पाकिस्तान के विरुद्ध आतंकवाद को लेकर चल रहे विवाद में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के शशि थरूर, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी की है। ओवैसी का विरोधी होने के बावजूद इस प्रकरण में उनकी प्रशंसा करता हूँ। उनका कहना कि लड़ाई मोदी से हो या बीजेपी सरकार से ये तो चलती रहेगी, लेकिन जब बात देश की हो सबको एकजुट होना चाहिए। लेकिन राहुल और इसके पिछलग्गू विपक्ष को इन लोगों से सीखना चाहिए, परन्तु ये वही बोली बोल रहे है जो दुश्मन मुल्क पाकिस्तान चाहता है।
हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अल्जीरिया में पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को बेनकाब किया। असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (31 मई 2025) को आतंकवादी जकीउर रहमान लखवी का उदाहरण दिया, जो पाकिस्तान की जेल में रहते हुए बेटे का अब्बू बना।
ओवैसी के इस बयान को हलके में लेना महामूर्खता होगी। जेल में रहते आतंकवादी का अब्बा बनना बहुत कुछ जाहिर कर रहा है। ओवैसी के इस बयान से जाहिर है कि पाकिस्तान सरकार और फ़ौज के संरक्षण में पल रहे आतंकियों की औरतें तक सुरक्षित नहीं। जो चाहे किसी भी आतंकवादी के घर की किसी भी औरत का जब चाहे कुछ भी कर सकता है।
#WATCH | Algiers, Algeria | AIMIM chief and MP Asaduddin Owaisi says, "There was this one terrorist called Zakiur Rehman Lakhvi - no country in the world would allow a terrorist who's facing a terror charge. He became a father to a son while sitting in prison. The trial… pic.twitter.com/Gd5whrzW13
— ANI (@ANI) May 31, 2025
ओवैसी ने कहा कि दुनिया का कोई देश आतंकवादियों को ऐसी छूट नहीं देता, लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है। उन्होंने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डालना जरूरी है, ताकि आतंकवादी घटनाएँ कम हों।
ओवैसी सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अल्जीरिया में हैं, जो दुनिया भर में पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक नीतियों को उजागर कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की रणनीति दक्षिण एशिया में अस्थिरता पैदा करती है। ओवैसी ने पाकिस्तान को ‘भिखमंगा देश’ करार देते हुए उसके आतंकवाद में संलिप्तता पर सवाल उठाए।
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