कई महीनों से जारी कड़वाहट के बाद आखिरकार आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने पार्टी छोड़ दिया है. उन्होंने ट्वीट कर रहा है, "time to say good bye" यानी गुड बॉय बोलने का समय आ गया है. इसी हफ्ते उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हुई थी, उसके बाद से ही यह तय माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले वह अपनी पुरानी पार्टी में लौट जाएंगी. अलका लांबा ने अपने फैसले की जानकारी देते हुए ट्विटर में लिखा, 'AAP को गुड बॉय कहने का समय आ गया है. पिछले साल की यात्रा से बहुत कुछ सीखा है. सभी को धन्यवाद'. हालांकि अलका लांबा काफी समय से पार्टी छोड़ने की बात कह रही थीं और उन्होंने ऐलान भी किया था कि अगले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगी. आम आदमी पार्टी के नेताओं से नाराज अलका लांबा ने मंगलवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. बाद में उन्होंने कहा कि उनकी मुलाकात देश के मौजूदा राजनीतिक हालातों को लेकर हुई है.आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अलका लांबा 20 सालों तक कांग्रेस से जुड़ी रहीं लेकिन साल 2013 में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली और चांदनी चौक से चुनाव जीता था. लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल की भी जिम्मेदारी तय करने की बात कही. लेकिन इसके बाद उनको आम आदमी पार्टी के विधायकों वाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया गया. इसके बाद मतभेद लगातार बढ़ते चले गए और जब अरविंद केजरीवाल के रोड शो में उन्हें कार में ही बैठे रहने को कहा गया तो वह बीच में रोड शो को छोड़कर चली आईं. वहीं अलका लांबा ने पार्टी के उस प्रस्ताव का भी खुले तौर पर विरोध किया जिसमें राजीव गांधी को मिले भारत रत्न वापस लेने की मांग की गई थी.
The time has come to say— Alka Lamba - अलका लाम्बा (@LambaAlka) September 6, 2019
"Good Bye" to #AAP and to resign from the primary membership of the Party.
The past 6years journey was a great learning for me.
Thanks to all. 🙏🇮🇳. #JaiHind #ChandniChowk #MLA #AlkaLamba #Delhi
अलका लांबा ने 2020 में 'आप' छोड़ने की बात कही
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