मीडियापार्ट ने भाजपा की निंदा की है (फोटो साभार: The Hindu)
हिन्दू सम्राटों द्वारा देश में जितना विकास किया गया था जिस कारण भारत सोने की चिड़िया कहलाता था, उसको मलियामेट अफवाह, जयचन्दों और मीर ज़ाफरों द्वारा कर दिया गया। वही कुकर्म आज संविधान की शपथ लेकर घूम रहे तथाकथित नेताओं द्वारा किया जा रहा है। इन्हे देश नहीं अपनी तिजोरी और परिवार की चिंता है। लेकिन भूल रहे है कि जिन देश विरोधियों के इशारे पर नाच रहे हैं इन कठपुतलियों का उसी तरह नामोनिशान मिट जायेगा जैसे जयचन्दों और मीर ज़ाफरों का। ऐसी कठपुतलियों को वोट देने से पहले जनता सोंचना चाहिए। इन्हें जनता की लेशमात्र भी चिंता नहीं। जनसेवा की आड़ में अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित यह सन्देश बहुत बड़ा सन्देश है, आजकल तथाकथित छद्दम धर्म-निरपेक्ष नेताओं से सावधान रहने की जरुरत है, जो अपने स्वार्थ के लिए देश विरोधियों के इशारे पर नाच संसद का समय बर्बाद नहीं कर रहे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने का खतरनाक खेल खेल रहे हैं।
फ्रांस का वामपंथी मीडिया संस्थान मीडियापार्ट अब कथित तौर पर भारत में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) से नाराज़ है। मीडियापार्ट की नाराजगी का कारण उसी की एक रिपोर्ट का भाजपा द्वारा इस्तेमाल है। मीडियापार्ट ने हाल ही में अडानी समूह पर आरोप जड़ने वाले OCCRP पर एक रिपोर्ट छापी थी। इसमें OCCRP के लिंक अमेरिकी विदेश विभाग से जुड़े बताए गए थे। भाजपा ने इस रिपोर्ट के आधार पर कॉन्ग्रेस समेत अमेरिका को निशाने पर लिया था।
मीडियापार्ट की रिपोर्ट में बताया गया था कि अडानी समूह पर दो हिट पीस प्रकाशित करने वाले ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की फंडिंग का आधे से अधिक हिस्सा अमेरिकी विदेश विभाग से आता है। OCCRP खुद को एक स्वतंत्र संस्थान बताता आया है। इस रिपोर्ट के बाद स्पष्ट हुआ था कि OCCRP अमेरिका के कहने पर विदेशों में अलग-अलग कम्पनियों या सरकारों को निशाना बनाता है।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भाजपा ने इसके कुछ हिस्से साझा किए थे। भाजपा ने भारत और भारतीय कम्पनियों के खिलाफ की गई बड़ी साजिश की तरफ इशारा किया था। हालाँकि, भाजपा का रिपोर्ट के कुछ हिस्से साझा करना मीडियापार्ट को पसंद नहीं आया। मीडियापार्ट ने इसको लेकर एक बयान जारी किया है।
भारत में मीडियापार्ट की रिपोर्ट पर हुए सियासी हँगामे के बाद इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मीडियापार्ट ने 7 दिसंबर को कहा, “मीडियापार्ट OCCRP के बारे में हाल ही में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट के पीएम मोदी का एजेंडा बढ़ाने और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करने के लिए भाजपा द्वारा इस्तेमाल करने की कड़ी निंदा करता है।”
मीडियापार्ट की डायरेक्टर और प्रकाशक कैरीन फाउटेउ ने कहा कि भाजपा ने फर्जी खबरें फैलाने के लिए मीडियापार्ट के लेख का गलत तरीके से फायदा उठाया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया वह मीडियापार्ट ने प्रकाशित नहीं की…भाजपा द्वारा प्रचार की जा रही साजिश की योजना के पक्ष में कोई भी तथ्य उपलब्ध नहीं हैं।” मीडियापार्ट ने इस बीच यह नहीं बताया कि भाजपा द्वारा कौन सा हिस्सा साझा किया आना साजिश के तहत आता है।
2 दिसंबर, 2024 को मीडियापार्ट ने ‘द हिडेन लिंक्स बिटवीन जायंट ऑफ़ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म एंड यूएस गवर्मेंट’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसमें OCCRP के कामकाज में अमेरिकी सरकार के हस्तक्षेप की बात की गई थी। मीडियापार्ट ने इस रिपोर्ट में बताया कि OCCRP खुद को भले ही पूरी तरह से स्वतंत्र बताता है, लेकिन इसके मैनेजमेंट ने इसे अमेरिका पर पूरी तरह से निर्भर कर दिया है। मीडियापार्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अभी भी OCCRP की फंडिंग का लगभग 50% से अधिक अमेरिकी एजेंसियाँ देती हैं।
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