इस्लामी आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर खलीफा का राज (खिलाफत) कैसे आए, इस पर कनाडा में एक कॉन्फ्रेंस कर रहा है। यह खलीफा कॉन्फ्रेंस कनाडा के मिसीसॉगा में आयोजित की जानी थी। कनाडा के आतंक पर इस ढुलमुल रवैये को लेकर अब प्रश्न उठाए जा रहे हैं। मिसीसॉगा की मेयर ने इस आयोजन का विरोध किया है और कार्रवाई की बात कही है। इसके बाद यह कॉन्फ्रेंस दूसरे शहर में आयोजित की जाएगी। मिसीसॉगा की जगह अब इसे हैमिलटन में करवाया जाएगा।
हिज्ब उत तहरीर की यह कॉन्फ्रेंस 18 जनवरी, 2025 को मिसीसॉगा में होनी थी। मिसीसॉगा शहर में किस जगह पर यह होती, यह नहीं पता चला। लेकिन अब यह हैमिलटन में भी यह किस जगह होगी, यह नहीं बताया गया है।इस कॉन्फ्रेंस का विषय है – ‘खिलाफत की वापसी में देर लगा रहे रुकावटों को हटाना।’
इसको लेकर एक फेसबुक पोस्ट भी वायरल है। इस पोस्ट में लिखा है, “हिज्ब उत तहरीर कनाडा आपको इस साल की कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित करता है – खिलाफत: इसकी वापसी में देरी करने वाली बाधाओं को दूर करना… मुस्लिमों पर दुनिया में रही त्रासदियों पर पूरी दुनिया में आक्रोश और सदमा है, लेकिन अल्लाह और अल्लाह के रसूल ने जीत के लिए सही तरीका और रोडमैप पहले ही बता दिया है। इस्लाम को पूरी तरह से लागू करके और खिलाफत की स्थापना करके ही मुसलमान दुनिया में एक बार फिर से अपना सही जगह पा सकते हैं।”
इसमें आगे लिखा गया, “ऐ मुसलमानों, और हम कितने दिन तक खिलाफत के राज के बिना रह सकते हैं? क्या अब भी हम उस अंधेरे से तंग नहीं आए हैं जो हमें कुचल रहा है? क्या हम सही में बदलाव चाहते हैं? तो शनिवार, 18 जनवरी को हमारे स्पीकर्स से मिलें।” इस कॉन्फ्रेंस में खलीफा का राज फिलिस्तीन की आजादी के लिए कैसे जरूरी है इस पर बात होगी।
एक और पोस्ट हिज्ब उत तहरीर ने लिखा, “आज की औपनिवेशिक महाशक्तियों के खिलाफ़ फतह हासिल करने लिए हमें क्या कदम उठाने की ज़रूरत है? जानें कि आज हम जिस स्थिति में हैं, उससे आगे अमेरिका, यूरोप, रूस, चीन और अन्य देशों पर जीत हासिल करने के लिए हमारी उम्माह को क्या करना होगा।” हिज्ब उत तहरीर ने दावा किया कि क्या अमेरिका सही में इतना ताकतवर है जो वह उम्माह को हरा दे। इस कॉन्फ्रेंस में कई मुस्लिम कट्टरपंथी जुड़ रहे हैं, लेकिन इसके आयोजन से पहले विवाद हो गया है।
हिज्ब उत तहरीर भारत समेत इजरायल, इंग्लैंड, जर्मनी, चीन, रूस, तुर्की और बांग्लादेश में प्रतिबंधित इस्लामी आतंकी संगठन है। भारत ने इसे अक्टूबर, 2024 में ही प्रतिबंधित किया था। हिज्ब उत तहरीर 1953 में बना था और यह पूरी दुनिया में इस्लाम के राज की वकालत करता है।
इसके लिए वह खिलाफत को रास्ता बताता है। इस पर कनाडा में प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है और यहाँ यह लगातार अपनी गतिविधियाँ चला रहा है। इससे पहले भी यह इस्लामी देशों में कॉन्फ्रेंस आयोजित करता रहा है। कनाडा में इस कॉन्फ्रेंस के आयोजन को लेकर ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने भी प्रश्न उठाए हैं। कनाडा के सांसदों समेत बाकी लोगों ने कहा है कि जस्टिन ट्रूडो के राज में उनका देश आतंकियों के लिए पनाहगाह बन चुका है। उन्होंने इस आयोजन समेत हिज्ब उत तहरीर पर प्रतिबंध लगाने की माँग की है।
Is this accurate? @CommunityNotes https://t.co/M2XsgY6UDP
— Elon Musk (@elonmusk) January 5, 2025
इस कॉन्फ्रेंस के आयोजन का संज्ञान मिसीसॉगा की मेयर ने भी लिया जिसके बाद इसका आयोजन यहाँ रद्द कर दिया गया। मिसीसॉगा की मेयर कैरोलिन पैरिश ने इस आयोजन की जगह ढूंढ कर पुलिस को सूचना देने की बात कही थी। इसके बाद इसे हैमिलटन शहर में आयोजित जा रहा है। हिज्ब उत तहरीर ने इस कॉन्फ्रेंस की जगह में अब बदलाव करने हिज्ब उत तहरीर ने खलीफा के राज पर 2024 में भी मिसीसॉगा में एक कॉन्फ्रेंस करने की कोशिश कई थी लेकिन बाद में इसे कैंसिल कर दिया गया था।
This very extreme group are moving on to another City for their Jan 18th conference. On behalf of all the peaceful and respectful residents of Mississauga, we are relieved. pic.twitter.com/kHaIr9t5E7
— Mayor Carolyn Parrish (@carolynhparrish) January 5, 2025
कनाडा की सरकार ने अभी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया है। कनाडा के भीतर खुले तौर पर हिज्ब उत तहरीर के समर्थक और आतंकी घूम रहे हैं। कनाडा इन पर प्रतिबन्ध ना लगाने को बोलने की आजादी का नाम देता है। इसी तरह वह भारत तोड़ने की बात करने वाले खालिस्तानी आतंकियों को भी प्रश्रय देता है।
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