दिल्ली दक्षिण-पश्चिम जिले की एंटी-नारकोटिक्स यूनिट ने 28 वर्षीय अवैध बांग्लादेशी महिला सोनाली शेख को शुक्रवार (27 दिसंबर 2024) को हिरासत में लेकर बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया। पुलिस के अनुसार, सोनाली पिछले 6 सालों से भारत में अवैध रूप से रह रही थी, जिससे विदेशी अधिनियम का उल्लंघन हो रहा था।
जब दिल्ली CAA विरोध में शाहीन बाग बना हुआ था तभी से चर्चा गर्म थी कि इस जमावड़े में देश में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और रोहिंग्यों की भीड़ है। लेकिन दिल्ली सरकार से लेकर केंद्र सरकार किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन अब दिल्ली में चुनाव आने पर कार्यवाही होना दोनों सरकारों पर सवाल खड़े करता है। आखिर इन अवैथ घुसपैठियों को किन नेताओं और पार्टियों की शय पर लाया जाता है और सीमाओं पर कौन इनको अंदर आने में मदद करने वालों पर क्यों नहीं कार्यवाही की जाती? जब तक इस देशद्रोहियों पर कार्यवाही नहीं होगी ये गोरखधंधा बंद नहीं होगा। कोई अधिकारी अपने आपसे जोखिम लेकर घुसपैठियों का आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी नहीं बना सकता।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कार्रवाई दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की तलाश के दौरान की गई। एलजी विनय सक्सेना के आदेश पर पुलिस ने हाल ही में 175 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया था। जाँच में इनकी फर्जी पहचान के दस्तावेज पाए गए।
Delhi | An illegal Bangladeshi woman deported by Anti-Narcotics Unit, South West District. The 28-year-old woman has been identified as Ms Sonali Sheikh. She had been residing in India, thereby violating the provisions of the Foreigners Act, for the last 6 years: Anti-Narcotics… https://t.co/xHgT6GMKtB pic.twitter.com/eoenK3KGRF
— ANI (@ANI) December 27, 2024
दिल्ली पुलिस ने इसके पहले मंगलवार को 11 लोगों को गिरफ्तार किया था, जो अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड मुहैया कराते थे। इनमें 5 बांग्लादेशी और 6 स्थानीय लोग शामिल थे।
पुलिस का कहना है कि जिन लोगों के पास भारतीय दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें जाँच के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत डिपोर्ट किया जाएगा। अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
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