रामभक्तों के सदियों के आंदोलन के बाद अयोध्या में बना राम मंदिर जून, 2025 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। राम मंदिर का निर्माण हिन्दू समाज के सहयोग से हुआ है और इसमें सरकार से कोई मदद नहीं ली गई है। मंदिर ने इसके बावजूद सैकड़ों करोड़ का टैक्स भी सरकार को जमा किया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक बैठक में महामंत्री चम्पत राय ने कई जानकारी दी हैं। उन्होंने बताया है कि मंदिर निर्माण का 96% काम पूरा हो चुका है। यह जून, 2025 तक पूरा होगा। मंदिर की दीवाल का काम 60% पूरा हो चुका है। इसके भी जल्द पूरा किए जाने की आशा है।
चम्पत राय ने जानकारी दी है कि मंदिर निर्माण के लिए अब तक 2150 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं। यह पैसा हिन्दुओं ने जमा किया है। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के लिए आगे लगने वाली लागत भी इसी फंड से लगाई जाएगी। राम मंदिर ट्रस्ट को हिन्दुओं ने निर्माण के लिए 3500 करोड़ रूपए से अधिक दान में दिए थे।
मंदिर निर्माण के लिए राज्य या केंद्र सरकार से कोई भी आर्थिक सहायता नहीं ली गई है। सरकार ने सांकेतिक रूप से मंदिर निर्माण के लिए 1 रूपया दिया था। यहाँ तक कि जन्मभूमि क्षेत्र के भीतर जो निर्माण कार्य सरकारी एजेंसियाँ कर रही हैं, उसका भी पैसा मंदिर ट्रस्ट ही दे रहा है।
मंदिर क्षेत्र में रामकथा संग्रहालय, विश्रामगृह और तीन प्रवेश द्वार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश भवन निर्माण निगम को ट्रस्ट ने 200 करोड़ रूपए का भुगतान किया है। राम मंदिर निर्माण से हिन्दुओं का सदियों की प्रतीक्षा तो पूरी हुई ही है, सरकार के खजाने को भी मोटा फायदा हुआ है।
ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय के अनुसार, अभी तक वह 396 करोड़ रूपए का टैक्स सरकार को अलग-अलग मदों में दे चुके हैं। इसमें GST से लेकर स्टाम्प ड्यूटी तक शामिल है।
चम्पत राय ने बताया है कि 272 करोड़ रूपए GST, 39 करोड़ रूपए TDS, 5 करोड़ रूपए अयोध्या विकास प्राधिकरण को नक्शे पास के लिए, 29 करोड़ रूपए जमीन खरीद पर स्टांप ड्यूटी, 14 करोड़ रूपए लेबर सेस, 7.4 करोड़ रूपए ESIC, 4 करोड़ रूपए बीमा, 10 करोड़ रूपए बिजली बिल और 14.9 करोड़ रुपए अलग-अलग राज्यों को रॉयल्टी के रूप में दिए गए हैं।
राम मंदिर में श्रद्धालु दान भी खूब कर रहे हैं। श्रद्धालु राम मंदिर को 944 किलोग्राम चाँदी भेंट कर चुके हैं। ट्रस्ट इन्हें चाँदी की ईंटों के रूप में बदल कर जमा कर रहा है। सोने के भी काफी आभूषण प्राप्त हुए हैं। श्रद्धालुओं ने मंदिर में मुकुट, कुंडल एवं बाकी कई आभूषण दिए हैं।
अयोध्या में राम मंदिर बनाने का निर्णय 9 नवम्बर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट का गठन किया था। राम मंदिर का नींव पूजन 5 अगस्त, 2020 को हुआ था। इसके बाद मंदिर बना चालू हुआ। 22 जनवरी, 2024 को मंदिर में श्रीराम की बाल प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।
राम मंदिर द्वारा करोडो रूपए का टैक्स देने पर हिन्दुओं में चर्चा जोरों पर शुरू हो चुकी है कि दिल्ली की जामा मस्जिद और निजामुद्दीन दरगाह और अजमेर में चिश्ती की मजार पर आने वाले चढ़ावे पर कब टैक्स वसूला जाएगा? आखिर एकतरफा कानून कब तक?
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