महाकुंभ में आयुष बनकर अयूब अली यति नरसिंहानंद के कैंप के बाहर घूम रहा था, संतों ने पकड़ा: डासना मंदिर में भी पहचान छिपा घुसपैठ कर चुके हैं मुस्लिम

                                नरसिंहानंद के कुंभ कैंप के बाहर पकड़ाया मुस्लिम युवक (साभार: भास्कर)
गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के प्रयागराज महाकुंभ कैंप से अयूब नाम के एक संदिग्ध को पकड़ा गया है। कहा जा रहा है कि अयूब ने अपना नाम आयुष बताकर मेला क्षेत्र में प्रवेश किया था। पुलिस अयूब को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह नरसिंहानंद के कैंप के बाहर क्यों घूम रहा था।

अयूब मंगलवार(14 जनवरी 2025) को यति नरसिंहानंद के कैंप के आसपास घूम रहा था। उसकी गतिविधियाँ संदिग्ध लगीं तो अखाड़े के संतों ने उसे पकड़ लिया। इस दौरान अयूब ने अपना नाम आयुष बताया और कहा कि वह नरसिंहानंद से मिलने के लिए आया हुआ है। शंका हुई तो संतों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना असली नाम अयूब अली बताया।

उसने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के एटा के अलीगंज का रहने वाला है। उसके अब्बा का नाम शाकिर अली है और उसके दो भाई एवं तीन बहनें हैं। उसने बताया कि वह कुंभ में घुमने के लिए अकेला आया हुआ था। उसने यह भी कहा कि उसे किसी ने भेजा नहीं है। उसने यह भी कहा, “मुझे मालूम नहीं था कि यहाँ आना अलाऊ नहीं है।” वह कानपुर से ट्रेन में बैठकर गोरखपुर गया और वहाँ से प्रयागराज पहुँचा था।

इस घटना के बाद नरसिंहानंद ने कहा कि महाकुंभ में उनकी हत्या हो सकती है। इसकी साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा, “कुछ महीने पहले ही गाजियाबाद स्थित मेरे डासना मंदिर के बाहर 10,000 मुस्लिमों की भीड़ ने हमला किया था। मेरी लगातार रेकी की जा रही है। बेंगलुरु में रहने वाला जुबैर भी धमकी दे चुका है। उसी ने मंदिर पर हमला कराया था।”

नरसिंहानंद ने कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से दो गनर मिले हुए हैं। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में मुझे सबसे ज्यादा खतरा है। मेरी कभी भी हत्या हो सकती है।” उन्होंने हिंदुओं से 4-5 बच्चे पैदा करने की अपील करते हुए कहा कि भारत में मुस्लिमों की वजह से हिंदू आबादी को खतरा पैदा हो गया है। हिंदुओं की आबादी तेजी से घट रही है और मुस्लिमों की बढ़ रही है।

पहले भी उनके मंदिर से पकड़ा चुके हैं मुस्लिम

उत्तर प्रदेश पुलिस ने 3 अक्टूबर 2024 को डासना मंदिर में घुसने की कोशिश करने के आरोप में तीन मुस्लिमों को पकड़ा था। इन लोगों ने अपना नाम हिंदू बताया था। हालाँकि, उनकी पहचान राहुल, नानक और वजीर खान के रूप में हुई थी। ये सभी मथुरा जिले के रहने वाले थे। तीनों ने हिंदू नामों का इस्तेमाल किया और मंदिर में घुसने के लिए खुद को रामलीला टीम का हिस्सा होने का दावा किया था।
वहीं, मई 2023 में 2 नाबालिग लड़कियों के साथ एक संदिग्ध मंदिर में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था। संदिग्ध का नाम मोहसिन बताया गया था। यह बात भी सामने आई थी कि मोहसिन के साथ 2 लड़कियाँ थीं, जिनमें से एक हिन्दू समाज से है। इसी लड़की के आधार कार्ड पर एंट्री करने की कोशिश की गई थी। दूसरी नाबालिग लड़की मुस्लिम है। नरसिंहानंद ने रेकी करने का आरोप लगाया था।
इससे पहले अक्टूबर 2021 में भी एक मुस्लिम बच्चे ने डासना मंदिर में घुसने की कोशिश की थी। उसे नरसिंहानंद ने खुद पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। नरसिंहानंद ने दावा किया था कि यह बच्चा उनकी रेकी करने के लिए आया था। इसका नाम अनस बताया गया था। नरसिंहानंद ने कहा था कि मुस्लिम के बच्चे ट्रेंड कातिल हैं।
वहीं, जून 2021 में मंदिर में कथित तौर पर पुजारी नरसिंहानंद की हत्या करने आए दो लोगों को पकड़ा गया था। उससे पहले मार्च 2021 में डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद और उसके साथी ने आसिफ नाम के एक मुस्लिम लड़के को मंदिर में घुसते हुए पकड़ा था। इसके बाद मंदिर के पुजारियों ने उसकी पिटाई कर दी थी। इस घटना के बाद नरसिंहानंद की हत्या का एलान करते कई वीडियो सामने आए थे।

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