‘पाकिस्तान से हुआ जंग तो नहीं लड़ेगे सिख सैनिक’: खालिस्तानी आतंकी पन्नू को ‘हथियार’ बना पाकिस्तानी मीडिया कर रहा प्रोपेगेंडा


ऑनलाइन यूट्यूब चैनल ने रविवार (27 अप्रैल 2025) को भारत-विरोधी कालिस्तानी महल गुरपतवंत सिंह पी बॉलीअंड का इंटरव्यू किया। इस साक्षात्कार में गुरपतवंत सिंह पेज ने कई दुष्टों, बेबुनियादों और आंदोलनकारियों पर आरोप लगाए, जो भारत की एकता और अखंडता को तोड़ने की अपनी नापाक व्यवस्था को दिखाते हैं। फिल्म में दावा किया गया है कि पंजाब के दो करोड़ सिख भारत सरकार को कभी भी पाकिस्तान पर हमला करने से नहीं रोकेंगे।

साथ ही हाल ही में उन्होंने पहले गेम में आतंकवादी हमलों को लेकर भारतीय गुप्तचरों की साजिश रची और कहा कि इसका मकसद बिहार विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बढ़ावा देना था। यह साक्षात्कार वक्त सामने आया, जब पहले गेम अटैक में 27 साल की मासूम हिंदू फिल्म की जान चली गई थी, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।

इस साक्षात्कार में पाकिस्तान द्वारा यूक्रेनी इस्लामिक आतंकवादियों को उखाड़ने की घटिया कोशिश की बात कही गई है। पी अलाउल्स ने बेशर्मी से दावा किया कि पहला गेम पाकिस्तान पर हमला करने का काम नहीं था, बल्कि भारतीय मस्जिद की करतूत थी। इसके अनुसार, यह बीजेपी पर बिहार चुनाव में ध्रुवीकरण करने और राजनीतिक फ़ायदा उठाने के लिए हमला किया गया। इस टिप्पणी में यह भी कहा गया है कि जब-जब अमेरिका के बड़े नेता भारत आते हैं, तब-तब ऐसे हमले होते रहते हैं, ताकि पाकिस्तान की छवि अंतरराष्ट्रीय मंच पर खराब हो सके। इसमें शामिल का कोई सबूत नहीं है, और ये सिर्फ भारत को बदनाम करने की इसकी साजिश का हिस्सा हैं।

 गुरपतवंत सिंह पी शेयरहोल्डर नाम के इस स्त्रैती ने एक और घिनौना ने दावा किया कि पंजाब के लोग और भारतीय सेना में सिख सैनिक और अधिकारी शामिल हैं जो पाकिस्तान के साथ जुड़े हुए हैं। भारत के उस फैसले का जिक्र किया गया, जिसमें कहा गया था कि भारत अब सिंधु जल संधि का पूरी तरह से पालन नहीं करेगा। इस आतंकवादी ने इसे भारत की आपत्तिजनक टिप्पणी में दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान का पानी लाभ चाहता है।

पी बब्लू ने पाकिस्तान की सेना के प्रमुखों और प्रधान मंत्री के उन लाॅकडाउन का बहिष्कार किया, जिसमें पानी पर प्रतिबंध को युद्ध की कार्रवाई माना जाता है। पी एब्यूज़न ने भारतीय पंजाब में रहने वाले सिखों की स्थिति लेकर सवाल उठाया कि अगर भारत-पाकिस्तान में जंग हुई तो सिखों का क्या होगा? यह साफ़ा साज़िश है कि यह मैट्रेस सिख समुदाय भारत के ख़िलाफ़ भड़काने की कोशिश कर रहा है।

गुरपतवंत सिंह पी वॉलीबॉल ने दावा किया कि सिख समुदाय पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा और भारत पर पंजाब के रास्ते हमला करने से रोकेगा। एपीएसए ने कहा कि 2025 में 1965 और 1971 जैसे हालात नहीं हैं, और अब इसके साथ सिखाएं। लेकिन यह शर्त रखी कि सिख इसी तरह पाकिस्तान का साथ देंगे, अगर पाकिस्तान फ्रैंक खालिस्तान की मांग का समर्थन करे। इस मित्र ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में खालिस्तान के हमलों और खालिस्तान के अवशेषों को आतंकवादी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के रूप में समझाने की मांग की। यह साफ है कि यह भारत को तोड़ने की साजिश में पाकिस्तान को उकसा रहा है।

पन्नू ने आगे कहा कि अगर पाकिस्तान खालिस्तान का समर्थन करता है, तो दुनिया भर के सिख इसके साथ एकजुट हो जाएँगे। उसने 1971 के युद्ध का जिक्र किया, जब भारत की मदद से बांग्लादेश बना। इस नीच ने आरोप लगाया कि अब भारत बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करना चाहता है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयानों में जिक्र किया। इसने दावा किया कि खालिस्तान का समर्थन पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार हो सकता है। उससे भारत के पंजाब में लाखों सिख इसके साथ आ जाएँगे। यह भारत की एकता के लिए खुला खतरा है, और इसकी मंशा साफ है कि यह सिखों को भारत के खिलाफ हथियार बनाना चाहता है।

