चन्द्रावती को मायावती किसने बनाया और क्यों?

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दयाशंकर सिंह 
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
मायावती ने कांग्रेस से सम्बन्ध विच्छेद करने पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुआ-भतीजे का रिश्ता जोड़ते, समर्थन की बात करने पर कहा था "राजनीति में कोई रिश्ता नहीं होता...." लेकिन भूल गयीं कि सियासत की बिछी बिसात पर कौन-सा पृष्ठ कब खुल जाये, कुछ नहीं पता। बहुत कम लोगों को पता है कि मायावती का असली नाम चन्द्रावती है।
उत्तर प्रदेश की 4 बार मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती का राजनीतिक सफ़र काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है l 1977 में कांशीराम के सम्पर्क में आने के बाद चन्द्रावती को “मायावती” नाम मिला, और इसी नाम से इनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ l मायावती पर उत्तर प्रदेश के बीजेपी पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने आपत्तिजनक बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी l जिसके बाद दयाशंकर सिंह को पार्टी के सभी पदों से मुक्त कर दिया गया और साथ ही पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया l
दयाशंकर सिंह ने मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा कि “मायावती जी किसी को एक करोड़ रुपए में टिकट देती हैं, लेकिन एक घंटे बाद कोई दो करोड़ रुपए देने वाला मिलता है, तो वो उसको टिकट दे देती हैं. शाम को कोई तीन करोड़ देने वाला मिलता है तो वो टिकट काट कर उसे दे देती है l” दयाशंकर सिंह इतने पर ही नही रुके उन्होंने मायावती को ‘वैश्या’ तक कि संज्ञा दे दी l दयाशंकर सिंह ऐसे अकेले नही हैं जिन्होंने मायावती पर ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग किया हैl

Sourceजब मुलायम सिंह यादव ने मायावती के लिए आपत्तिजनक भाषा का किया प्रयोग!

मायावती के खिलाफ अभद्र भाषा के प्रयोग के लिए पूर्व बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ही नही समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव भी पीछे नही रहे l उत्तर प्रदेश में अपने राजनीतिक विरोधी मायावती पर इन्होने भी अभद्र भाषा के बाण छोड़े हैं l
मामला 30 अप्रैल 2014 का है, फ़ैजाबाद में एक चुनावी रैली के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मायावती के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए कहा था कि “मैं उसको (मायावती) कुंवारी कहूं, श्रीमती कहूं या बहन कहूं l”
जिस पर मायावती ने सख्त नाराजगी जताते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त से शिकायत की, और कहा कि ‘उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है अत: उनको आगरा के मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया जाए

मायावती पर आपत्तिजनक भाषा के मामले में लीलावती कुशवाहा सबसे आगे रही!

समाजवादी पार्टी की महिला नेता लीलावती कुशवाहा ने तो मायावती पर अभद्र भाषा के प्रयोग में तो सारी हदें ही तोड़ दी l उस वक़्त लीलावती कुशवाहा उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम की अध्यक्ष भी थी l
लीलावती कुशवाहा ने मायावती को अपना वर्जिनिटी टेस्ट कराने की नसीहत दे डाली है l उन्होंने कहा कि “मायावती को अपना वर्जिनिटी टेस्ट कराकर यह साबित करना चाहिए कि वे श्रीमती हैं या कुंवारी l”
लीलावती ने ये बात मुलायम सिंह यादव के दिए गये बयान के बाद कहा था, जिसमे उन्होंने कहा था कि ‘मैं उसको (मायावती) कुंवारी कहूं, श्रीमती कहूं या बहन कहूं।’ उन्होंने कहा कि मुलायम जी ने जो कहा वो बिलकुल सही है l

जब मायावती को अपनी जान बचाने के लिए खुद को कमरे में कैद करना पड़ा!

