दिल्ली दंगों के दौरान ताहिर हुसैन और उसके गुंडों पर आईबी में कार्यरत रहे अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या करने का आरोप है। दंगों की जाँच के बीच रक्षाबंधन भी आ गया है। ऐसे में अंकित शर्मा की बहन इस बार राखी किसे बाँधेंगीं, यही सोच कर वो बार-बार बिलख कर रो उठती हैं। ताहिर हुसैन और खालिद सैफी जैसों ने एक बहन से उसके निर्दोष भाई को छीन लिया और लिबरल गैंग बेशर्म बन उलटा दंगाइयों को बचाने में लगा हुआ है। बेशर्म बन Victim Card खेला जा रहा है। किसी लिबरल गैंग ने मारे गए निर्दोषों के घर जाकर उनके बच्चों और परिवार का दर्द जानने की कोशिश की? क्या उनको इस काम के लिए धन नहीं मिला है?
‘Kreately’ की ख़बर के अनुसार, अंकित शर्मा की बहन सोनम बार-बार यही पूछते हुए रो उठती हैं कि मेरे भाई को क्यों मारा, इस बार मैं राखी किसे बाँधूँगी? सोनम का कहना है कि इस रक्षाबंधन उनके लिए सब कुछ सूना-सूना सा है। जब कई नेता, पत्रकार और बुद्धिजीवी हत्यारोपित ताहिर हुसैन और खालिद सैफी जैसों को बचाने में लगे हुए हैं, क्या उन्हें एक बहन की चीख नहीं सुनाई दे रही है?
हाल ही में कट्टर इस्लामी पत्रकार राणा अयूब ने ट्विटर पर खालिद सैफी की बेटी की तस्वीर शेयर करते हुए भावनात्मक पोस्ट लिखा और एक अपराधी को ऐसे पेश किया जैसे वो किसी स्वतंत्रता सेनानी के लिए आवाज़ उठा रही हों। अयूब ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए पूछा कि ये बच्चे पूछ रहे हैं कि इस ईद पर उनके अब्बू आएँगे या नहीं या फिर उनके जन्मदिन पर वो रहेंगे या नहीं? जबकि सवाल तो यह पूछा जाना चाहिए था कि क्या खालिद ने ऐसा अपराध करने से पहले सोचा था?
जिहादियों के हिमायती दंगे भड़काने वाले, उनकी फन्डिंग करने वाले, और बेरहमी से हत्या करने वालों के बच्चों की तस्वीरें लगा कर ईद की बातें करते हैं और ईमोशनल कार्ड खेल कर माहौल बनाते हैं, क्या उनसे ये सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए कि जिनका वो बचाव कर रहे हैं, उन्हीं के द्वारा बेरहमी से मार डाले गए हिंदुओं के पीड़ित परिवारों का क्या होगा, जो सदा के लिए दूर चले गए?
इसमें कोई शक नहीं कि नाबालिग बच्चे का कोई दोष नहीं। लेकिन, क्या खालिद सैफी जैसों को यह नहीं सोचना चाहिए था कि उसके घर में बच्चे हैं या उसका परिवार है तो वो कोई ऐसा काम ही न करे, जिससे वो अपराधी बन जाए और उसकी करतूतें उसके ही परिवार पर भारी पड़ने लगे? ईद की बात कर के मजहब को बीच में लाया जाता है और अपराधियों को बचाने के लिए ये लिबरल पत्रकार हर बार यह कार्ड खेलते हैं।
क्या आपको पता है कि खालिद सैफी कौन है और उसने किया क्या था? खालिद सैफी (Khalid Saifi) पर आरोप है कि उसने दिल्ली में हिंसा से पहले शाहीन बाग में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और पूर्व आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के बीच मीटिंग करवाई थी। शाहीन बाग में इस साल 8 जनवरी को दोनों की मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग में उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी शामिल थे।
प्रोपेगेंडा पत्रकार रवीश कुमार, आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से लेकर सोशल मीडिया पर इस्लामी विचारधारा की समर्थक RJ सायमा सहित न जाने कितनी ही कथित सेक्युलर हस्तियों के साथ उसकी तस्वीरें वायरल हुई थीं। इससे उसकी पहुँच का अंदाज लगता है। जाहिर है, उसके नेटवर्क में शामिल उसके लोग हर क्षेत्र में हैं, जो उसे बचाने के लिए हर जतन करेंगे ही। उसका ‘कर्ज’ चुकाएँगे ही।
