
इसी क्रम में ऑल्ट न्यूज़ के ही समान लेफ्ट-लिबरल मीडिया के नाम पर सरकार और व्यवस्था के खिलाफ नैरेटिव चलाने वाले द क्विंट ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और वो भी एक कदम आगे बढ़कर। दरअसल, दी क्विंट ने एक इंजीनियर को डॉक्टर बना कर उसके विचारों को सनसनी बनाकर पेश किया है।
बृहस्पतिवार(मार्च 26,2020) को द क्विंट ने डॉ. गिरिधर ज्ञानी का एक इंटरव्यू प्रकाशित किया। द क्विंट वेबसाइट ने दावा किया कि डॉ. ज्ञानी Covid-19 के खिलाफ तैयार की गई टास्क फ़ोर्स के संयोजक थे। उन्होंने मंगलवार (24 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में प्रमुख डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की एक बैठक में भाग लिया था।
Misleading article from The Quint on COVID-19 referring Dr Girdhar Gyani,DG.AHPI -Interview Dated 27.3.2020#TheQuint pic.twitter.com/BOPkylLfwO— Association of Healthcare Providers (India) - AHPI (@ahpi_india) March 27, 2020

द क्विंट के दावों और उसकी भ्रमक हेडलाइन को डॉ. ज्ञानी ने ही नकार दिया है। उन्होंने कहा है कि क्विंट ने भ्रामक हेडलाइन के माध्यम से उनकी बातों को कुछ और ही बनाकर पेश किया है। ज्ञानी ने स्पष्ट करते हुए कहा- “सौभाग्य से अभी तक कोरोना संक्रमितों के मामलों में सामान्य रूप से ही वृद्धि देखी गई है, जबकि कम्युनिटी ट्रांसफर के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।”




वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘द क्विंट’ की उस रिपोर्ट का वह हिस्सा, जो अब नहीं रहा;

इस तरह द क्विंट ने पूरी तरह से बेबुनियाद और काल्पनिक आधारों पर कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी सरकार विरोधी अपने एजेंडे को फैलाने का एक और नाकाम प्रयास किया है।
ICMR, जिसने कि NITI आयोग के सहयोग से डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स की कमेटी का गठन किया था, द्वारा जारी आधिकारिक डॉक्यूमेंट में किसी भी डॉ. ज्ञानी का जिक्र नहीं है।
ICMR द्वारा 18 मार्च को जारी डॉक्यूमेंट;

अवलोकन करें:-
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