Captureयूपी की 4 बार मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने कभी सोचा भी नही होगा कि राजनीती में उन्हें कभी ऐसा दिन भी देखना पड़ेगा l बात 1993 की है, जब मायावती की पार्टी बसपा और मुलायम सिंह यादव की पार्टी सपा ने गठबंधन करके यूपी में सरकार बनायीं थी l लेकिन 1995 में हालात ऐसे बिगड़े कि मायावती के लिए मुलायम सिंह राजनीतिक और निजी तौर पर दुश्मन नंबर-1 बन गए l
सपा के खींचतान से खफा मायावती उस समय लखनऊ गेस्ट हाउस में सरकार से समर्थन वापसी का एलान करने जा रही थीं l
उनके यह एलान करते ही सपा समर्थकों ने गेस्ट हाउस पर हल्ला बोल दिया l मायावती को बंधक बना लिया और उनके साथ काफी अभद्रता की l अगर कुछ भाजपा नेता और पुलिस अधिकारियों ने सही वक्त पर उनकी मदद ना की होती तो मायावती के साथ कोई बड़ी घटना हो सकती थी l
उस घटना के बाद से मायावती ने मौके-बेमौके मुलायम सिंह को गुंडा कहकर ही संबोधित किया l
अवलोकन करें:--

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आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने के लिए बीएसपी प्रमुख मायावती ने दिग्विज....

मायावती जी अब एक नज़र इधर भी
मायावती को कमरे में बंद करके मार मारकर कपडे फाड दिए थे, सपा (मुल्लायम) के गुंडो ने..! मायावती के सभी चाटूकार चमचे (बसपा) वहां से भाग गए, किसी ने दलित मायावती को बचाने की हिम्मत नहीं की थी ..!
अचानक एक हीरो की एन्ट्री हुई, गेस्ट हाऊस का दरवाजा तोड़कर वो हीरो अंदर आया और मुल्लायम के सभी गुंडो से अकेले भीड गए, सभी गुंडो को मारमारकर गेस्ट हाऊस के बहार फेंक दिया ! मायावती की जान बचा ली !
वो हीरो थे... उस समय के BJP विधायक "ब्रम्हदत्त द्वेदी"
बाद में जब सपाई गुंडों ने "ब्रम्हदत्त द्वेदी" की गोली मारकर हत्या कर दी थी, तब मायावती उनके घर गयी थी और खूब फुट फुटकर रोई थी..!
इस काण्ड को गेस्टहाउस काण्ड कहा जाता है.. खुद मायावती ने कई बार कहा है कि.., "जब मै मुसीबत में थी, तब मेरी ही पार्टी के लोग गुंडों से डरकर भाग गये थे, लेकिन BJP विधायक "ब्रम्हदत्त द्वेदी" भाई ने अपनी जान की परवाह किये बिना मेरी जान बचाई थी."
--------- Third Eye ----------

क्या करें ? इतिहास याद दिलाना पडा..

