मलयाली समाज को शायद नहीं मालूम कि पहलगाम में धर्म पूछकर हिन्दू महिलाओं का सिन्दूर उजाड़ने के बाद सरकार ने #Operation Sindoor शुरू कर हिन्दुओं में एक और मुद्दे को जन्म दे दिया है, जिस पर हिन्दू समाज में चर्चा चल रही है कि जम्मू-कश्मीर में मन्दिरों के दर्शन करने के अलावा कश्मीर में किसी अन्य स्थान पर पर्यटन के लिए जब तक नहीं जाए जब तक वहाँ कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास नहीं हो जाता और कश्मीरियों द्वारा आतंकियों को संरक्षण देना बंद नहीं किया जाता।
दुनियाभर के मलयाली प्रवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन, वर्ल्ड मलयाली काउंसिल (WMC) ने 28-29 जून 2025 को अजरबैजान के बाकू में सम्मेलन की घोषणा की है। डब्लूएमसी के इस फैसले की कई संगठन ने आलोचना की है।
दरअसल मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजरबैजान उन तीन देशों में शामिल है जिसने पाकिस्तान का समर्थन किया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था।
वर्ल्ड मलयाली काउंसिल के इस आयोजन का प्रचार वेबसाइट पर हो रहा है। ‘रोमांचक WMC वैश्विक सम्मेलन पैकेज’ में आलीशान होटल में ठहरना, निर्देशित शहर में घूमना, दैनिक नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना, हवाई अड्डा स्थानांतरण, ई वीज़ा, फेलोशिप के साथ भव्य रात्रिभोज, फाउंटेन स्क्वायर, अग्नि मंदिर, धधकते पहाड़, बुलेवार्ड वॉकिंग टूर, ओल्ड बाकू वॉकिंग टूर आदि जैसे प्रतिष्ठित स्थलों पर दर्शनीय स्थल, डीजे पार्टी, अरबी और पश्चिमी नृत्य शामिल हैं। मूल रूप से यह किसी सम्मेलन का नहीं, बल्कि अजरबैजान के लिए एक टूर पैकेज का प्रचार-प्रसार जैसा लगता है।
22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, अजरबैजान ने पाकिस्तान का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया था और ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के जवाबी कार्रवाई की निंदा की थी। अजरबैजान ने पाकिस्तान के साथ एकजुटता दिखाई थी। बताया जाता है कि उसने पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराए। अजरबैजान के रुख के चलते भारतीयों ने तुर्की के साथ-साथ अजरबैजान का भी बहिष्कार किया। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बड़ी संख्या में तुर्की में बने हथियारों का भी इस्तेमाल किया, जिसमें ड्रोन भी शामिल हैं।
इसके बावजूद, WMC बाकू में सम्मेलन कर अजरबैजान के पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। दुनिया भर के मलयाली लोगों से ‘अजरबैजान की यात्रा करने और अनुभव शेयर करने’ को कहा गया है। इससे WMC का भारत में विरोध शुरू हो गया है। आलोचकों का कहना है कि WMC अजरबैजान में पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, जबकि भारतीय पाकिस्तान का समर्थन करने की वजह से उसका बहिष्कार कर रहे हैं। इसका असर वहाँ की अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खास तौर पर एक्स पर लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी है। एक यूजर ने अपने पोस्ट में WMC के फैसले को ‘शर्मनाक’ बताया, समूह पर ‘भारत विरोधी राष्ट्र’ के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया और कार्यक्रम के बहिष्कार की अपील की।
Shame on World Malayalee Council for hosting the 2025 meet in Azerbaijan — a Pakistan ally & anti-India state. NRIs and foreign Malayalees should be ashamed of themselves for betraying their motherland. This isn't global unity — it's betrayal. #BoycottBaku2025 #AntiIndiaEvent https://t.co/2C2y6RpuOX
— JhunJhun (@junjunjitweets) June 8, 2025
एक अन्य यूजर्स द राइटवेव ने लिखा कि अजरबैजान की विदेश नीति हमेशा पाकिस्तान के पक्ष में रही है, चाहे वह कश्मीर मुद्दा हो या आतंकवाद का मुद्दा। यूजर्स को शक है कि पाकिस्तान अपनी कूटनीतिक सफलता के लिए मलयाली लोगों का इस्तेमाल कर रहा है।
ലോക മലയാളി അസോസിയേഷൻ അസർബൈജനിൽ അവരുടെ കോൺഫറൻസ് നടത്താൻ പോകുന്നു. ഈ മാസം 27 മുതൽ 30 വരെയാണ് പരിപാടി. അസർബെയ്ജാൻ വിദേശനയം എന്നും പാകിസ്ഥാന് അനുകൂലമായി എഴുതപ്പെട്ടതാണ്. കശ്മീർ വിഷയത്തിൽ ആയാലും തീവ്രവാദ വിഷയത്തിൽ ആയാലും അവർ എന്നും പാകിസ്ഥാനെ പിന്തുണയ്ച്ചിട്ടെ ഉള്ളൂ.
— The Rightwave (@rightwaveindia) June 8, 2025
CUBAA ക്ക്… pic.twitter.com/1SzypE7rik
हालाँकि आयोजकों द्वारा यह तर्क दिया गया है कि अजरबैजान में सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय जनता की राय को प्रभावित कर सकता है और भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने वाले अजरबैजान को ‘सुधार’ सकता है।
Shri Pinarayi Vijayan , the Honorable Chief Minister of Kerala, Chief guest for the inauguration of the
— World Malayalee Council - Global (@wmcglobal1) July 25, 2024
14th Biennial Global Conference, World Malayalee Council -
The inauguration ceremony to take place on 2nd August at 5:30 PM at Hyatt Regency Trivandrum
Kerala Tourism Kerala pic.twitter.com/Y1xwIVzF1a
मलयाली समुदाय के भीतर डब्ल्यूएमसी का प्रभाव काफी है। अगस्त 2024 में इसके एक कार्यक्रम में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद रहे। सीएम तिरुवनंतपुरम में विश्व मलयाली परिषद के 14वें द्विवार्षिक वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।
इससे पहले केरल के कोचीन यूनिवर्सिटी बी.टेक एलुमनाई एसोसिएशन (CUBAA) ने पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी को आमंत्रित किया था। 25 मई, 2025 को दुबई में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसकी जमकर आलोचना हुई थी। भारत विरोधी टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले अफरीदी ने पहलगाम हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों की आलोचना की थी, उन्हें “अक्षम” कहा था और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की “जीत” का जश्न मनाने के लिए एक कार रैली का नेतृत्व किया था।
CUBAA के अध्यक्ष ने हालाँकि बाद में विरोध को देखते हुए माफी मांगी। उन्होने दावा किया कि अफरीदी की मौजूदगी की जानकारी पहले से उन्हें नहीं थी।
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