प्रतीकात्मक
हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष एसएनए गिलानी ने राज्य में अशांति के लिए दूसरे राज्यों के मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों से आए मुस्लिम लोग मस्जिद और कब्रिस्तान बनाकर हिमाचल प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने राज्य में हिंदू महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जताई।
हिमाचल प्रदेश में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा राष्ट्रवादी समिति के सदस्य रहे गिलानी ने दावा किया कि इन मुस्लिमों ने हजारों हिंदू महिलाओं को अपने साथ दूसरे राज्यों में ले गए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित धरमपुर जामिया मस्जिद को राज्य में हो रही सभी हिंदू विरोधी गतिविधियों का मुख्यालय बताया।
गिलानी ने कहा, “धर्मपुर के आसपास कई आर्मी स्टेशन हैं, जिनमें आर्मी स्टेशन हेडक्वार्टर कसौली, आर्मी स्टेशन ढिकसाई, सपाटू और सोलन शामिल हैं। धर्मपुर में सीआरपीएफ का भी एक सेंटर है। इन सभी को धर्मपुर जामिया मस्जिद से खतरा है।” उन्होंने उस राज्य में इतनी बड़ी संख्या में मस्जिदों के निर्माण की जरूरत पर सवाल उठाया, जहाँ मुस्लिम आबादी ना के बराबर है।
गिलानी ने दावा किया, “हर शुक्रवार को सैकड़ों लोग (मुस्लिम) बाहर से धरमपुर मस्जिद आते हैं। उनमें से कोई भी धरमपुर में नहीं रहता। धरमपुर में एक भी स्थायी निवासी (मुस्लिम) नहीं है। मुश्किल से 3-4 परिवार (मुस्लिम) धरमपुर में किराए के घरों में रहते हैं।” उन्होंने कहा कि किसी भी शुक्रवार को धर्मपुर मस्जिद में आने-जाने वाले की मुस्लिमों की बड़ी संख्या को देखा जा सकता है।
एसएनए गिलानी ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में सैन्य केंद्रों को बचाना चाहती है और हिंदू महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है तो उसे धर्मपुर जामिया मस्जिद को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार को इस बात की भी जाँच करने का आग्रह किया कि धर्मपुर मस्जिद का निर्माण करने के लिए आवश्यक अनुमति ली गई थी या नहीं।
गिलानी ने कहा कि अगर जाँच में पाया जाता है कि मस्जिद के निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी तो इसे उसी तरह गिरा दिया जाना चाहिए, जैसे संजौली में अवैध मस्जिद को गिराया गया था। पिछले साल अक्टूबर में हिमाचल प्रदेश की एक अदालत ने संजौली में एक मस्जिद के अनधिकृत हिस्सों को गिराने का आदेश दिया था।
स्थानीय हिंदुओं ने मस्जिद के अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। उसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया था। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के स्थानीय लोगों में राज्य के विभिन्न शहरों में कई अवैध मस्जिदों के निर्माण को लेकर चिंता जताई है। लोगों का कहना है कि इन अवैध मस्जिदों में राज्य के बाहर से बड़ी संख्या में मुस्लिम आते रहते हैं।
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