कनाडा के पूर्व पीएम ट्रूडो और खालिस्तानी जगमीत सिंह का फाइल फोटो
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने सोमवार को संघीय चुनाव में जीत हासिल की है। वहीं पियरे पोलिएवरे की कंजर्वेटिव पार्टी ने हार स्वीकार कर ली है। चुनाव के नतीजों से सबसे बड़ी बात ये रही कि लिबरल पार्टी जो कुछ महीने पहले तक प्रधानमंत्री रहे जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में भारी हार का सामना कर रही थी, उसने जीत हासिल की है।
इस चुनाव में खालिस्तानी नेता जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी को करारी शिकस्त मिली है। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह भी खुद ब्रिटिश कोलंबिया के बर्नाबी सेंट्रल से चुनाव हार गया है। इतना ही नहीं उसकी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का नेशनल पार्टी का दर्जा भी छिन गया है। राष्ट्रीय पार्टी के लिए कम से कम 12 सीटों की जरूरत थी लेकिन उसे सिर्फ 7 सीटें हासिल हुई हैं। करारी हार का जिम्मा उठाते हुए जगमीत सिंह ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। जगमीत सिंह पिछले 8 सालों से पार्टी प्रमुख था।
हार स्वीकार करते हुए जगमीत सिंह ने कहा, ” मैं निराश हूँ कि हम ज्यादा सीटें नहीं जीत सके लेकिन हमारी पार्टी को लेकर मैं आशावादी हूँ।“
Breaking news: Canadian Prime Minister Mark Carney’s Liberals won a federal election Monday, the country’s public broadcaster, the CBC, projected, a comeback that was fueled in part by President Trump’s tariff policies and attacks on Canada. https://t.co/mSD3Rcns1W
— The Washington Post (@washingtonpost) April 29, 2025
हालाँकि जगमीत सिंह की पार्टी की करारी हार को कनाडा में खालिस्तानियों को करारा झटका के तौर पर देखा जा रहा है। उसकी हार से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक और व्यापारिक संबंधों को फिर से स्थापित करने में मदद मिलेगी। हाल के वर्षों में जगमीत सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की गठजोड़ ने भारत के साथ कूटनीतिक रिश्ते खराब किए। इनलोगों ने आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप भी लगाया। यही नहीं प्रधानमंत्री ट्रूडो ने 2020 में भारत में किसान आंदोलन के पक्ष में बयान दिया था। ऐसा करने वाले वो दुनिया के एकमात्र नेता थे। भारत ने ट्रूडो प्रशासन पर खालिस्तानियों के प्रति नरम रूख अपनाने का आरोप भी लगाया था। अब नए हालात में भारत-कनाडा के रिश्ते में सुधार हो सकता है। पीएम मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को जीत की बधाई दी है।
कनाडा चुनाव के नतीजों को ट्रंप की नीतियों से प्रभावित भी माना जा रहा है। देश के पब्लिक ब्रॉडकास्टर सीबीसी के मुताबिक लिबरल पार्टी की यह वापसी राष्ट्रपति ट्रम्प की टैरिफ नीतियों और कनाडा पर हमलों के कारण हुई है क्योंकि कुछ दिनों पहले तक पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में पार्टी भारी हार का सामना कर रही थी। अपने विजय भाषण में भी कार्नी ने अमेरिका की आलोचना की है।
उन्होंने कहा, ” हम अमेरिकी विश्वासघात के सदमे से उबर चुके हैं, लेकिन हमें सबक कभी नहीं भूलना चाहिए। जैसा कि मैं महीनों से चेतावनी दे रहा हूं, अमेरिका हमारी जमीन, हमारे संसाधन, हमारा पानी, हमारा देश चाहता है। ये बेकार की धमकियाँ नहीं हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अमेरिका हम पर कब्ज़ा कर सके। ऐसा कभी नहीं होगा। लेकिन हमें इस वास्तविकता को भी पहचानना चाहिए कि हमारी दुनिया मौलिक रूप से बदल गई है।”
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