शास्त्री जी के बाद मोदी राज में गद्दारों को पकड़ने का काम प्रगति पर; असम पुलिस ने 81 गद्दारों को गिरफ्तार किया तो पंजाब के तरनतारन से पाकिस्तानी जासूस गगनदीप सिंह गिरफ्तार, मोबाइल में भरे थे ISI अधिकारियों के नंबर: जाँच में खुलासा- ऑपरेशन सिंदूर की दे रहा था जानकारी

असम मुख्यमंत्री हिमंत सरमा 
आज भारत में 1965 के बाद गद्दारों को पकड़ने का जो काम चल रहा है उससे पाकिस्तान से कहीं ज्यादा INDI गठबंधन दुखी है। इनके कार्यकाल में आतंकियों को प्रधानमंत्री आवास में स्वागत कर बिरयानी खिलाई जाती थी और आज मिलती है गोली/गोला। दूसरे घुसपैठियों को देश से निकालना यानि इनके वोटबैंक और आन्दोलनजीवियों के आंदोलनों में भीड़ लगाने वालों को ख़त्म करना। देश के गद्दारों को पकड़ने का काम तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बाद वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज में हो रहा है। शास्त्रीजी के कार्यकाल में कई ऐसे भी धुरंधर पकडे गए थे, जिनका आज भी बड़े सम्मान के नाम लिया जाता है। उनकी रहस्यमयी मृत्यु का संभव है यह भी एक कारण हो। क्योकि उनके देहांत के बाद सभी दोषमुक्त हो गए। एक और समानता दोनों प्रधानमंत्रियों में जो देखने को मिलती है वह है तीनो सेनाओं को खुली छूट देना। जो किसी अन्य प्रधानमंत्री ने नहीं किया।   

कांग्रेस समेत सारा विपक्ष तीन मुद्दों पर चीख-चिल्ला रहा है। एक, हमारे कितने राफेल दुश्मन ने गिराए; दो, PoK क्यों नहीं लिया और तीसरे संसद का विशेष सत्र बुलाकर जानकारी दे सरकार। इन अक्ल से पैदल लोगों को कौन समझाए कि Operation Sindoor ख़त्म नहीं स्थगित हुआ है यानि लड़ाई अभी चालू है और मेरी जानकारी के अनुसार लड़ाई के दौरान कभी न ये जानकारियां साझा की जाती है और न ही संसद का विशेष सत्र बुलाया जाता है। 

INDI गठबंधन की इस तरह की मांग को लेकर जो जनता को भ्रमित किया जा रहा है उससे साफ जाहिर है कि चर्चा के दौरान इतनी उत्तेजना सदन में पैदा कर दो जिससे सरकार कोई ऐसी बात बोल दे जिससे हमारा दुश्मन सतर्क हो जाए। क्योकि जो INDI गठबंधन के तथाकथित नेता बोल रहे हैं वही पाकिस्तान मीडिया में सुर्खियां बन रहा बल्कि पाकिस्तान अपने डोसियर में भी उसका इस्तेमाल कर रहा है। 

जहाँ तक PoK की बात है 1971 के युद्ध में पाकिस्तान फौज के 93000 सैनिक आत्मसमर्पण करते हैं, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी शिमला समझौते के दौरान पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री उन्हें साथ ले जाते हैं और इंदिरा गाँधी बदले में न PoK लेती है बल्कि जीती हुई जमीन भी वापस दे देती है।         

पंजाब के तरनतारन जिले से पाकिस्तानी जासूस गगनदीप सिंह उर्फ गगन को गिरफ्तार किया गया है। गगन ISI के इशारों पर काम कर रहा था। उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी भी लीक की थी।

मंगलवार (03 मई 2025) को पंजाब की काउंटर इंटेलिजेंस (CI) विंग ने गगनदीप सिंह को साजिश के तहत पकड़ा। आरोप है कि वह पिछले 5 साल से पाकिस्तान के खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह चावला से संबंध में था। पुलिस ने गगन के पास से मोबाइल फोन बरामद किया है, इसमे 20 ISI नंबर मिले हैं। वह ISI से सीधे संपर्क में था और संवेदनशील जानकारी साझा करने के बदले पैसे भी लेता था।

पंजाब DGP गौरव यादव ने बताया कि गगनदीप सिंह तरनतारन जिले स्थित गली नजर सिंह वाली के मोहल्ला रोदुपुर का रहने वाला है। गगन के खिलाफ तरनतारन के पुलिस स्टेशन सिटी में गोपनीयता अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

असम पुलिस ने 81 गद्दारों को गिरफ्तार किया 

उधर,  जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद से देश भर से राष्ट्र विरोधी लोगों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में असम में अब दो और पाकिस्तान समर्थक को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही अब प्रद पूरे प्रदेश में 81 गिरफ्तारी की जा चुकी है।

इसकी जानकारी खुद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दी। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, “सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी पोस्टों पर नजर रख रही है और कार्रवाई हो रही है।”

सीएम ने बताया कि 01 जून 2025 तक 81 राष्ट्र विरोधी लोग सलाखों के पीछे भेजे जा चुके हैं। हाल ही में शोणितपुर से मोहम्मद दिलबर हुसैन और कामरूप से हाफिजुर रहमान को गिरफ्तार किया गया है।

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