बांग्लादेश के एक मौलाना इनायतुल्ला अब्बासी ने एक वीडियो में धमकी दी है कि वो लालकिले पर अपना झंडा फहरा देंगे

सुभाष चन्द्र

“मैं मोदी और ममता को बता देना चाहता हूं कि अगर तुमने अपना हाथ बांग्लादेश की तरफ बढ़ाया तो 14 करोड़ मुसलमान तुम्हारा हाथ काट देंगे, तोड़ देंगे, बांग्लादेश का दुश्मन हिंदुस्तान है, अगर 14 करोड़ मुसलमान अपने 28 करोड़ हाथों में लाठी लेकर एक साथ गए तो लालकिले पर कब्ज़ा कर लेंगे अब्बासी ने एक और बयान में कहा था कि लालकिले पर इस्लाम का झंडा फहरा देंगे और किसी ने अगर बांग्लादेश पर कब्ज़ा करने की कोशिश की तो हर मुसलमान जेहाद के लिए सेना के साथ खड़ा हो जाएगा, और हर मदरसा छावनी बन जाएगा”

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इसके अलावा, बांग्लादेश आर्मी के कई रिटायर्ड अधिकारी धमकी दे रहे हैं कि वो बंगाल और असम पर 4 दिन में कब्ज़ा कर सकते है। 

आज ममता ने बांग्लादेश के धमकी देने वालों को सख्त लहजे में कहा कि -

“तुम बिहार असम और ओडिशा ले लोगे और हमारे हाथ में क्या लॉलीपॉप है, ऐसा सोचना भी मत, हम केंद्र सरकार के साथ हैं

बांग्लादेश का बाप पाकिस्तान कश्मीरी मुसलमानों के भरोसे 1947 से हमारा कश्मीर हथियाने की कोशिश करते करते आज भिखारी हो गया और अब बांग्लादेश को हथियार देकर उसे भारत के खिलाफ युद्ध के लिए भड़का रहा है उधर बांग्लादेश की पाकिस्तान से मोहब्बत इस कदर बढ़ गई कि उसने पाकिस्तानियों को बांग्लादेश में आने की छूट दे दी बिना वीसा और बिना सिक्यूरिटी चेक के

बांग्लादेश के कटटरपंथी और सेना के रिटायर्ड मेजर जैसे अधिकारी बंगाल और असम पर कब्ज़ा करने की बात कैसे कर रहे हैं, यह समझना जरूरी है उन्हें यही लगता है कि ममता हाथ में लॉलीपॉप ही रह जाएगा जब बंगाल और असम के करोड़ों बांग्लादेशी इस्लाम के नाम पर एक हो जाएंगे और ममता को शेख हसीना की तरह उखाड़ फेंकेंगे यदि उसके कुछ भी उनका विरोध किया 

अपने 16 और 17 अगस्त के दो लेखों में मैंने लिखा था कि बंगाल और असम में किस तरह बांग्लादेशियों की घुसपैठ हुई है 1951 में असम में मुसलमान एक चौथाई थे यानि 25%  जो 2011 में एक तिहाई हो गई अगर आज भी एक तिहाई है तो असम की वर्तमान अनुमानित आबादी 3,57,13000 में से 1 करोड़ 20 लाख मुसलमान हैं

इसके अलावा अपने 27 जून, 2021 के लेख में मैंने बताया था कि बंगाल की एक सामाजिक कार्यकर्त्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की थी कि एक वर्ष में बंगाल में रह रहे 2 करोड़ बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का पता लगा कर हिरासत में लेकर निर्वासित करने के आदेश दिए जाएं 

याचिका में कहा गया था कि 2 करोड़ लोगों ने बंगाल की Demography बदल दी है और कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी कर दी है लेकिन सुप्रीम कोर्ट अपनी आदत के अनुसार मुसलमानों का मामला देखकर “गहरी नींद” में सो गया और आज साढ़े 3 साल बाद भी सुनवाई नहीं की

आज बंगाल में कम से कम 2.5 से 3 करोड़ मुस्लिम बंगाल में रह रहे हैं जिनमें अधिकांश बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये हैं लेकिन फिर भी ममता बनर्जी किसी कीमत पर NRC नहीं होने की धमकी देती है

बांग्लादेशियों की धमकी के पीछे असम और बंगाल के मुसलमानों की ताकत है ममता बनर्जी इस मुगालते में न रहे कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या उसका साथ देंगे बल्कि वे बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के इशारे पर इस्लाम के नाम पर उनके साथ हो जाएंगे और संभव है गृह युद्ध बंगाल और असम से ही शुरू किया जाए जिसका प्रयोग संभल में किया गया 

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