MFN का दर्जा छिनने से कंगाल पाकिस्‍तान की टूटेगी 'कमर', होगा खरबों का नुकसान

modi, imranजम्मू और कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्‍तान के बीच संबंधों में तनाव और बढ़ गया है. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई कैबिनेट कमेटी और सिक्‍योरिटी की बैठक में पाकिस्‍तान से मोस्‍ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का बड़ा फैसला लिया गया. भारत के इस कदम से कंगाली से गुजर रहे और कर्जे में डूबे पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को बड़ा झटका लग सकता है. यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 के आंकड़े के मुताबिक़, करीब 2.60 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है. ऐसे में पाक को भारत के साथ कारोबारी लिहाज से बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. 

पाकिस्तान ने आईएमएफ और अन्य देशों से मदद की लगाई है गुहार 

बता दें कि हाल ही में यूएई ने पाकिस्तान की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। वहीं हाल ही में पाकिस्तान में सऊदी अरब किंग सलमान ने दौरा किया, जिन्हें भारत भी आना है। पाकिस्तान आईएमएफ से मदद की गुहार लगा रहा है। लेकिन भारत की तरफ से मोस्ड फेवर्ड नेशन का दर्जा छिनने और प्रायोजित आतंकवाद फैलाने से उसके यहां आने वाले पाकिस्तान के निवेश पर असर पड़ सकता है। 
आइये जानते हैं क्‍या है मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का मतलब और इसके मायने...
दरअसल, मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का मतलब है सबसे ज्‍यादा तरजीही वाला देश. MSN का दर्जा मिलने के बाद दर्जा प्राप्‍त देश को इस बात का आश्‍वासन रहता है कि उसे कारोबार में कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) और अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार नियमों के आधार पर बिजनेस में सबसे अधिक तरजीह वाले देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है. डब्ल्यूटीओ बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था.

इस दर्जे से किसी देश को क्‍या लाभ होते हैं...
यह दर्जा दो देशों के मध्‍य कारोबार में दिया जाता है. इससे अंतर्गत दोनों मुल्‍क एक दूसरे को आयात और निर्यात में विशेष छूट देते हैं. विश्‍व व्‍यापार संगठन के सदस्‍य देश खुले व्‍यापार और बाजार के नियमों में बंधे हुए हैं, लेकिन एमएफएन के नियमों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है. 

भारत-पाक के बीच इन चीजों का है बड़ा कारोबार
भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीमेंट, चीनी, रुई, सब्जियों, ऑर्गेनिक केमिकल, चुनिंद फल, ड्राई फ्रूट्स, मिनरल ऑयल, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है.

पाक पर आर्थिक तौर पर क्या होगा असर 

उदयोग चैंबर एसोचैम ने कहा कि पाकिस्‍तान को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने से दोनों देशों के बीच कारोबार पर खास फर्क नहीं पड़ेगा। दोनों देशों के बीच कारोबार अब भी बेहद कम है। 2015-16 में भारत का कुल व्‍यापार 641 अरब डॉलर रहा है। वहीं पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापार मात्र 2.67 अरब डॉलर रहा। पाकिस्‍तान को भारत का निर्यात मात्र 2.17 अरब डॉलर रहा। भारत के कुल निर्यात में यह मात्र 0.83 फीसदी है। वहीं पाकिस्‍तान से भारत का आयात 50 करोड़ डॉलर से भी कम है। यह भारत के कुल आयात का 0.13 फीसदी है। 
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चीन के लिए पाकिस्तान की मदद नहीं होगी आसान 

सिसोदिया के मुताबिक हमले में मारा गया आतंकी जैश ए मोहम्मद से है और जैश ए मोहम्मद का मुखिया मशूद अजहर है। ऐसे में चीन पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद नहीं कर पाएगा। विश्व के अन्य देशों की तरफ से चीन पर दबाव बनाने में मदद मिलेगी। 
पहले भी हो चुकी है समीक्षा
इससे पहले 2016 में उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी, जिसमें पाकिस्‍तान को दिए गए एमएफएन के दर्जे की समीक्षा की गई थी. उरी हमले से पहले से भी यह मांग होती रही कि पाकिस्तान से यह दर्जा छीन लिया जाए. हालांकि भारत की तरफ से इसे जारी रखा गया था. 

पुलवामा हमले के बाद कारोबारियों ने खाई कसम, पाकिस्तान के साथ जीवनभर नहीं करेंगे कारोबार

पंजाब के कारोबारियों ने भी कहीं आयात बंद करने की बात

कारोबारियों ने बताया कि पहले भी कई बार आतंकी हमलों के बाद कुछ दिनों के लिए कारोबार बंद हो जाते हैं, लेकिन कुछ समय बाद कारोबार फिर से शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार ऐसा कदापि नहीं होगा। हालांकि, टमाटर का निर्यात पिछले कई महीनों से बंद है। भारत के पंजाब में पाकिस्तान से सटे कई शहरों से सीमेंट का आयात किया जाता है, लेकिन वहां के कारोबारी भी अब हर हाल में इसे बंद करने जा रहे हैं। 

भारत-पाकिस्तान के बीच 2 अरब डॉलर से ज्यादा का कारोबार

पाकिस्तान और भारत के बीच 2 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार होता है। इनमें भारत की हिस्सेदारी अधिक है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच 35 अरब डॉलर से अधिक के कारोबार की संभावना है। निर्यातकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर 2 अरब डॉलर का कारोबार होता है, लेकिन दुबई और अन्य देशों के माध्यम से यह कारोबार काफी अधिक है। (एजेंसीज इनपुट्स)

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