दाऊद इब्राहिम के राइट हैंड की गिरफ़्तारी से निकला कांग्रेस कनेक्शन

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कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों के साथ आज पूरे देश में ये कथन सत्य होता दिख रहा है. कांग्रेस के नेता मणिशंकर ऐय्यर पाकिस्तान में जाकर भारत की नीतियों पर सवाल खड़ा किया था और कहा था कि पाकिस्तान में भारत से ज्यादा प्यार मिलता है. यही नहीं कांग्रेस के एक और नेता ने पिछले साल बेहूदा बयान दिया था कि अगर हमारी सरकार होती तो आतंकी बुरहान वानी आज ज़िंदा होता.

दावूद इब्राहिम के राइट के पीछे कांग्रेसी कनेक्शन का खुलासा

यही नहीं खुद एयर चीफ मार्शल ने मुंबई बम धमाकों पर खुलासा किया था कि हम सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान पर करने जा रहे थे लेकिन कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीती के चलते इजाज़त नहीं दी थी. तो वहीँ अब एक बार फिर दावूद इब्राहिम का राइट हैंड फारूक टकला की गिरफ़्तारी के बाद बड़ा कांग्रेसी कनेक्शन का खुलास हुआ है जिसे देख आप दंग रह जायेंगे.
अभी मिल रही बहुत बड़ी सनसनीखेज़ खबर आ रही है तीस सालों तक अंडरवर्ल्ड दाऊद इब्राहिम के वफादार रहे फारूक टकला को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. बता दें कल ही दावूद इब्राहिम के राइट हैंड मोस्ट वांटेड आतंकवादी1993 बम धमाके का दोषी फारूक टकला को गिरफ्तार किया. ये साल 1995 से फरार चल रहा था रेडकॉर्नर नोटिस के बाद भी भारत की पकड़ से कैसे बचता फिर रहा था ये खुलासे वाली बात आपको झकझोर के रख देगी.
2011 में कांग्रेस सरकार ने 24 घंटे में जारी हुआ आतंक का नया पासपोर्ट
एबीपी ,CNNNEWS18 के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेड कॉर्नर नोटिस के बावजूद साल 2011 में यूपीए सरकार ने टकला का पासपोर्ट 24 घंटे के भीतर रिन्यू किया. जब फारूक टकला का पासपोर्ट रिन्यू किया गया उस वक्त एसएम कृष्णा विदेश मंत्री और पी चिदंबरम गृह मंत्री थे. आपको याद दिला दें पीएनबी बैंक घोटाले के वक़्त भी पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
कांग्रेस सरकार ने कई साल तक बताया कि फारूक टकला बम धमाके के बाद पाकिस्तान भाग गया था और फिर वहां से वो दुबई फरार हो गया है. कई बार भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों ने उसे पकड़ने के प्रयास किये लेकिन वे सभी नाकामयाब रहे क्यूंकि कोई अंदरूनी तौर पर मदद कर रहा था.
यही नहीं आप जानकार दंग रह जायेंगे कि फारूक टकला ने दुबई में रहते हुए पासपोर्ट रिन्यू करने के लिए 7 फरवरी 2011 को आवेदन किया था और अगले ही दिन उसका अचानक से पासपोर्ट रिन्यू कर दिया गया. साल 1993 के मुंबई ब्लास्ट केस में टकला के खिलाफ 1995 से इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.
अजित डोवाल ने दुबई इंटेलिजेंस के साथ मिलकर पकड़वाया
इस बम धमाके में 257 लोग मारे गए थे और 715 घायल हो गए थे. फारूक टकला को कल ही गिरफ्तार किया गया और करीब 25 साल बाद उसे भारत लाया जा सका है वो भी तब जब खुद पीएम मोदी के सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल दुबई ख़ुफ़िया एजेंसियों के संपर्क में आये, मीटिंग करी.
आमतौर पर 6 महीने लगते है फिर सरकारी काम एक दिन में कैसे?
