
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार मई 27 को सीबीआई के सामने नहीं पेश हुए। उन्हें सुबह 10 बजे पेश होने के लिये कहा गया था। राजीव कुमार मे पेशी के लिए सात दिन की मोहलत मांगी है। ये बात अलग है कि सीबीआई की तरफ से फिलहाल उन्हें राहत नहीं मिली है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड घोटाले में उन्हें देश छोड़ने से रोकने के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी होने के बाद राजीव कुमार, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी हैं, विदेश नहीं जा सकते हैं क्योंकि यदि वे भारत छोड़ने की कोशिश करते हैं, तो सभी हवाई अड्डा प्राधिकरण सीबीआई को सूचित करेंगे।
पिछली मोदी सरकार द्वारा जिन घोटालों पर जाँच चल रही थी, मोदी सरकार के पुनः वापसी की भनक पड़ते ही, समस्त एजेन्सियाँ सतर्कता से अधूरे कामों को अंतिम रूप देने में सजग हो गयीं।
जैसाकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में स्पष्ट कहा था कि जनता का लूटने वालों को जेल के दरवाज़े तक पहुंचा दिया है, जमानत पर हैं, बस जेल के अन्दर पहुँचाना बाकी है। लगता अब काम सभी जमानतियों को एक-एक करके जेल के अन्दर पहुँचाने की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि 23 मई को जारी किया गया यह नोटिस एक साल तक प्रभावी रहेगा।इससे पहले मई 24 को सुप्रीम कोर्ट ने कुमार की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई थी।
कुमार ने इससे पहले एक याचिका दायर की थी जिसमें गिरफ्तारी से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई थी, जब तक कि पश्चिम बंगाल में संबंधित न्यायिक अदालत उनकी अग्रिम जमानत याचिका का फैसला नहीं कर देती।कोलकाता पुलिस के पूर्व प्रमुख को पहले शीर्ष अदालत ने सात दिनों तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी, जो मई 24 को समाप्त हो गई।
इसी साल फरवरी में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के आवास पर उस समय हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था जब वहां पहुंची सीबीआई की टीम को राज्य के पुलिसकर्मियों ने रोक दिया और इसके बाद एजेंसी के अधिकारियों को जबरदस्ती पुलिस थाने भी ले गए। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
CBI Sources: Kolkata former Commissioner Rajeev Kumar has not yet joined the probe, earlier CBI had issued summons asking him to appear before agency officials in Kolkata in the morning today, but he has not turned up yet
एजेंसी 2500 करोड़ रुपये के सारदा पोंजी घोटाले में 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार से हिरासत में पूछताछ करना चाहती है। वह इस मामले की जांच सीबीआई के संभालने से पहले पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल की अगुवाई कर रहे थे।सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि कुमार से हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे और वह एजेंसी द्वारा उनसे पूछताछ में रखे गये सवालों पर टालमटोल तथा अड़ियल रवैया अपना रहे हैं।

आम चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल में प्रशानसिक फेरबदल होने शुरू हो गए हैं। चुनाव आयोग ने राज्य के जिन पुलिस अधिकारियों का तबादला किया था या जिन्हें हटाया था उन्हें ममता सरकार ने दोबारा बुला लिया है। कोलकाता के पुलिस कमिश्नर अनुज शर्मा, जिन्हें ममता सरकार ने राजीव कुमार के बदले जिम्मेदारी सौंपी गई थी उन्हें भी चुनाव आयोग ने हटा दिया था लेकिन अब ममता सरकार ने उन्हें वापस अपना कार्यभार संभालने को कहा है।
चुनाव आयोग ने राजीव कुमार को दिल्ली भेजा था लेकिन ममता सरकार ने एक बार उन्हें वापस बुला लिया है। राजीव कुमार कल कार्यभार ग्रहण करेंगे। इसके अलावा ममता सरकार ने बैरकपुर के पुलिस कमिश्नर को भी बदला है और डीपी सिंह को नया सीपी बनाया गया है। बैरकपुर वहीं जगह है जहां से टीएमसी के दिग्गज नेता दिनेश त्रिवेदी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था और भाजपा के अर्जुन सिंह ने उन्हें मात दी थी।
भाटपारा जहां चुनाव के दौरान काफी हिंसा हुई थी वो भी इसी क्षेत्र के तहत आता है और अब वहां के नए पुलिस कमिश्नर (सीपी) डीपी सिंह होंगे। इसके अलावा ज्ञानवंत सिंह को फिर से बिधानगर का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है जिन्हें चुनाव आयोग ने हटा दिया था। इसके अलावा राज्य सरकार ने और भी फेरबदल किए हैं।
Saradha chit fund scam: CBI team reaches at the office of the Deputy Commissioner of Police in Park Street, Kolkata. The team had earlier gone to the residence of Kolkata Police Commissioner, looking for Rajeev Kumar.
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