रमेश विधूड़ी को ऐसे बयान से बचना चाहिए था, लेकिन विपक्ष इतना बवाल काहे कर रहा, क्या सब कुछ भूल गए? बल्कि पूछना था कि क्या वह पूर्ण मुख्यमंत्री है या केजरीवाल के हाथ की कठपुतली मुख्यमंत्री? अगर यह बात गलत है तो केजरीवाल द्वारा अस्थाई मुख्यमंत्री कहने पर क्यों चुप रही?

सुभाष चन्द्र

रमेश विधूड़ी को कालका जी की सड़कों को प्रियंका वाड्रा के गालों की तरह बनाने की बात कहने से बचना चाहिए था और जो उन्होंने आतिशी मारलेना के लिए कहा, वह भी न कहते तो अच्छा था। लेकिन कांग्रेस को प्रियंका पर दिए बयान पर बवाल करने से पहले, पिछला भी कुछ याद रख लेना चाहिए क्योंकि ऐसे “Sexiest Comment” कांग्रेस के और अन्य दलों के लोग पहले भी देते रहे हैं। कुछ किस्से बताता हूं - 

-लालू यादव ने 2010 में कहा था कि वो बिहार की सड़कें हेमा मालिनी के गालों की तरह चिकनी बना देंगे और तब वह कांग्रेस के साथ था लेकिन कांग्रेस चुप थी। बाद में लालू ने ऐसा कहने से मना कर दिया पर सच यही है, उसने ऐसा कहा था;

विपक्ष जब बीजेपी की किसी भी महिला पर अभद्र बातें करते हैं सब तालियां बजाते दिखते हैं, लेकिन जब बीजेपी द्वारा उसी विपक्ष को उसी की भाषा में जवाब दिया जाता है विधवा विलाप क्यों करने लगते हैं? कुछ बोलने से पहले विपक्ष को आईने में अपनी शक्ल देखनी चाहिए, विधवा विलाप नहीं।    
- झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के मंत्री इरफ़ान अंसारी ने कहा था कि “कंगना रनौत के गाल की तरह चिकनी सड़कें बनाएंगे; 

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-इरफ़ान अंसारी ने ही सीता सोरेन के लिए “rejected maal” शब्द प्रयोग किया;

-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव शिवसेना के अरविंद सावंत ने शिंदे शिवसेना की उम्मीदवार शाइनी NC के लिए “imported maal” शब्द प्रयोग किया; 

-राहुल गांधी ने लोकसभा में जब भाजपा महिलाओं की तरफ Flying Kiss उछाला तो कांग्रेस ने उसका बचाव ही नहीं किया बल्कि सुप्रिया श्रीनेत ने स्मृति ईरानी द्वारा राहुल की निंदा करने पर कहा था कि “स्मृति ईरानी औरत के नाम पर तो धब्बा तो है ही, मंत्री होने के नाम पर भी धब्बा है और आज वह विधूड़ी के बयान पर कह रही है कि भाजपा की सोच ही महिला विरोधी है;

-इसी सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा द्वारा कंगना रनौत को “मंडी” से प्रत्याशी बनाने पर कहा था - पता करो मंडी का क्या रेट है और ऐसा ही कुछ बयान कांग्रेस के HS Ahir ने दिया था और बाद में बहाना बना दिया कि किसी और ने उनके ट्विटर अकाउंट से यह पोस्ट किया है जिसे हमने डिलीट कर दिया है। जो दिल में था वह कह दिया और सफाई देते हुए मामला ही साफ़ कर दिया;

कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने स्मृति के लिए अपशब्द कहते हुए यह भी कहा था कि महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर भाजपा की महिलाएं क्यों नहीं बोलती। जबकि वे पूरा विरोध करती हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि राजस्थान गहलोत के समय में एक “रेप स्टेट” बन गया था पर कभी कोई कांग्रेस का नेता कुछ नहीं बोलता था जबकि हाथरस जैसे मामलों में “पर्यटन” करने जाते थे

लेखक 
चर्चित YouTuber 

सुप्रिया एक बार सुकन्या का भी पता करे, कौन थे उसके बलात्कारी और हत्यारे और कहां गया उसका परिवार?

बंगाल में महिलाओं पर ममता राज में घोर पाप हुए, कांग्रेस कभी कुछ नहीं बोली और संदेशखाली तक भूल गई। आज बांग्लादेश में जो हिंदू महिलाओं के साथ अपराध हो रहा है उस पर भी कांग्रेस और समूचा विपक्ष खामोश है क्योंकि सलाहुद्दीन शोएब चौधरी के अनुसार राहुल गांधी ने खालिदा जिया के बेटे तारिक जिया के साथ मिलकर बांग्लादेश में तख्तापलट करने का प्लान बनाया था

आतिशी मारलेना के लिए सवाल न भी उठाया जाता तो भी ठीक था लेकिन यह सवाल उठना वैसे स्वाभाविक भी है कि उसने अपना सरनेम क्यों बदला, इतना ही पूछ लेता तो ठीक था? दूसरे, यह पूछना था कि क्या वह पूर्ण मुख्यमंत्री है या केजरीवाल के हाथ की कठपुतली मुख्यमंत्री? अगर यह बात गलत है तो केजरीवाल द्वारा अस्थाई मुख्यमंत्री कहने पर क्यों चुप रही? क्या यह संवैधानिक मुख्यमंत्री पद की गरिमा का अपमान नहीं?    

आज कांग्रेस मनमोहन सिंह की मृत्यु पर उनके कथित अपमान पर सिर पीट रही है लेकिन कांग्रेस के नेता तो जीते जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घटिया शब्दों से अपमान करते हुए 100 से ज्यादा गालियां दे चुके हैं। एक महान मृत आत्मा सावरकर का नाम सुनकर कांग्रेस को जैसे ततैया काट जाता है। एक कॉलेज का नाम भी सावरकर के नाम पर नहीं रखने देना चाहते

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