वकील उज्जवल निकम ने कहा कि जब हमारे देश का कोई मुजरिम गंभीर गुनाह करता है और देश छोड़ कर भाग जाता है. तब रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है. ऐसे मुजरिमों को पकड़ने में इंटरपोल भी मदद करता है. अगर एक दिन में टकला का पासपोर्ट रिन्यू होता है तो ये चिंता करने वाली बात है. पुलिस इन्क्वायरी होती है, और भी काम होते हैं जो एक दिन में नहीं हो सकते. मेरे अपने पासपोर्ट को रिन्यू कराने में मुझे 6 महीने लग गए थे.
एक से दो महीने का वक़्त ऑनलाइन में लग जाता है
अब ये सोचने वाली बात है जब पहले से ही रेड कार्नर नोटिस मोस्टवांटेड आतंकवादी के खिलाफ जारी था तो कांग्रेस ने क्यों उसे एक्सटेंशन दिया. इससे भी बड़ी गंभीर और सोचने वाली बड़ी बात ये है कि अगर आम आदमी सबसे तेज़ तरीके से ऑनलाइन से भी अपने पासपोर्ट को रीन्यू करवाता है फिर भी एक से दो महीने का वक़्त लग जाता है तो आतंकवादी टकला का पासपोर्ट एक दिन में रीन्यू कैसे हो गया?
आपको बता दें जब भी किसी आतंकवादी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी होता है तो पासपोर्ट ऑफिस में उसका नाम, नंबर सब कुछ लिस्ट में दर्ज कर लिया जाता है. ऐसे में जब कभी भी आतंकी का नाम उस लिस्ट में मैच होता है तो तुरंत पता चल जाता है. ऐसे में बिना बैकग्राउंड चेक किये बगैर आतंकी टकला का पासपोर्ट एक दिन में रीन्यू होना एक बड़ी साज़िश की और इशारा करता है.
बिना किसी ऊपरी सरकारी दबाव के होना बिलकुल असंभव
ये कोई पासपोर्ट ऑफिस की लापरवाही नहीं है जैसा की कांग्रेस कह रही है, ये बिना किसी ऊपरी सरकारी दबाव के होना बिलकुल असंभव है. गृह मंत्रालय पी चिदंबरम के पास था. नीरव मोदी के पीएनबी बैंक घोटाले में भी कर्मचारी ने खुलासा किया था कि वित्त मंत्रालय का दबाव था. यही गृह मंत्रालय ने इशरत जहाँ को मासूम बताया था जो की लश्कर इ तैय्यबा की एक आतंकी हमलावर थी जो अपने शरीर में बम बांधकर उड़ाने वाली थी जिसका टारगेट उस वक़्त के गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी थे.
मोहम्मद फारुक यासीन मंसूर उर्फ फारूक टकला (57) की गिरफ्तारी के बाद उसे दिल्ली स्थिति सीबीआई हेडक्वार्टर लाया गया. जिसके बाद उसे पेशी के लिए मुंबई लाया गया. सीबीआई की ओर से वकील दीपक साल्वी ने कोर्ट को बताया कि टकला की मुंबई बम धमाकों में अहम भूमिका थी और वो बम धमाके की साज़िश में दाऊद के साथ शामिल था.अब फारूक से पूछताछ की जाएगी और दाऊद इब्राहिम के बारे में कई अहम जानकारियां और खुलासे होने की उम्मीद है.
सीबीआई के अनुसार धमाकों से पहले दुबई में धमाकों की साजिश रचने के लिए जो मीटिंग हुई थी उसमें टकला शामिल था. सीबीआई के अनुसार इस मीटिंग के बाद पाकिस्तान ट्रेनिंग के लिए भेजे गए बम कांड के गुनाहगारों के रहने, खाने से लेकर आने-जाने का सारा इंतजाम फारुक टकला ने ही किया था.
दाऊद का दाहिना हाथ
फारूक को दाऊद का दाहिना हाथ माना जाता है. वो पिछले 25 सालों से दुबई और दूसरे देशों में दाऊद का काम संभाल रहा था और वहां बड़े बिजनेसमैन के तौर पर जाना जाता था. बम धमाकों के बाद से फारूक डी गैंग का काम देखता था. फारूक ने ही ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान जा रहे आतंकियों को बिना इमिग्रेशन (पासपोर्ट पर ठप्पा) पाकिस्तान में दाखिल किया और वहां से दुबई भेजा. इसके लिए आईएसआई ने मदद की थी.(साभार)

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