मजहबी आतंक खतरनाक… MP हाई कोर्ट ने ISIS आतंकी मोहम्मद शाहिद को जमानत देने से किया इनकार: जिहाद से भारत में शरीयत लागू करने का सपना, हिन्दू देवी-देवताओं का करता था अपमान

2024 लोकसभा चुनावों में मोदी विरोधियों ने जहर परोसा कि 'मोदी सरकार संविधान बदल देगी' जिसे महामूर्ख जनता ने सच्चाई को जाने बिना सच मान लिया। हकीकत यही है कि संविधान बदलने का समय आ गया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आतंकी को जमानत से इंकार करने पर जो कहा उसे हर हिन्दू को अपना दिल और दिमाग खोलकर कटु सच्चाई को समझ अपनी वोट की ताकत से मुस्लिम तुष्टिकरण करने वालों को धूल चटानी होगी। 

संविधान क्यों बदलने की जरूरत है? क्योकि आज जिस संविधान को विपक्ष लिए घूम रहा है वह संविधान निर्माताओं द्वारा लिखित संविधान नहीं है। मुस्लिम वोट बैंक पर अपनी तिजोरियां भरने और कुर्सी की खातिर शरीयत को बढ़ावा देने संशोधन कर हिन्दुओं को मूर्ख बनाया गया। 

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा है कि मजहबी आतंक खतरनाक और त्रासद है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यह टिप्पणियाँ एक ISIS आतंकी को जमानत देने से इनकार करते हुए की हैं। आतंकी अपने साथियों के साथ भारत समेत पूरी दुनिया में शरिया का राज लाना चाहता था। वह हिन्दुओं को मुसलमान बनाने के मिशन में जुट गया था। वह इस्लामी आतंकी संगठन ISIS और जाकिर नाइक से प्रभावित था। वह जबलपुर की हथियार फैक्ट्री पर हमला करके देश में इस्लामी कानून लागू करना चाहता था। उसने हिन्दू देवी-देवताओं का भी अपमान किया।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा, “मजहबी आतंकवाद एक त्रासद और खतरनाक सोच है जो मजहब की सच्ची शिक्षाओं को विकृत करती है और लोगों तथा समाज को भारी नुकसान पहुँचाती है। मजहबी आतंकवाद की जड़ें गहरी और जटिल हैं, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि कोई भी धर्म असल रूप में हिंसा या आतंक का समर्थन नहीं करता।” हाई कोर्ट ने कहा कि हम उस आदमी के प्रति कोई दया नहीं दिखा सकते जिस पर आतंक के गंभीर आरोप हैं।

जमानत ना पाने वाले इस ISIS आतंकी का नाम मोहम्मद शाहिद खान है। उसे NIA ने मई, 2023 में पकड़ा था। मोहम्मद शाहिद खान ने NIA की गिरफ़्तारी से जमानत के लिए कोर्ट का रास्ता अख्तियार किया था। लेकिन यहाँ से उसकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद वह मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहुँचा था। यहाँ पर उसने दलील दी कि उसे इस केस में फंसाया गया है और उन लोगों ने कोई अपराध नहीं किया है। हालाँकि, NIA ने उसका सारा कच्चा चिट्ठा कोर्ट के सामने रख दिया।

NIA ने उसके साथ 2 और आतंकी आदिल खान और सैयद मामूर अली पकड़े थे। बाद में अगस्त, 2023 में उनका एक और साथी मोहम्मद काशिफ खान पकड़ा गया था। NIA ने अपनी जाँच में पाया कि यह सभी 2020 के कोविड लॉकडाउन के दौरान जाकिर नाइक को देखते थे। इसके बाद इन्होने जिहाद और ISIS के आतंक के बाद बारे में पढ़ना चालू किया। इन चारों ने यह ठान लिया कि भारत में दुनिया में शरीयत का राज और इस्लामी कानून लाना है। इन लोगों ने हिन्दुओं को इस्लाम में धर्मांतरित होने के लिए भी उकसाया।

इसके अलावा यह चारों अपनी ISIS वाली विचारधारा के प्रसार के लिए एक मस्जिद के बाहर पर्चे भी बाँटते रहे। उन्होंने ISIS और अल कायदा के झंडे वाले पर्चे भी बाँटे। इसके अलावा इन्होने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जिसमें हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया जाता था। इसमें ISIS से सम्बन्धित सामग्री शेयर होती थी। पूरी तरह से आतंकी सोच में पड़ने के बाद इन चारों ने आतंक के जरिए भारत में इस्लामी राज कायम करने का प्लान बनाया। इस काम के लिए हथियार जुटाने को उन्होंने जबलपुर हथियार फैक्ट्री पर हमले की योजना बनाई थी।

इन चारों का प्लान था कि यह जबलपुर फैक्ट्री में ब्लास्ट करेंगे और वहाँ से बड़ी मात्रा में हथियार लूटेंगे। इसके लिए उन्होंने विस्फोटक भी जुटाने चालू कर दिए थे। इस मामले में NIA ने घटना से पहले ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया था और इनके मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर दिया।

1 comment:

भारत का बंदा said...

मध्य प्रदेश न्यायालय ने वही निर्णय दिया है जिससे पता चलता है कि अभी न्यायाधीश देश के लिए समर्पित हो रहे हैं