दिल्ली दंगे : मुख्य आरोपित फैजल फारुख था मरकज और देवबंद के संपर्क में

दिल्ली हिंदू विरोधी दंगा, गुलेल
दंगाई भीड़ की पनाहगार बनी थी यही फैसल फारुख  का राजधानी स्कूल
दिल्ली दंगों की जाँच में बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस को जाँच के दौरान पता चला है कि इन दंगों का निजामुद्दीन मरकज कनेक्शन भी हो सकता है, क्योंकि जिस राजधानी स्कूल की छत से बड़ी गुलेल के जरिए एसिड बम आदि फेंके गए थे उस स्कूल का मालिक फैजल फारुख निजामुद्दीन मरकज के प्रभावशाली लोगों के संपर्क में था। इसके साथ ही दंगे से 1 दिन पहले वह देवबंद भी गया था।
दिल्ली पुलिस ने अदालत में दायर चार्जशीट में राजधानी स्कूल के मालिक फैजल फारुख को एक मुख्य साजिशकर्ता के रूप चिन्हित करते हुए कहा कि जब पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे हो रहे थे, उस समय वो तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के करीबी अब्दुल अलीम के संपर्क में था।
पुलिस ने बताया कि जाँच के दौरान यह पाया गया कि हिंसा बड़ी साजिश के तहत हुई और राजधानी स्कूल का मालिक फैजल फारुख हिंसा के ठीक पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई नेताओं, पिंजरा तोड़ ग्रुप, निज़ामुद्दीन मरकज़, जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी और देवबंद के कई मौलवियों-आलिमों के संपर्क में था। उसके मोबाइल से इस बात के सबूत मिले हैं।
दिल्ली पुलिस ने स्कूल और स्कूल के मालिक की दिल्ली दंगों में संदिग्ध भूमिका की जाँच के चलते स्कूल मालिक फैसल फारुख समेत 18 को गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही राजधानी स्कूल को सील भी कर दिया गया था। बता दें कि दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों में लगभग 53 लोगों की मौतें हुई, वहीं घटना में कुल 400 लोग घायल हुए थे।
24 फरवरी को दिल्ली में सीएए विरोध के नाम पर हुई हिंदू विरोधी हिंसा के दौरान दंगाइयों ने पहले तो करावल नगर खजुरी खास स्थित ताहिर हुसैन के मकान को और फिर शिव विहार स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल को अपना केन्द्र बनाया था, क्योंकि यह दोनों ही इमारतें हिंदू इलाके में ऊँची और मुस्लिम मालिकों की थीं।
यही वो राजधानी स्कूल है, जिसकी सबसे ऊपरी छत को दंगाइयों ने अपना केन्द्र बनाते हुए वहाँ बड़ी गुलेल को लगाया था। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ईंट-पत्थर और पेट्रोल बम और तेजाब की बोतलों को छत पर पहले ले ही तैयारी के साथ रखा गया था। दंगाइयों ने पहले बगल वाले डीआरपी स्कूल को निशाना बनाया। राजधानी स्कूल दंगाइयों का मुख्य अड्डा बना और सारी गोलीबारी, पत्थरबाजी और बमबारी यहीं से हुई। इसके बाद डीआरपी स्कूल को जला कर ख़ाक कर दिया गया।
स्कूल के कंप्यूटर और मँहगे सामान लूट लिए गए। फारुख के इशारे पर इन दंगाइयों ने पास ही एक दूसरी इमारत में भी आग लगा दी।
फैज़ल के इशारे पर ही डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल, अनिल स्वीट्स और पास बनीं 2 बड़ी पार्किंग को आग के हवाले किया गया था। पुलिस को स्कूल के गार्डों, मैनेजर और कर्मचारियों के अलावा कई और गवाह मिले हैं। इस मामले की जाँच के दौरान जो तथ्य सामने आया है, उससे एक बार फिर दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज सवालों के बड़े घेरे में आ जाता है।
राजधानी स्कूल दिल्ली दंगा
राजधानी स्कूल हुआ था बेनकाब: दिल्ली दंगों में निजामुद्दीन कनेक्शन की कहानी
गत फरवरी माह में हिन्दू-विरोधी दिल्ली दंगों की जाँच में दिल्ली पुलिस को इन दंगों का सम्बन्ध निजामुद्दीन मरकज से होने के भी प्रमाण मिल रहे हैं।
राजधानी पब्लिक स्कूल (Rajdhani Public School, Shiv Vihar) की छत से बड़ी गुलेल के जरिए पत्थर और एसिड बम आदि फेंके गए थे। इस स्कूल का मालिक फैजल फारुख (Faisal Farooque) के मोबाइल से इस बात के अहम सबूत मिले हैं। फैजल दंगों से ठीक पहले निजामुद्दीन मरकज के प्रभावशाली लोगों के साथ ही जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी, देवबंद के कई मौलवियों-आलिमों, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई नेताओं, पिंजरा तोड़ ग्रुप के संपर्क में था।
दंगों के मामलों में दूसरी चार्जशीट राजधानी स्कूल केस में दायर की गई है, जो कि 5 मार्च को दर्ज किया गया था। यह मामला राजधानी पब्लिक स्कूल, शिव विहार, न्यू मुस्तफाबाद, दिल्ली के बाहर 24 फरवरी को हुए दंगों के लिए दर्ज किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने अदालत में दायर चार्जशीट में राजधानी पब्लिक स्कूल (Rajdhani Public School, Shiv Vihar) के मालिक फैजल फारुख को एक मुख्य साजिशकर्ता के रूप चिन्हित करते हुए कहा कि जब पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे हो रहे थे, उस समय वो तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के करीबी अब्दुल अलीम के संपर्क में था।
दिल्ली में घटित हिन्दू विरोधी दंगों के दौरान सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे एक वीडियो में से एक शिव विहार के राजधानी पब्लिक स्कूल का भी सामने आया था। इस स्कूल का मालिक ही फैज़ल फारुख है।
ऑपइंडिया ने इन दंगों की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान दिल्ली के शिव विहार स्थित राजधानी स्कूल और उसके आस पास के क्षेत्र से कुछ जानकारियाँ जुटाई थीं, जो कुछ इस तरह से हैं –

