आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
मोदी सरकार कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर काफी संवेदनशील है। मरीजों के समुचित इलाज के लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी बीच कई निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के मामले में मनमानी और ज्यादा पैसे मांगे जाने की खबरों के बाद मोदी सरकार हरकत में आ गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए कीमत तय करें। वहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
जमीनी स्तर पर कोरोना से रही मृतकों की संख्या केवल शमशान और कब्रिस्तान जाने पर ही ज्ञात होती है। जून 16 को परिचित की मृत्यु होने के कारण निगम बोध घाट जाने पर एक घंटे(12 बजे से 1 बजे तक) में लगभग 14/15 शव देखने पर जब कर्मकांड करने वाले पंडितों से बातचीत करने पर चौकाने वाले आंकड़े सामने आये। संक्षेप में इतना ही कहना है कि "शाम को टीवी पर हुई मौतों की संख्या सुन हंसी आती है, कितने बड़े स्तर पर झूठ बोला जा रहा है। तीन दिन पूर्व गृह मंत्री अमित शाह की केजरीवाल से बातचीत वाले दिन इतने शवों के दाह संस्कार हुआ, बता नहीं सकते। हनुमान मंदिर तक शवों से भरी गाड़ियों की लाइन लगी हुई थी। और एक एम्बुलेंस में 7/8 शव होते हैं, जिसकी आप सब अपनी आँखों से इस समय देख रहे हैं।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से लेकर आम आदमी पार्टी के जितने भी धुरंदर नेताओं को इतने अपशब्दों से सम्बोधित करते बोले कि "....कोई बताए कि ये...कहाँ के रहने वाले हैं, और... कहते हैं कि दिल्ली में दिल्ली से बाहर वालों का इलाज नहीं होगा। शर्म आती है...ये पाखंडियों को नेता कहने पर शर्म आती है...दिल्ली का नाश करने में लगे हैं....दिल्ली वालों को एक फ्री की हड्डी दिखाओं..." अगर केजरीवाल सरकार गंभीर होती दिल्ली में इतनी बीमारी नहीं बढ़ती। छोटी-सी दिल्ली में Red Zone की कमी नहीं। "बाबू साहब कोरोना से कितनी मौतें हो रही हैं, दूसरे शमशानों और कब्रिस्तानों में जाकर देखिए, तब मालूम होगा कि अख़बारों और टीवी में बताई जाने वाली मौतों में कितना फक्र है। जब सिर्फ एक ही घंटे में इतने दाह संस्कार देखें हैं, शाम तक और कितने होंगे, अंदाज़ा लगा लो।"
कोरोना बन गया व्यापार
निगम बोध घाट पर दाह संस्कार करने पर चिता लगाने से पहले ही वहां के सेवादार दो बण्डल पेटी के लिए आवाज़ लगा देते हैं। पहले बण्डल जो 350/400 रूपए में मिलता था, अब मिलता है 700 रूपए का।अस्पतालों पर तो सबकी नज़र है, लेकिन और इस अवैध व्यापार की ओर किसी सरकार का ध्यान नहीं। और यह गोरखधंधा कई वर्षों से चल रहा है।
कीमतें तय करने और प्रचारित करने का निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि इस मुद्दे पर कई स्थानीय निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ परामर्श करें। इसके बाद जब एक बार कीमत तय हो जाए, तब इसे प्रचारित भी करें ताकि मरीजों और सेवा प्रदाताओं को अच्छी तरह से पता चल जाए।
राज्यों के अस्पतालों में पहले से कीमतें तय
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कई राज्यों ने पहले से ही कोरोना की जांच और इलाज को लेकर अपने राज्यों के अस्पतालों में कीमत तय कर दी है। बयान में आगे कहा गया कि PMJAY पैकेज और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के पैकेज की दरें पहले से ही राज्यों के पास उपलब्ध हैं।
निजी अस्पतालों के साथ मिलकर काम करने पर जोर
वहीं, कुछ राज्यों में क्रिटिकल बिस्तरों की कमी की खबरें भी सामने आई हैं, इसलिए केंद्र ने राज्यों से प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर वेंटिलेटर, ऑक्सीजन वाले बेड्स आदि की कमी को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने को कहा है।