इस खालिस्तानी आतंकी ने दावा किया कि इसने भारतीय सेना के सिख सैनिकों को भारत के प्रति वफादारी छोड़ने के लिए उकसाने की कोशिश की है। इसने कहा कि इसके इन गंदे कामों की वजह से भारत में इस पर देशद्रोह के कई मामले दर्ज हैं। इस नीच ने भारतीय सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सिखों को अब समझ आ गया है कि उनका असली दुश्मन पाकिस्तान नहीं, बल्कि भारत सरकार है। इसने 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार का जिक्र किया, जब भारतीय सेना ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके अलावा, इसने नवंबर 1984 के सिख विरोधी दंगों और 1984 से 1995 तक पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाइयों का हवाला दिया, जिनमें हजारों सिख युवा मारे गए। यह साफ है कि यह आतंकी पुरानी घटनाओं को तोड़-मरोड़कर सिखों में भारत के खिलाफ नफरत फैलाना चाहता है।

इंटरव्यू के दौरान पन्नू ने पाकिस्तान सरकार की तारीफ की, जो सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने की इजाजत देती है, लेकिन भारतीयों को वीजा नहीं देती। इसने इसे एक अच्छा कदम बताया, लेकिन कहा कि भारत की कथित आक्रामकता को रोकने के लिए यह काफी नहीं है। इसने फिर जोर दिया कि पाकिस्तान को खालिस्तान का खुलकर समर्थन करना चाहिए, ताकि सिख इसके साथ खड़े हों। यह साफ दिखाता है कि यह आतंकी भारत के खिलाफ पाकिस्तान को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू ने खालिस्तान रेफरेंडम का जिक्र किया और कहा कि यह सिख समुदाय के दम पर चल रहा है, भले ही किसी सरकार का समर्थन न हो। इसने बताया कि जल्द ही यह रेफरेंडम भारत के पंजाब में होगा, जिसमें हिंदू और मुस्लिम भी वोट दे सकेंगे। उसने 17 अगस्त 2025 को वाशिंगटन डीसी में होने वाले रेफरेंडम को अहम बताया और कहा कि यह ‘पंजाब वोट फॉर इंडिपेंडेंस’ कैंपेन के तहत व्हाइट हाउस और अमेरिकी कॉन्ग्रेस में लॉबिइंग कर रहा है। यह साफ है कि यह आतंकी विदेशी धरती पर बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है।

इस नीच ने भारत पर खालिस्तानी आतंकियों और समर्थकों के खिलाफ सख्ती का आरोप लगाया। इसने कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और यूके में इसके सहयोगी परमजीत सिंह पम्मा पर हुए कथित हमले का जिक्र किया। पन्नू ने दावा किया कि एक बीजेपी सांसद ने उसके सिर पर 5 लाख डॉलर का इनाम रखा है, लेकिन वो मौत से नहीं डरता। पन्नू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेशर्मी से चुनौती दी कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सिखों के बीच सीधा मुकाबला करें। यह इसकी हिमाकत दिखाता है कि यह भारत के नेतृत्व को खुलेआम धमकी दे रहा है।

इस आतंकी ने कश्मीर के कथित आजादी आंदोलन का समर्थन किया और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को अंजाम देने वालों को 'आजादी का संग्राम' बताया। लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में रहने वाले कश्मीरियों पर भी आधारित है, जो कश्मीर में सक्रिय प्रशिक्षण के समर्थन में भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन नहीं करते हैं। यह सिद्ध होता है कि यह आतंकी सिर्फ खालिस्तान नहीं, बल्कि कश्मीर में भी घुसपैठ की कोशिश कर रहा है।

22 फरवरी को फर्स्टगेम आतंकी हमला हुआ था, जिसमें पाकिस्तान के सहयोगी संगठन एमबीएम-ए-तैयबा के सहयोगी द रेसिस्टेंस फोर्स (टी फाइनैंशियल फोर्स) ने 27 मासूम हिंदू ऑर्केस्ट्रा को म्यूजिकल बनाया था। क्रिस्टोफर ने अपनी धार्मिक पहचान की, कलमा पढ़ने को कहा और उनके कपड़े निकालने वाले की जांच की कि उनका खतना हुआ है या नहीं। जो इस जांच में 'विफल' हो गया, उन्हें स्नातक से गोली मार दी गई।

गुरपतवंत सिंह पी वॉली एक अमेरिकी-कनाडाई नागरिक हैं, जो खुद वकील हैं। यह सिखों की अधिकारिता के खिलाफ़ खालिस्तानी भावना भड़काता है और भारत के समाजवादी धमाके देता है। भारत ने इसे साइबेरियाई कला (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत नागरिकता घोषित कर दिया है। इसके संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' की भी भारत में एक सूची है। यह भारत का कट्टर दुश्मन है, जो विदेशी धरती से भारत की एकता और शांति को तोड़ने की साजिश रच रहा है।

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