  1. फरवरी 24, 2020 को दंगाइयों ने पहले तो करावल नगर खजुरी खास स्थित ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) के मकान को और फिर शिव विहार स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल को अपना केन्द्र बनाया था, क्योंकि यह दोनों ही इमारतें हिंदू इलाके में ऊँची और मुस्लिम मालिकों की थीं।
  2. राजधानी स्कूल को एक ‘अटैक बेस’ की तरह प्रयोग में लाया गया। वहाँ दंगाइयों को संरक्षण मिला था।
  3. इस स्कूल की छत पर एक बडा गुलेल सेट किया गया था।
  4. छत पर बड़ी संख्या में ईंट-पत्थर और पेट्रोल बम तथा तेजाब की बोतलों को पहले से ही तैयारी के साथ रखा गया था।
  5. इस गुलेल का इस्तेमाल पत्थर और पेट्रोल बम बरसाने के लिए किया गया। यहीं से पूरे क्षेत्र में बमबारी की गई, पत्थरबाजी हुई, गोली चलाई गई।
  6. ये गुलेल आम गुलेल की तरह नहीं बल्कि लोहे की रॉड पर रबड़ लगाकर बड़े आकार में बनाया गया था।
  7. स्कूल की छत से बगल में हिन्दुओं के एक स्कूल को दंगाइयों ने तहस-नहस कर दिया।
  8. स्कूल से सभी मुस्लिम बच्चों को पहले ही निकाल दिया गया था और फिर इसी स्कूल में शेष हिंदुओं के बच्चों को बंधक भी बनाया गया था।
  9. स्कूल की छत को अपना केन्द्र बनाकर हजारों दंगाइयों ने हिंदुओं के घरों और संपत्तियों को निशाना बनाकर उनको तबाह किया था।
दंगाइयों ने अनिल स्वीट्स से जुड़ी एक इमारत को भी जला दिया था, जो सड़क के दूसरी तरफ राजधानी स्कूल के सामने मौजूद थी। यहीं अनिल स्वीट्स के एक कर्मचारी दिलबर नेगी अंदर फंसे हुए थे, जिन्हें काटकर जिन्दा आग में झोंक दिया गया था और उनका राख हुआ शव पुलिस को बाद में बरामद हुआ था।
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इस मामले में फैज़ल फारुख, जो कि राजधानी पब्लिक स्कूल का मालिक है, सहित अठारह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। 

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