स्वस्थ होने की दर 51.08 प्रतिशत तक पहुंची
वहीं मोदी सरकार की सजगता और तत्परता के साथ ही कोरोना मरीजों की जांच और इलाज के लिए सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। समय पर रोग का पता लग जाने और समुचित चिकित्सकीय उपचार से काफी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं। इससे कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर में लगातार वृद्धि हो रही हैं। सोमवार को यह दर 51.08 प्रतिशत तक पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से संक्रमित 7419 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं। इन्हें मिला कर अब तक कोरोना से संक्रमित कुल 1,69,797 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 1,53,106 व्यक्ति सक्रिय चिकित्सीय देखरेख में हैं।
‘कोरोना के मामले तेजी से नहीं, बल्कि सपाट तरीके से बढ़े’
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार (15 जून) को कहा कि सरकार कोरोना महामारी से निपटने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रही है। उन्होंने कोरोना वायरस की वृद्धि दर दिखाते एक ग्राफ के साथ ट्वीट में कहा, ”लॉकडाउन जल्दी लगा दिया गया जिससे कोरोना वायरस के मामले तेजी से नहीं, बल्कि सपाट तरीके से बढ़े। ग्राफ में दिखाया गया कि 20 मार्च को कोरोना मामलों की वृद्धि दर 30 प्रतिशत से अधिक थी जो मई के पहले सप्ताह से करीब पांच प्रतिशत बनी हुई है। अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद कोरोना महामारी के सबसे ज्यादा मामले भारत में है।”
वाजिब दरों पर इलाज की सुविधा मुहैया कराने का प्रयास
मोदी सरकार ने सोमवार(जून 15) को राज्यों और केंद्रशासित प्रदशों से ऐसे बुनियादी ढांचे और वाजिब दरों पर जरूरी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने को कहा है। इस बीच आईसीएमआर ने निषिद्ध क्षेत्रों में कोरोना वायरस के उपचार के लिए त्वरित एंटीजन टेस्ट किटों के इस्तेमाल का सुझाव दिया है। इससे लेबोरेटरी में जांच के बिना तेजी से उपचार संभव हो सकेगा।
मोदी सरकार कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर काफी संवेदनशील है। मरीजों के समुचित इलाज के लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी बीच कई निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के मामले में मनमानी और ज्यादा पैसे मांगे जाने की खबरों के बाद मोदी सरकार हरकत में आ गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए कीमत तय करें। वहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
जमीनी स्तर पर कोरोना से रही मृतकों की संख्या केवल शमशान और कब्रिस्तान जाने पर ही ज्ञात होती है। जून 16 को परिचित की मृत्यु होने के कारण निगम बोध घाट जाने पर एक घंटे(12 बजे से 1 बजे तक) में लगभग 14/15 शव देखने पर जब कर्मकांड करने वाले पंडितों से बातचीत करने पर चौकाने वाले आंकड़े सामने आये। संक्षेप में इतना ही कहना है कि "शाम को टीवी पर हुई मौतों की संख्या सुन हंसी आती है, कितने बड़े स्तर पर झूठ बोला जा रहा है। तीन दिन पूर्व गृह मंत्री अमित शाह की केजरीवाल से बातचीत वाले दिन इतने शवों के दाह संस्कार हुआ, बता नहीं सकते। हनुमान मंदिर तक शवों से भरी गाड़ियों की लाइन लगी हुई थी। और एक एम्बुलेंस में 7/8 शव होते हैं, जिसकी आप सब अपनी आँखों से इस समय देख रहे हैं।"

कोरोना बन गया व्यापार
निगम बोध घाट पर दाह संस्कार करने पर चिता लगाने से पहले ही वहां के सेवादार दो बण्डल पेटी के लिए आवाज़ लगा देते हैं। पहले बण्डल जो 350/400 रूपए में मिलता था, अब मिलता है 700 रूपए का।अस्पतालों पर तो सबकी नज़र है, लेकिन और इस अवैध व्यापार की ओर किसी सरकार का ध्यान नहीं। और यह गोरखधंधा कई वर्षों से चल रहा है।
