हिंदू विरोधी AAP: कालनेमि अरविन्द केजरीवाल, सत्येंद्र जैन ने दिया था 22 से ज्यादा मंदिर तोड़ने का आदेश; दिल्ली और पंजाब से बाहर इस पार्टी के 99% उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त नहीं बल्कि NOTA से भी कम वोट मिलते है

                                               मंदिरों में माथा टेकता हिन्दू विरोधी अरविन्द केजरीवाल 
तिहाड़ जाने से पहले और तिहाड़ से बाहर आने के हनुमान मन्दिर जाकर हनुमान भक्त कोई हनुमान भक्त नहीं कालनेमि हिन्दू है। दिल्ली के लोग एक खुलासे से सन्न रह गए हैं। एलजी सचिवालय की ओर से जारी दस्तावेजों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन की सिफारिशों के कारण दिल्ली में 22 से अधिक मंदिर तोड़ दिए गए थे। एलजी सचिवालय ने ये दस्तावेज दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी की ओर से उपराज्यपाल और बीजेपी पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाए जाने के बाद जारी किए हैं। जो यह साबित करता है कि केजरीवाल ही नहीं पूरी आम आदमी पार्टी ही एक fraud और हिन्दू विरोधी है। ये सब कालनेमि हिन्दू है। 

आतिशी ने कहा था कि धार्मिक समिति की सिफारिश पर एलजी ने दिल्ली में 7 धार्मिक स्थलों को तोड़ने का आदेश दिया है। इसका खंडन करते हुए एलजी सचिवालय ने दस्तावेज जारी कर कहा है कि अरविंद केजरीवाल और AAP के अन्य नेताओं के आदेश पर दिल्ली में 22 से अधिक मंदिर तोड़े गए हैं।  

दस्तावेजों के अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद 8 फरवरी 2023 को दिल्ली में 9 मंदिरों को तोड़ने के आदेश को मंजूरी दी थी। दिल्ली के तत्कालीन गृहमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन 9 मंदिरों को तोड़ने की सिफारिश की थी। इसके पहले 23 जून 2016 को तत्कालीन गृहमंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी 8 मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी थी। जारी दस्तावेजों के अनुसार साल 2016 से 2023 तक केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने कुल 24 धार्मिक ढांचों को तोड़ने की मंजूरी दी गई थी जिनमें 22 मंदिर और सिर्फ 1 दरगाह शामिल थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सत्येन्द्र जैन ने 2017 में 2 अज्ञात मजारों को तोड़ने की सिफारिशों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। अशोक विहार फ्लाईओवर पर बनी मजार पर कितना शोर मचाया था। केजरीवाल और उनकी पार्टी बताए कि फ्लाईओवर पर कौन पीर आया था? दूसरे मुसलमानों में मुर्दे को जमीन में दफनाया जाता है फ्लाईओवर पर नहीं। 

समय आ गया है हिन्दू हिन्दू-विरोधी आम आदमी पार्टी से दूरी बनाए। इनके घड़ियाली आंसुओं पर शोक प्रकट करें सहानुभूति नहीं। वक़्फ़ बोर्ड को मालामाल करने का वायदा करने वाला कभी हिन्दू-हितैषी हो ही नहीं सकता। दूसरे, अभी पुजारियों और ग्रन्धियों को 18000 रूपए देने वाले केजरीवाल बताएं कि जब इमामों और मौलवियों को सौगात दे थी तब पुजारियों और ग्रंथियों को क्यों नहीं दी? सिखों का मानना है कि असली ग्रंथि इसे कभी स्वीकार ही नहीं करेगा। गुरुद्वारों में ही इतना दान आता है कि किसी गुरूद्वारे के ग्रंथी को किसी सरकारी मदद की जरुरत हो।      

एलजी ऑफिस के इस खुलासे से चुनाव से पहले दिल्ली की सियासत गरमा गई है। चुनाव से पहले मंदिर-मंदिर जाकर हिंदुओं की हमदर्दी हासिल करने की केजरीवाल की कोशिश को तगड़ा झटका लगा है। लोग इस खुलासे के बाद AAP संयोजक केजरीवाल और पार्टी पर तंज कस रहे हैं।

 

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