एक्स-NDTV की सुनेत्रा चौधरी को अब शंख से है समस्या!

सुनेत्रा चौधरी
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जब कोई व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म अथवा समुदाय से हो, बदलते परिवेश में अपने आपको ढालने में असमर्थ होता है, तो उसे दकयानूसी कहा जाता है। यूपीए के कार्यकाल में लगभग हर प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिन मीडिया हिन्दू धर्म एवं त्यौहारों के प्रति हीनभावना के समाचार प्रसारित लेशमात्र भी संकोच नहीं करते थे। कभी "हिन्दू आतंकवाद", "भगवा आतंकवाद", कभी दिवाली पर आतिशबाज़ी से प्रदुषण, होली पर पानी की बर्बादी, करवा चौथ पर "पति के लिए मै क्यों भूखी रहूँ?" आदि आदि। वास्तव में भारत में कुछ लोगों को हिन्दू शब्द से ही एक अलग तरह की एलर्जी है और लोगों के बीच मतभेद खड़ी करने वाली इस दीवार को गिराने की जरूरत है।  
उस समय कोई मीडिया गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री, वर्तमान में प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी की विरुद्ध गोधरा और अमेरिका द्वारा वीजा न दिए जाने पर कितना बवाल मचाए बगैर बाज नहीं आता था, परन्तु 2014 में उसी मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही उसी मीडिया के सुर बदलने शुरू हो गए। लेकिन अभी भी मीडिया का कुछ भाग "हिन्दू फोबिया" और "मोदी फोबिया" से ग्रस्त हैं। पाकिस्तान और उनकी बोली में कोई अन्तर नहीं।   
देश के मीडिया गिरोह के हालात यह हैं कि अगर वर्तमान सरकार के अंदर यह घोषणा हो जाए कि जहर पीना मना है तो ये ख़ुशी-ख़ुशी जहर पीने के फायदे गिनना शुरू कर देंगे। ऐसा ही एक उदाहरण दिल्ली एयरपोर्ट पर शंख की आकृति लगाए जाने के बाद देखने को मिल रही है।
हिन्दू धर्म के पवित्र शंख की एक बड़ी आकृति दिल्ली एयरपोर्ट पर लगाए जाने के बाद कई लोगों ने इसके साथ तस्वीरें सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर पोस्ट कीं।

यह देखने के बाद एक्स NDTV पत्रकार और वर्तमान में हिन्दुस्तान टाइम्स में कार्यरत हिन्दूफोबिया से ग्रसित सुनेत्रा चौधरी अपने जहर को छोड़ने से खुद को नहीं रोक पाई और सस्ती लोकप्रियता के लिए इस प्रतिमा को कारपेट से भी गंदा बता दिया।
ये वहीं सुनेत्रा चौधरी हैं, जो हूमाँयु के मकबरे के साथ अपने बेटे की तस्वीर डालते हुए इसे दिल्ली शहर की कुछ चुनिंदा खूबसूरत चीजों में से एक बता चुकी हैं।
सुनेत्रा चौधरी द्वारा शंख की तुलना कारपेट से करने से नाराज ट्विटर यूज़र्स ने तुरंत जवाब भी दिए-















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