कीमतें तय करने और प्रचारित करने का निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि इस मुद्दे पर कई स्थानीय निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ परामर्श करें। इसके बाद जब एक बार कीमत तय हो जाए, तब इसे प्रचारित भी करें ताकि मरीजों और सेवा प्रदाताओं को अच्छी तरह से पता चल जाए।
राज्यों के अस्पतालों में पहले से कीमतें तय
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कई राज्यों ने पहले से ही कोरोना की जांच और इलाज को लेकर अपने राज्यों के अस्पतालों में कीमत तय कर दी है। बयान में आगे कहा गया कि PMJAY पैकेज और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के पैकेज की दरें पहले से ही राज्यों के पास उपलब्ध हैं।
निजी अस्पतालों के साथ मिलकर काम करने पर जोर
वहीं, कुछ राज्यों में क्रिटिकल बिस्तरों की कमी की खबरें भी सामने आई हैं, इसलिए केंद्र ने राज्यों से प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर वेंटिलेटर, ऑक्सीजन वाले बेड्स आदि की कमी को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने को कहा है।
स्वस्थ होने की दर 51.08 प्रतिशत तक पहुंची
वहीं मोदी सरकार की सजगता और तत्परता के साथ ही कोरोना मरीजों की जांच और इलाज के लिए सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। समय पर रोग का पता लग जाने और समुचित चिकित्सकीय उपचार से काफी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं। इससे कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर में लगातार वृद्धि हो रही हैं। सोमवार को यह दर 51.08 प्रतिशत तक पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से संक्रमित 7419 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं। इन्हें मिला कर अब तक कोरोना से संक्रमित कुल 1,69,797 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 1,53,106 व्यक्ति सक्रिय चिकित्सीय देखरेख में हैं।
‘कोरोना के मामले तेजी से नहीं, बल्कि सपाट तरीके से बढ़े’
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार (15 जून) को कहा कि सरकार कोरोना महामारी से निपटने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रही है। उन्होंने कोरोना वायरस की वृद्धि दर दिखाते एक ग्राफ के साथ ट्वीट में कहा, ”लॉकडाउन जल्दी लगा दिया गया जिससे कोरोना वायरस के मामले तेजी से नहीं, बल्कि सपाट तरीके से बढ़े। ग्राफ में दिखाया गया कि 20 मार्च को कोरोना मामलों की वृद्धि दर 30 प्रतिशत से अधिक थी जो मई के पहले सप्ताह से करीब पांच प्रतिशत बनी हुई है। अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद कोरोना महामारी के सबसे ज्यादा मामले भारत में है।”
Our government is leaving no stone unturned in tackling the crisis caused by the #novel #coronavirus outbreak in the country.— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) June 15, 2020
The early lockdown that was imposed, helped India in converting the exponential growth rate into a linear trend !#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/FtkBNEaGb5
वाजिब दरों पर इलाज की सुविधा मुहैया कराने का प्रयास
मोदी सरकार ने सोमवार(जून 15) को राज्यों और केंद्रशासित प्रदशों से ऐसे बुनियादी ढांचे और वाजिब दरों पर जरूरी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने को कहा है। इस बीच आईसीएमआर ने निषिद्ध क्षेत्रों में कोरोना वायरस के उपचार के लिए त्वरित एंटीजन टेस्ट किटों के इस्तेमाल का सुझाव दिया है। इससे लेबोरेटरी में जांच के बिना तेजी से उपचार संभव हो सकेगा।
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