***दया शंकर ने मायावती पर जो टिप्पणी की है मैं उससे सरोकार नहीं रखता हूँ, पर कानून एक तरफ़ा क्यों? कुछ दिनों पहले बसपा नेता संजय भारती ने ब्राह्मणों को सुवरो का झुण्ड बताया था पर संजय भारती के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी दूसरी तरफ दयाशंकर के खिलाफ संसद भी गर्म रही, इसके खिलाफ SC/ST एक्ट में कार्यवाई की जायेगी। क्या एक महिला को गाली देना, देश के करोड़ों ब्राह्मणों के विरुद्ध हेट स्पीच देने से भी बड़ा अपराध है? अगर दयाशंकर पर SC ST एक्ट, तो हमारे लिए सवर्ण एक्ट क्यों नहीं? क्या इस सवर्णों के साथ संवैधानिक भेदभाव के चलते क्या रणवीर सेना जैसे संगठनों का पुनर्जीवित होना संभव नहीं? इस मामले पर कल संसद में मायावती बोल रही थी कि मैंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी किसी नेता को अपशब्द नहीं बोला है
...... शायद आपको भी याद हो etv पर पूर्व पत्रकार और वर्तमान में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला एक कार्यक्रम करते थे जिसका नाम था रूबरू ...... उस कार्यक्रम में मायावती जी ने महात्मा गांधी को शैतान की औलाद तक कहा था उन्होंने कहा था कि गांधी ने हमें हरिजन कहा अर्थात हम हरिजन हरि के पुत्र है तो महात्मा गांधी क्या शैतान की औलाद थे ..???? क्यों मायावती जी अपने आप को क्यों भूल जाती हो सच्चाई यही है मायावती जी की यूपी की राजनीति में गंदगी की शुरुआत आपने ही की है ...... आपने ही वह नारा दिया था तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार
....... वह तो सतीश चंद्र मिश्रा जी न जाने किस मिट्टी के बने ब्राम्हण है जो आप के तलवे चाटते है ..... उसका ज़मीर उसकी आत्मा शायद मर चुकी है वरना मायावती जी जितना ब्राम्हणों को आप ने गाली दिया है उतना इस धरती पर किसी ने गाली नहीं दिया होगा .
दलित देवी मायावती के टिकट बेचने का खुलासा कर दयाशंकर सिंह ने जो अपराध किया है उसकी सजा उनके भाई और रिश्तेदारों को घर से उठाकर पुलिस थाने में बिठा कर दे रही है।
परंतु दलित देवी मायावती ने दयाशंकर सिंह के बहन, बेटी, माँ को राज्यसभा में वेश्या शब्द उपयोग किया उसके विरोध में ये बाभन, ठाकुर, लाला, बनिये क्यों तमाशा देख रहे हैं...

