अपने 21 मार्च के लेख में मैंने इज़रायल को हमास हिज्बुल्ला और हूती के रमजान के महीने में हमलों से सावधान रहने को कहा था और उन पश्चिमी देशों के लिए भी कहा जो हमास के साथ युद्ध में इज़रायल का समर्थन कर रहे है। इन देशों पर इस्लामिक आतंकियों का रमजान के महीने में हमला हो सकता है।
हालांकि रूस इज़रायल का समर्थन नहीं कर रहा लेकिन वह भी कुछ हद तक यूरोप का हिस्सा है और इस तरह बड़े इस्लामिक हमले की मेरी चेतावनी गलत नहीं थी।
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अब रूस में इस वीभत्स हमले को देख कर माना जा सकता है कि रूस की ख़ुफ़िया एजेंसियां भी विफल रही। इतने बड़े concert हॉल में 5 लोगों ने जिस तरह 145 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और सैंड़कों को घायल किया, उसे देख कर लगता है किसी तरह की कोई सुरक्षा थी ही नहीं जो 5 आतंकी मौत के तांडव के साथ पूरे हॉल को आग के हवाले कर कर गए।
ISIS-K ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है जबकि अमेरिका ने कहा है कि इस हमले में यूक्रेन का कोई हाथ नहीं है। दूसरी तरफ यह कहा गया है रूस की सुरक्षा एजेंसियों ने 2 आतंकियों को यूक्रेन की तरफ भागते हुए ही पकड़ा है। यदि यूक्रेन इसमें शामिल है तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि यूक्रेन और रूस एक दूसरे पर तरह तरह के हमले करने की फ़िराक में रहते ही हैं।
लेकिन ISIS-K के दावे की भी रूस जांच कर रहा है और पुतिन ने कहा है कि जो भी गुनहगार है उससे बदला लिया जाएगा और पुतिन कैसा बदला ले सकता है, उस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। मगर विश्व शांति के लिए एक नया खतरा खड़ा हो सकता है।
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