कनाडा : पाखंडी हिंदू सभा ने उस मंदिर के पुजारी राजेंद्र प्रसाद को क्यों हटाया जिसे खालिस्तानियों ने बनाया था निशाना?: हमले के बाद वीडियो हुआ था वायरल, कहा था- बँटोगे तो कटोगे; ऐसे ही पाखंडियों के कारण हिन्दू बंटता भी है और कटता भी है

कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर ने खालिस्तानी हमले के कुछ दिनों बाद पुजारी राजेन्द्र प्रसाद को हटा दिया है। हिन्दू सभा ने कहा है कि राजेन्द्र प्रसाद की एक विरोध में संलिप्तता थी और इस विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं ली गई थी। हिंदू सभा मंदिर के अध्यक्ष मधुसूदन लामा ने एक पत्र लिखा कर कहा कि राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ तत्काल प्रभाव से यह कार्रवाई की जा रही है।
पाखंडी मंदिर प्रबंधकों यह समय की मांग थी, जिसे साहसिक पुजारी ने अंजाम दिया था। पाखंडियों इसी 'बँटोगे तो कटोगे' की गूंज से विश्व हिल गया। और तुमने राजेंद्र का साथ देने की बजाए उसी पर कार्यवाही अपनी नपुंसकता का उदाहरण प्रस्तुत कर दिया है। तुम्हारे जैसे ढोंगी हिन्दुओं को किसी मन्दिर प्रबंधन से कोसों दूर रखना ही नहीं चाहिए बल्कि तुम्हारे जैसे ढोंगी हिन्दुओं की हर गतिविधि पर हिन्दुओं को नज़र रख, सबको सचेत करना चाहिए। उन सभी पदाधिकारियों को प्रबंधन से बाहर करना चाहिए जो इस निर्णय में शामिल थे। पुजारी राजेंद्र ने कोई गलत काम नहीं किया था, पुजारी ने अपनी पंडताई धर्म का पालन किया। यही हमारे शास्त्र और उपदेश निर्देश देते हैं। तुम्हारे जैसों के कारण हिन्दू एकता में बाधा आती है और दोष सरकार को दिया जाता है। असली दोषी तुम जैसे पाखंडी हिन्दू हैं। मंदिर प्रबंधन कालनेमि है। विभीषण नहीं क्योकि विभीषण ने धर्म के लिए अपने भाई को छोड़ दिया था। लेकिन तुम्हारे जैसे लोग समाज में नाम कमाने मंदिरों के ट्रस्टी बन जाते हैं, चन्दों पर ऐश करते हैं। तुम्हारे जैसे जयचन्दों के कारण मुग़ल भारत में आये थे। हिन्दू सम्राट तो उनको मार रहे थे लेकिन तुम्हारे जैसे जयचन्द अंदरखाने मुगलों की मदद कर रहे थे।   

सोशल मीडिया पर कुछ हैंडल ने पोस्ट किया है कि हिंदू सभा मंदिर ने यह कार्रवाई एक वायरल वीडियो के सामने आने के बाद की है। इस वीडियो कथित तौर पर राजेन्द्र प्रसाद, मंदिर पर हमले का विरोध करने के लिए एकत्र हुए लोगों के एक समूह खालिस्तानियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान कर रहे हैं।

3 नवंबर, 2024 को खालिस्तानियों ने गोर रोड स्थित ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हमला किया था। यहाँ पर उस दौरान एक काउंसिलर कैम्प चल रहा था। ,इस घटना ने कनाडा में हिंदू भारतीयों के खिलाफ खालिस्तानी हिंसा को उजागर कर दिया था। इस हमले में पील पुलिस का एक अधिकारी हरिंदर सिंह सोढ़ी भी शामिल था।

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