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Er Sharad Kumar Kesharwani Ham sab dayashankar bhai k sath hai..aap sab raily ka aayojan karwao
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Abhilasha Kayastha Bhatnagar Sab isliye tamasha dekh rahe hai kyunki jab india me kaystho ka apmaan hua hoga to thakuro ne humesha tamasha hi dekha hai...balki karne ki koshish ki hai........
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Tiwari Gurru Jbtk inke apne upr nhi aawegi tb tk ye smjhne wale nhi ha, agr ye smjh jaye to maya wti ki aokat hi kya ha
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Hari Narayan Sharma मित्रो आज समय आ गया हैं दलित शब्द की व्यापक व्याख्या होना अति आवश्यक हैं । स्वयं न्यायपालिका ने इस मामले में दलित की व्याख्या करनी होगी की मायावती वास्तविकता में क्या दलित है????? आज के वक्त में दलित कौन हैं???? मित्रो न्याय पालिका के सहारे ही इस बीमारू व्यवस्था से मुक्ति पाई जा सकती हैं। मायावती का दलित प्रेम -- राहुल का कलावती ड्रामा और अमित शाह का दलित के घर भोजन केवल सत्ता हड़पने का ढोंग है !!
आज लखनउ के परिवर्तन चौक पर भारतीय राजनीति की आत्मा चीत्कार कर रही थी...एक भ्रष्ट महिला नेता को रंडी बोलने के विरोध मेँ महिला सम्मान के पैरोकार नारे लगा रहे थे...
दया शंकर अपनी बेटी पेश करो......दयाशंकर अपनी बहन पेश करो
दया शंकर अपनी माँ पेश करो.....दयाशंकर नाजायज औलाद है....दया शंकर हरामी कुता है
जी हाँ ये वो नारे हैँ जो चीख चीख कर लगाए जा रहे थे और तमाम राजनीतिक गलियारोँ के धुरंधरो को इसमेँ कोई गलत बात नजर ना आई..कैसे आती आखिर वोटो की राजनीति मेँ नैतिकता तो ताक पर रखी जाएगी ही...अब हाँ एक बात और
दयाशंकर को उनको रंडी नही बोलना चाहिए था, रंडी जिस्म बेचती है पेट के लिए...रंडी देश नहीँ बेचती..#कड़वी_बात
एक महिला को अभद्र बोलना अनुचित है लेकिन पुरुष को कितना भी अभद्र बोलो.. जायज ?
अब BSP MLA ने दयाशंकर सिंह को दी सरेआम 'गाली' कहा- दया शंकर के डीएनए में गड़बड़ी वह खुद है अवैध औलाद.. क्या अब मायावती इस महिला BSP MLA को पार्टी से निष्कासित करेंगी???? यदि नही तो दयाशंकर सिंह जी का निष्कासन भी एकदम गलत है
मायावती समर्थको का विरोध् प्रदर्शन.."दयाशंकर अपनी बहन को पेश करो.
"दयाशंकर कुत्ते को फांसी दो".........सुश्री मायावती जी, किस प्रकार की महिला के सम्मान की लड़ाई है.......... क्या विडंबना है....... !
किसी भी महिला को गाली दी जाती है तो यह अभद्रता और अश्लीलता तो है ही . परन्तु यह अभद्र और अश्लील उस समय अधिक माना जाता है जब किसी दलित महिला को गाली दी जाती है और वो भी मायावती जैसी दलित हों .पर कोई यह बताएगा कि स्मिति ईरानी आखिर क्या थी जिन्हें jdu के एक सम्मानित सदस्य ने अभी हाल में ही उनपर अभद्र टिपण्णी की थी . हाँ वो दलित नहीं थीं .और विरोधियों के निशाने पर सदा रहीं इसीलिए उनके सम्मान को सम्मान नहीं समझा गया .
जब खुद दलित विश्वसुन्दरी मायावती ने "तिलक तराजू और तलवार इसको मारो जूते चार" का नारा दिया था तो क्या उसमे तिलक धारी ब्राह्मण, तराजू वाले बनिया समाज और तलवार लेकर लड़ने वाले वीर कि क्षत्रिये समाज का अपमान नहीं था ?
समय आ गया है अब क्षत्रिये , बनिया और ब्राह्मण समाज को भी एकजुटता दिखाना चाहिए
इस तरह ढोंग की राजनीती जो सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक के लिए है उसे बंद करना चाहिए
आज़ादी के 70 साल के बाद भी दलित का दलित रहना खुद एक अपमान है, ये जो दलितों के मसीहा बन बैठा है भोंदू राहुल और मायाबती टाइप के नेता ये चाहते है कि दलित दलित ही बना रहे उसमे ही इनकी भलाई है, अगर दलित पढ़ लिख गये तो कौन आएगा इसकी राजनीती को चमकाने, कौन आएगा जाती पाती के नाम पर एक दूसरे को गाली देने,
और लास्ट में एक बड़ा सवाल क्या राहुल गांधी बतायेगा की आखिर देश में सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले , सबसे ज्यादा समय तक सत्ता का सुख भोगने वाले कांग्रेस पार्टी ने इन 65 सालो में दलित को दलित क्यों बनाये रखा ???
दूसरा सवाल मायावाती के लिए, 1995 लखनऊ गेस्ट हाउस कांड में जब सपा के गुंडे इज्जत लूटने आया था मायावती का तब कौन बचाया था यहाँ तक की उसके कपडे भी फाड़ दिया गया था तो कौन आया था बचाने दलित समाज या वही सामान्य वर्ग का व्यक्ति?????जिनके खिलाफ देश के राजनेताओं ने जेल भेजने के लिए दलित एक्ट लागु किया हुवा है।



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Ravinder Reddy Hum aap k saath hai bahenji
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Yatindra Mohan Telang क्या बीजेपी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस प्रकार के छल प्रपंच नौटंकियों के द्वारा प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाना चाहती है । क्योंकि शायद बीजेपी अंधभक्तों को 2017 में क्या होने जा रहा है उनके साथ ,, इसका अहसास हो गया है ?
कुछ अंधभक्त अपने fb पर निर...See More

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Saurabh Sharma Mai bhi hu daya shankar ki sath
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Desh Deepak Sharma Mayawati Dalit h to unke liye sb maaf h. Savardo ka koi samman nhi h kya. Mayawati k karykarta savardo ko khuliyam gali dete rhe
Y jayaj h kya.

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