

'विक्रम' ने 'रफ ब्रेकिंग' और 'फाइन ब्रेकिंग' चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं. लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित देश के तमाम नेताओं ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन को लेकर इसरो की टीम ने अनुकरणीय प्रतिबद्धता और साहस का प्रदर्शन किया. राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "देश को इसरो पर गर्व है. हम सभी बेहतर की उम्मीद करते हैं."
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 को चंद्रमा के सतह के करीब पहुंचाने की इसरो की कोशिशों से हर भारतीय गौरवान्वित है. लैंडर विक्रम के साथ इसरो केंद्र का संपर्क टूटने के चंद मिनट बाद शाह ने ट्वीट किया, "चंद्रयान-2 को लेकर अभी तक की इसरो की उपलब्धि पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है." उन्होंने कहा, "भारत हमारे प्रतिबद्ध और कठिन मेहनत करने वाले इसरो के वैज्ञानिकों के साथ है. भविष्य की यात्रा के लिए मेरी शुभकामनाएं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस संबंध में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि पूरा देश वैज्ञानिकों के साथ है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर वैज्ञानिकों को सैल्यूट किया और उनके काम की सराहना की.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी वैज्ञानिकों की तारीफ की.
इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. विक्रम का चांद पर उतरने से ठीक पहले संपर्क टूट गया है. इसरो आंकड़ों का इंतजार कर रहा है. चांद से ठीक पहले चंद्रयान का संपर्क टूटने से वैज्ञानिकों में निराशा है. इससे पहले रात एक बजकर 52 मिनट 54 सेकेंड पर चांद की सतह पर चंद्रयान-2 को लैंड करना था. इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसरो सेंटर पहुंचे थे.
We are landing where no one has gone before: ISRO Chief— ANI Digital (@ani_digital) September 6, 2019
Read @ANI Story | https://t.co/Z4NHHLi6el pic.twitter.com/NUgCKqcbvu
Details of India’s #Chandrayaan2 mission: Chandrayaan 2 is an Indian lunar mission that will boldly go where no country has ever gone before-- the Moon’s south polar— ANI (@ANI) September 6, 2019
region. #Chandrayan2landing pic.twitter.com/My4LM2HB4P
With #Chandrayaan2 Mission, the entire team of ISRO has shown exemplary commitment and courage. The country is proud of @ISRO. We all hope for the best #PresidentKovind— President of India (@rashtrapatibhvn) September 6, 2019
India is proud of our scientists! They’ve given their best and have always made India proud. These are moments to be courageous, and courageous we will be!— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2019
Chairman @isro gave updates on Chandrayaan-2. We remain hopeful and will continue working hard on our space programme.
ISRO’s achievement with getting Chandrayaan-2 so far has made every Indian proud.— Amit Shah (@AmitShah) September 6, 2019
India stands with our committed and hard working scientists at @isro.
My best wishes for future endeavours.
Congratulations to the team at #ISRO for their incredible work on the Chandrayaan 2 Moon Mission. Your passion & dedication is an inspiration to every Indian. Your work is not in vain. It has laid the foundation for many more path breaking & ambitious Indian space missions. 🇮🇳— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 6, 2019
We are with you @isro. You have brought the nation, it’s young minds and all, together in sensing your achievements in Space. You will succeed.— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) September 6, 2019
Heartiest congratulations to our scientists.....your work and huge efforts make us proud. India salutes you!— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 6, 2019
There are no failures, only temporary roadblocks to the achievements of our goals. We are proud of every single @isro scientist for what they have been able to achieve till now.— Manohar Lal (@mlkhattar) September 6, 2019
We are all with you and hope for the best for the future!#Chandrayaan2Live#VikramLander
लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. ‘विक्रम' ने ‘रफ ब्रेकिंग' और ‘फाइन ब्रेकिंग' चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं.
Chandrayaan 2: भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है. इस खबर से जहां इसरो के वैज्ञानिकों में निराशा देखने को मिली, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है.
इसरो के अनुसार, लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो चांद की सतह और उप सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे, जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण हैं जो चांद की सतह से संबंधित समझ बढ़ाएंगे. सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' के साथ ही भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का प्रथम देश बन जाएगा. सिवन ने हाल में कहा था प्रस्तावित 'सॉफ्ट लैंडिंग' दिलों की धड़कन थाम देने वाली स्थिति होगी क्योंकि इसरो ने ऐसा पहले कभी नहीं किया है.
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