
अधिकारियों ने बताया कि झड़प के दौरान एक वाहन में आग लगा दी गयी और आठ अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. आठ बाइकों में भी आग लगा दी गयी. दमकल विभाग ने मौके पर 10 गाड़ियों को भेजा. झड़प के बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और दंगा रोधी वाहनों को तैनात किया गया. पुलिस ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और झड़प के कारण अदालत परिसर के भीतर फंसे विचाराधीन कैदियों को बाद में पुलिस वाहनों से संबंधित जेलों में पहुंचाया गया. अदालत परिसर के द्वार के सामने बैठकर प्रदर्शन करते हुए वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना के दौरान गोली चलायी और इसमें संलिप्त कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष के सी मित्तल ने कहा, ‘‘हम तीस हजारी अदालत में पुलिस द्वारा वकीलों पर बर्बर और बिना किसी उकसावे के हमले की कड़ी निंदा करते हैं. एक वकील की हालत नाजुक है. हवालात में एक वकील को पीटा गया. पुलिस ने घोर लापरवाही दिखायी. उन्हें बर्खास्त करना चाहिए और उनपर मुकदमा चलना चाहिए. हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं.'' दिल्ली कांग्रेस प्रमुख सुभाष चोपड़ा पार्टी सदस्यों के साथ अदालत परिसर पहुंचे और झड़प में संलिप्त कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. असम बार काउंसिल की सदस्य खुशबू वर्मा कुछ काम से वहां आयी थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनपर हमला किया. उन्होंने दावा किया, ‘‘एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी.''
प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों के अनुसार झड़प में 10 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए. इस दौरान 17 वाहनों में तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने बताया कि घायलों में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी जिला) हरिंदर कुमार, कोतवाली और सिविल लाइंस थाने के प्रभारी और पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) के ऑपरेटर भी हैं. इस बीच, बार एसोसिएशनों ने घटना की निंदा करते हुए चार नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी की सभी जिला अदालतों में एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया. वकीलों ने पुलिस पर प्रदर्शनकारियों के साथ बदसलूकी और गोली चलाने का आरोप लगाया. वकीलों के अनुसार झड़प में उनके चार सहयोगी घायल हुए हैं. इनमें एक पुलिस की गोलीबारी में घायल वकील भी शामिल है. हालांकि, पुलिस ने गोली चलाने से इनकार किया.
मारपीट का एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इस फुटेज में दिख रहा है कि पहले लॉकअप के बाहर पुलिसवालों और वकीलों में मारपीट होती है. फिर पुलिसवाले इकठ्ठा होकर एक वकील को मारते हुए अंदर ले आते हैं. दरअसल, शनिवार को तीस हजारी कोर्ट के बाहर पार्किंग को लेकर पुलिसवालों और वकीलों में विवाद हो गया जो बाद में हिंसक झड़प में तब्दील हो गया.
फायरिंग हुई और कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई. झड़प में करीब 10 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए. तीस हजारी कोर्ट में झड़प की बार एसोसिएशनों ने निंदा की है और चार नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी की सभी जिला अदालतों में एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है.
इस सीसीटीवी में साफ दिख रहा है कि किस तरह से वकीलों का झुंड तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप के अंदर घुस रहा है,और पुलिसकर्मियों को बेरहमी से पीटा जा रहा है,एक पुलिसकर्मी को वकीलों ने बेल्ट से इतनी बुरी तरह पीटा कि वो बेहोश होकर गिर पड़ा pic.twitter.com/cLjsqmyVIh— Mukesh singh sengar (@mukeshmukeshs) November 3, 2019
तीस हज़ारी कोर्ट का एक और सीसीटीवी फुटेज, जिसमें पहले लॉकअप के बाहर पुलिसवालों और वकीलों में मारपीट हो रही है,फिर पुलिसवाले इकठ्ठा होकर एक वकील को मारते हुए अंदर ले आते हैं pic.twitter.com/4xRjBX2CPr— Mukesh singh sengar (@mukeshmukeshs) November 3, 2019
अवलोकन करें:-Delhi: A scuffle has broken out between Delhi Police and lawyers at Tis Hazari court, incident of firing has also been reported. One lawyer injured and admitted to hospital. More details awaited. pic.twitter.com/nsKLaZQRmv— ANI (@ANI) November 2, 2019
वकीलों ने पुलिस पर प्रदर्शनकारियों के साथ बदसलूकी और गोली चलाने का आरोप लगाया है. वकीलों के अनुसार झड़प में उनके चार सहयोगी घायल हुए हैं. इनमें एक पुलिस की गोलीबारी में घायल वकील भी शामिल है. हालांकि, पुलिस ने गोली चलाने से इनकार किया है.
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