अवलोकन करें:-
खालिद सैफी वही शख्स है, जिस पर आरोप लगा है कि उसने सिंगापुर सहित मध्य-पूर्व के एक देश से दंगों के लिए धन जुटाया और मलेशिया तक जाकर जाकिर नाइक से मुलाकात की। इसके अलावा उमर खालिद और ताहिर हुसैन की शाहीन बाग में मीटिंग कराने वाला भी यही शख्स था। जिसके संबंध बड़े बड़े मीडिया गिरोह के लोगों से भी थे। राणा अय्यूब जैसों ने आज इस्लामिक आतताइयों के कारनामों को धो-पोंछ कर उन्हें स्मृतियों से मिटाने का बीड़ा उठाया है।
‘Kreately’ की ख़बर के अनुसार, अंकित शर्मा की बहन सोनम बार-बार यही पूछते हुए रो उठती हैं कि मेरे भाई को क्यों मारा, इस बार मैं राखी किसे बाँधूँगी? सोनम का कहना है कि इस रक्षाबंधन उनके लिए सब कुछ सूना-सूना सा है। जब कई नेता, पत्रकार और बुद्धिजीवी हत्यारोपित ताहिर हुसैन और खालिद सैफी जैसों को बचाने में लगे हुए हैं, क्या उन्हें एक बहन की चीख नहीं सुनाई दे रही है?
राना अय्यूब शहला रशीद, उमर, खालिद आरफा खानम कनौजिया कन्हैया कुमार ऐसे लोगों ने 370 पर भी झूठी अफवाह फैला के लोगों को भ्रमित किया था और CAA नाम पर भी लोगों को उकसाने का काम किया था हमारी केंद्र सरकार से अपील है इन लोगों की प्रॉपर्टी की जांच हो.@AmitShah @PMOIndia @rsprasad @ANI— सनातन धर्म की जय हो🚩🚩🚩 (@Pratap438) July 20, 2020
With the family of Khalid Saifi who was arrested for the anti CAA protests. In the first two months the kids would ask, 'Will daddy come home for eid' , 'will he come for my birthday'. The innocent questions remain unanswered as Saifi continues to be incarcerated. pic.twitter.com/F3VN12EWXd— Rana Ayyub (@RanaAyyub) July 20, 2020
Ankit Sharma will never get married, never have kids who celebrate Holi,Diwali with him.— Sanitizer (@ohhBlimeyy) July 20, 2020
Sh Ratan Lal's kids will never have another day with their father.
Both men killed by these same monsters u defending.But then u wouldnt b able to c thr suffering as u r a communal instigator pic.twitter.com/lCm2a2xJ87
Tum chutiya hoo ye khud patha hai, poori duniya ko bathane ki kya jaroorath hai, they'll be proud of their father absolutely no doubt in that— Sohail (@Sohail62770093) July 20, 2020
Out of 53 ppl dying in delhi riots, 40 ppl dying were muslims. And 15 mosques attacked vs 5 temples. Hope andbhakts of uneducated semi-literate fool know the facts of the case. Or perhaps that is the best case for these career-rioters to become PM or CM.— Deshbhakt (@Deshbha11514642) July 20, 2020
Visit the family of IB Officer who died during these riots !!— Sajid 🍁 (@Beingsajiddarr) July 20, 2020
कभी इस्लामिक आत़ंकवाद की बलि चढ़ने वाले भारतीय सैनिकों के लिए भी आवाज उठाई है तूने???— Arvind Kumar🇮🇳 (@ArvindMishraIND) July 20, 2020
कभी देश की रक्षा करते हुए बलिदान हुए सैनिकों के परिवार के लिए भी ट्वीट किया है??
शर्म कर जिहादन औरत,
जिस थाली में खाती है उसी में छेद करती है!
जैसे तेरी कोई गलती नहीं है,आसमानी किताब गलत है
@smita_muk— 🇮🇳 SenthilVelan 🇮🇳 (@isvelan) July 21, 2020
Rana never ever bothered about Warriors family or Covid warriors family members or kids , she is only worried about anti national activity accused persons family kids.
