जैसे हिंदू माँ-बहनों का सिंदूर उजाड़ा है, वैसे ही आतंकियों और उनके आकाओं का करेंगे सफाया: CM योगी, पहलगाम में जिसे पत्नी के सामने मारी गोली उसके परिजनों से मिले


जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुस्सा प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि हिन्दू बहन-बेटियों का सिन्दूर उजाड़ा जाए, यह स्वीकार्य नहीं है। सीएम योगी ने यह बातें इस हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के घर पहुँच कर कही हैं। उन्हें आतंकियों ने पहलगाम में मार दिया था।

सीएम योगी ने कहा, “22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम के अंदर हुए आतंकी हमले में कानपुर का एक परिवार प्रभावित हुआ है… यह एक क्रूर, वीभत्स और कायराना कृत्य है। इसकी देश और दुनिया के हर सभी समाज ने निंदा की है। यह घटना बताती है कि आतंक अपनी अंतिम सांस ले रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “जाति-धर्म पूछ कर हिन्दू बहन-बेटियों के सामने उनका सिन्दूर उजाड़ा जाए, यह कोई सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता। भारत में यह कतई स्वीकार्य नहीं है। भारत सरकार की आतंक के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति रही है, उसी से इसका खात्मा होगा।”

उन्होंने कहा कि CCS बैठक में लिए गए निर्णयों से आतंक के खात्मे की शुरुआत हो चुकी है। सीएम योगी ने कहा कि पूरे भारत को इस दुखद घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर विश्वास करना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि उन्होंने शुभम द्विवेदी के परिवार से उलाक्त कर संवेदना प्रकट की है।

योगी ने स्पष्ट किया कि आतंकी छोड़े नहीं जाएँगे। उन्होंने कहा, “जिस तरीके से हिन्दू माँ-बहनों के सामने उनके सिन्दूर के साथ जो बर्बर कृत्य किया गया है, इसी प्रकार से आतंकियों और उनके आकाओं को इसकी सजा जरूर मिलेगी, इसमें कोई सन्देश किसी को नहीं होना चाहिए।”

योगी ने कहा है कि यह सरकार आतंकियों पर से मुकदमा वापस लेने वाली नहीं बल्कि उनका सफाया करने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि इस घटना के परिणाम अब जो आएँगे, उसको पूरा देश देखेगा। सीएम योगी के साथ इस दौरान और कई बड़े नेता शुभम द्विवेदी के घर मौजूद रहे।

दो माह पहले हुई थी शुभम की शादी

12 फरवरी 2025 को शुभम का विवाह ऐशान्या के साथ हुआ था। शादी के बाद पूरे परिवार ने कश्मीर घूमने की योजना बनाई थी और 17 अप्रैल को वे सभी कश्मीर पहुँचे थे। जिस समय शुभम की हत्या की गई, उस समय वे पत्नी ऐशान्या के साथ घुड़सवारी करने के लिए ऊपर पहाड़ी पर निकले थे। वहीं, शुभम के पिता और अन्य परिजन नीचे ही ही रुक गए थे।
मृतक शुभम की पत्नी ऐशान्या ने बताया कि जब वे घुड़सवारी कर रहे थे, उसी समय हमलावर आए। आतंकियों ने उनसे उनका नाम पूछा और कलमा पढ़ने को कहा। इसके बाद आतंकियों ने उन्हें गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने आनन-फानन में उन्हें कश्मीर भेजा। कश्मीर के अस्पताल में शुभम की उपचार के दौरान मौत हो गई।

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