
सतेंद्र ने रोते हुए बताया कि उसने देखा कि गुरू जी (कमलेश तिवारी) टेबल के नीचे थे और उनसे मिलने वाले दोनों हमलावर वहाँ से फ़रार हो गए थे, जैसे ही उसने टेबल के नीचे ख़ून देखा तो उसके होश उड़ गए।
इसके आगे सतेंद्र ने बताया कि आरोपितों और तिवारी के बीच किसी मुस्लिम लड़की की हिन्दू लड़के से शादी की कोई बात चल रही थी। इसके बाद उन गुंडों ने नौकर सतेंद्र को 100 रुपए का नोट दिया और गोल्ड फ्लैक्स पाँच सिगरेट लाने को कहा। वो पैसे लेकर बगल की दुकान से सिगरेट लेने चला गया, शायद वो लोग मौक़ा ढूँढ़ रहे थे, लेकिन सतेंद्र दो मिनट में सिगरेट लेकर पहुँच गया। इसके बाद तिवारी जी ने अपने नौकर को मसाला लाने के लिए बोला। सतेंद्र ने बताया कि जब वो मसाला लेने गया और वापस आने पर उसने देखा कि दोंनोंं आदमी वहाँ से ग़ायब थे।
सतेंद्र ने बताया कि वो हत्या के बाद आधे घंटे से पुलिस को फोन करता रहा, लेकिन फोन लग ही नहीं रहा था… 100 नंबर भी नहीं मिल रहा था। इसके बाद इतनी देर में तो वो लोग (हमलावर) पता नहीं कहाँ चले गए। सतेंद्र ने बताया कि कार्यालय में जो सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था वो भी काम नहीं करता। तिवारी जी ने कई बार कहा कि यहाँ पर फ़ोर्स बढ़ाओ, लेकिन तब भी यहाँ एक बुज़ुर्ग को रख दिया गया। वो जब भी यहाँ आते हैं, हमेशा सोए-लेटे हुए ही रहते हैं। हमलावरों के बारे में सतेंद्र ने बताया कि वो दोनों हमलावर यहाँ पहली बार आए थे। लेकिन, उसने दावा किया कि अगर वो लोग सामने आ जाएँगे तो वो उन्हें पहचान लेगा। उसने बताया कि एक हमलावर ने भगवा वस्त्र पहने हुआ था और दूसरा सादे वस्त्र में था। हमलावर बाइक से आए थे।
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