गरीबों की दवाईयों का सवाल पूछने पर मुझे विधानसभा से निकाला: अलका लाम्बा

अलका लांबा
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
आम आदमी पार्टी की बागी विधायिका अलका लाम्बा ने दावा किया है कि गरीबों की दवाईयों के बाबत सवाल पूछने पर उन्हें विधानसभा से मार्शलों द्वारा ज़बरदस्ती बाहर निकलवा दिया गया। लाम्बा दिल्ली के चाँदनी चौक इलाके से आप की विधायिका हैं, लेकिन फ़िलहाल पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से नाराज़ चल रहीं हैं।
वैसे जिस समस्या को अलका ने अब चुनाव सिर पर होने पर उठाया है, यह कोई नई बात नहीं। लेकिन चुनाव में वोट पाने के लिए कुछ न कुछ मुद्दे उठाकर चर्चा में रहकर, वोट तो प्राप्त करने ही है। जबकि दोनों अस्पतालों लोकनायक जयप्रकाश एवं जीबी पंत में जगह-जगह बोर्ड लगे हैं कि "यहाँ मुफ्त इलाज, दवाएँ और टेस्ट मुफ्त होते हैं।" लेकिन जितने भी महंगे टेस्ट और दवाइयाँ हैं, सभी बाहर बाजार से खरीदनी पड़ती हैं। और टेस्ट भी वहीं का मान्य होगा, जिस लैबोट्री से करवाने को बोला जाएगा।   
गरीबों पर महँगी दवाइयाँ बाहर से खरीदने का दबाव 
लाम्बा ने दावा किया कि गरीबों को दिल्ली में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बाहर से दवाईयाँ खरीदने की डॉक्टरी सलाह लिखी जा रही है। उन्होंने इसका सबूत भी सदन के पटल पर रखने का दावा किया। मालूम हो कि दिल्ली सरकार का दावा है कि उसके सरकारी अस्पतालों में गरीबों को मुफ़्त चिकत्सकीय जाँचे, मुफ़्त दवाईयाँ और मुफ़्त इलाज मिल रहा है। इसे आप सरकार की सबसे महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं (welfare schemes) में से एक माना जाता है।
उन्होंने दो परिवारों का उदाहरण दिया जिन्हें दवाएँ सरकारी अस्पताल के बाहर निजी दुकानों से खरीदनी पड़ीं। उनके अनुसार यह मामला जवाहरलाल नेहरू रोड स्थित जीबी पंत अस्पताल का था



विधानसभा से बाहर किए जाने के बाद प्रेस से बात करते हुए चाँदनी चौक की विधायक ने कहा कि वे केवल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से आश्वासन चाहतीं थीं कि सरकार ही दवाईयों का खर्चा उठाएगी। लेकिन उन्हें विधानसभा से बाहर निकलवा दिया गया। गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन ने उनके आरोप पर कहा था कि वे मामले की जाँच कराएँगे

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