार्ड; सोरोस को सम्मानित कर बिडेन ने विश्व में अमेरिका को कलंकित कर दिया

सुभाष चन्द्र

खुशबू और बदबू लाख छुपाने पर भी छुप नहीं सकती, जिसे मानव विरोधी बिडेन ने साबित कर दिया। जॉर्ज सोरोस को राष्ट्रीय सम्मान देकर जो बिडेन ने अमेरिका के विरुद्ध उस मानसिकता को भी साबित कर दिया कि अमेरिका कभी किसी का सगा नहीं। क्या बिडेन को नहीं की जिस सोरोस को सम्मानित कर रहा है, उसने कितने ही देशों की अर्थव्यवस्था को चौपट किया है यानि बिडेन ने यह भी साबित कर दिया कि सोरोस अमेरिका द्वारा पोषित है और सोरोस के कन्धों पर बन्दुक रख अमेरिका विश्व में बर्बादी का खेल खेल रहा है। 

अगर भारत में सख्त शासक नरेंद्र मोदी नहीं होता बिडेन सोरोस के जरिए भारत को भी बर्बाद कर चूका होता। भारतीयों को सोरोस के हाथों कठपुतली बने विपक्ष को अपने वोट के जरिए पाताल में पहुँचाना चाहिए। बिडेन के अमेरिका राष्ट्रपति बनने के बाद से सोरोस भारतीय विपक्ष को फंडिंग कर कभी कोई आंदोलन तो कभी कोई धरना कर भारत को नुकसान और विश्व में अपमानित करने का मानव विरोधी हरकते करता रहा। 

बिडेन का जॉर्ज सोरोस को अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ़ फ्रीडम” देना साबित करता है कि अमेरिका विभिन्न देशों में तख्तापलट करने का दोषी है जो वह सोरोस की मदद से करता आ रहा है। जब अमेरिका के हितों को साधने के लिए सोरोस को सम्मान दे सकते है तो यह सम्मान गुरपतवंत सिंह पन्नू को भी दे देते क्योंकि वह भी कई देशों खासकर भारत में अमेरिकी नीति को अंजाम दे रहा है

कहां भूतपूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति कार्टर और कहां जॉर्ज सोरोस, दोनों को सम्मान देकर बिडेन ने सोरोस को कार्टर के बराबर खड़ा कर दिया जिसका रुतबा अमेरिका के लिए अलग ही था

लेखक 
चर्चित YouTuber 
सोरोस अमेरिका की विदेशी सरकारों के खिलाफ गंदी राजनीति का हिस्सा है जो अमेरिकी Deep State को कंट्रोल करता है 

सोरोस को अवार्ड देने का एक कारण यह भी हो सकता है कि सोनिया गांधी और सोरोस के बीच “नापाक” संबंध सामने आ गए और इस तरह सोरोस को अवार्ड देने से सोनिया का भी बचाव किया गया है यदि सही मायने में देखें तो यह अवार्ड राहुल गांधी को भी दिया गया है क्योंकि सोरोस के मार्गदर्शन में ही वह भारत को बर्बाद करने में लगा है और अमेरिका का भारत को बर्बाद करने में पूर्ण समर्थन रहता है जो सोरोस को अवार्ड साबित कर रहा है

बिडेन द्वारा सोरोस को सम्मान देना साबित करता है कि बिडेन ही बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के लिए दोषी है क्योंकि मोहम्मद यूनुस तो बिडेन की ही कठपुतली है जिसने सभी आतंकियों को “free” कर दिया हिंदुओं पर बर्बरता करने के लिए लेकिन बिडेन पूर्णतया खामोश रह सब कुछ देख रहा है यूनुस एक आतंकी की तरह सरकार चला रहा है जिसका लक्ष्य केवल हिंदुओं को बांग्लादेश से निकालना और शेख हसीना को मौत की सजा देना है

बिडेन के कार्यकाल में भारत पर अमेरिकी संस्थाओं ने मुसलमानों के उत्पीड़न के सबसे ज्यादा आरोप लगाए लेकिन अब अमेरिका को स्वयं झेलना पड़ेगा जब मुस्लिमों को सिर पर चढाने का नतीजा उसके सामने आएगा और जो आना शुरू हो गया है जो आज ब्रिटेन झेल रहा है वह कल अमेरिका भी झेलेगा क्योंकि कर्मफल मिलता जरूर है

बिडेन ने भारत से दोस्ती का नाटक किया जबकि अंदरखाने वह भारत की जड़ें खोदने में लगा रहा और इसलिए गुरपतवंत सिंह पन्नू को बेलगम छोड़ा हुआ है जो प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और योगी को मारने की धमकी देता रहता है और बिडेन खामोश रहता है अभी कुम्भ पर हमले की धमकी दी है पन्नू ने क्या अमेरिकी संविधान और कानून ऐसे आतंकी हमले करने की अनुमति देता है और देता है तो फिर अमेरिका भी आतंकी देश क्यों नहीं कहलाया जाए?

बिडेन ने जिस तरह अफगानिस्तान का मैदान छोड़ा वह भी 7 बिलियन डॉलर के हथियार छोड़ कर, वह अमेरिका की साख को मिट्टी में मिलाने के लिए बहुत था

बिडेन ने यूक्रेन को नाटो में घुसने नहीं दिया बल्कि रूस यूक्रेन युद्ध में दोनों देशों के लाखों लोगों का मरना बेहतर समझा केवल इसलिए कि किसी तरह यूक्रेन के कंधे का सहारा लेकर अपने दुश्मन देश रूस को बर्बाद कर सके यह नीति अमेरिका के लिए कितनी घातक रही, वह समय ही बताएगा क्योंकि रूस तो बर्बाद हुआ नहीं

जाते जाते बिडेन ने सीरिया के बशर असद को भी बलि चढ़ा कर वहां भी आतंकी सरकार बना दी क्योंकि बिडेन ने कहा था हम सीरिया मामले में दखल नहीं देना चाहते 

कुल मिला कर बिडेन अमेरिका के लिए सबसे कमजोर राष्ट्रपति साबित हुए और आरोप तो यह हैं कि अमेरिकी सरकार को पीछे से ओबामा चलाता रहा जबकि बिडेन तो केवल एक मुखौटा थे 

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