Is she really a Independent journalist?
No tell him that his father was involved in riots which killed more than 50 and made many such kids orphan. This kid will understand whose loss is bigger and pain is bigger.— Sinhrann (@sinhrann) July 20, 2020
Khalid Saifi isn't arrested for flying kites in Delhi,he was having links with Zakir Naik,d terrorist preacher cum financer cum Jehadi brain behind Delhi Riots which killed numerous Kaafir Hindus including Ankit Sharma&Negi in Talibani style.BTW, when u will shed tears for Tahir?— AtmNirbharSoul (@SoulSelfReliant) July 20, 2020
हाल ही में कट्टर इस्लामी पत्रकार राणा अयूब ने ट्विटर पर खालिद सैफी की बेटी की तस्वीर शेयर करते हुए भावनात्मक पोस्ट लिखा और एक अपराधी को ऐसे पेश किया जैसे वो किसी स्वतंत्रता सेनानी के लिए आवाज़ उठा रही हों। अयूब ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए पूछा कि ये बच्चे पूछ रहे हैं कि इस ईद पर उनके अब्बू आएँगे या नहीं या फिर उनके जन्मदिन पर वो रहेंगे या नहीं? जबकि सवाल तो यह पूछा जाना चाहिए था कि क्या खालिद ने ऐसा अपराध करने से पहले सोचा था?
जिहादियों के हिमायती दंगे भड़काने वाले, उनकी फन्डिंग करने वाले, और बेरहमी से हत्या करने वालों के बच्चों की तस्वीरें लगा कर ईद की बातें करते हैं और ईमोशनल कार्ड खेल कर माहौल बनाते हैं, क्या उनसे ये सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए कि जिनका वो बचाव कर रहे हैं, उन्हीं के द्वारा बेरहमी से मार डाले गए हिंदुओं के पीड़ित परिवारों का क्या होगा, जो सदा के लिए दूर चले गए?
इसमें कोई शक नहीं कि नाबालिग बच्चे का कोई दोष नहीं। लेकिन, क्या खालिद सैफी जैसों को यह नहीं सोचना चाहिए था कि उसके घर में बच्चे हैं या उसका परिवार है तो वो कोई ऐसा काम ही न करे, जिससे वो अपराधी बन जाए और उसकी करतूतें उसके ही परिवार पर भारी पड़ने लगे? ईद की बात कर के मजहब को बीच में लाया जाता है और अपराधियों को बचाने के लिए ये लिबरल पत्रकार हर बार यह कार्ड खेलते हैं।
क्या आपको पता है कि खालिद सैफी कौन है और उसने किया क्या था? खालिद सैफी (Khalid Saifi) पर आरोप है कि उसने दिल्ली में हिंसा से पहले शाहीन बाग में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और पूर्व आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के बीच मीटिंग करवाई थी। शाहीन बाग में इस साल 8 जनवरी को दोनों की मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग में उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी शामिल थे।
प्रोपेगेंडा पत्रकार रवीश कुमार, आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से लेकर सोशल मीडिया पर इस्लामी विचारधारा की समर्थक RJ सायमा सहित न जाने कितनी ही कथित सेक्युलर हस्तियों के साथ उसकी तस्वीरें वायरल हुई थीं। इससे उसकी पहुँच का अंदाज लगता है। जाहिर है, उसके नेटवर्क में शामिल उसके लोग हर क्षेत्र में हैं, जो उसे बचाने के लिए हर जतन करेंगे ही। उसका ‘कर्ज’ चुकाएँगे ही।
अवलोकन करें:-
खालिद सैफी वही शख्स है, जिस पर आरोप लगा है कि उसने सिंगापुर सहित मध्य-पूर्व के एक देश से दंगों के लिए धन जुटाया और मलेशिया तक जाकर जाकिर नाइक से मुलाकात की। इसके अलावा उमर खालिद और ताहिर हुसैन की शाहीन बाग में मीटिंग कराने वाला भी यही शख्स था। जिसके संबंध बड़े बड़े मीडिया गिरोह के लोगों से भी थे। राणा अय्यूब जैसों ने आज इस्लामिक आतताइयों के कारनामों को धो-पोंछ कर उन्हें स्मृतियों से मिटाने का बीड़ा उठाया है।
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