
एनजीओ के नाम पर ईसाई धर्मांतरण
केजरीवाल के मुख्यमन्त्री बनने के बाद जिन ईसाई एनजीओ की गतिविधियां बढ़ी हैं उनमें दक्षिणी दिल्ली का सेंट पॉल नाम से एक चैरिटी संगठन है। ये एनजीओ दक्षिणी दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में बड़े पैमाने पर सक्रिय है। हमारे सूत्र ने बताया कि ऐसे तमाम एनजीओ झुग्गियों में जाकर गरीब परिवारों को अपनी स्कीम समझाते हैं। इसके तहत उन्हें हर महीने परिवार के प्रति सदस्य के हिसाब से कुछ रकम का वादा किया जाता है। बदले में शर्त यह रहती है कि वो परिवार अपने घरों से हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें और मूर्तियां निकाल देगा। होली-दिवाली जैसे हिंदू त्यौहार मनाना बंद कर देगा और हर रविवार आसपास के किसी चर्च में होने वाली प्रार्थना में हिस्सा लेगा। ऐसी ज्यादातर गतिविधियां बेहद चोरी-छिपे और चर्च की तरफ से नियुक्त एजेंटों के जरिए की जाती हैं।
मिशनरी की गतिविधियां 2 साल में बढ़ीं
केजरीवाल सरकार बनने के बाद दिल्ली में चंगाई सभाएं (अंधविश्वास से इलाज), धर्मांतरण कैंप और बाइबिल वितरण जैसे कार्यक्रमों की संख्या बढ़ी है। यहां तक कि प्रगति मैदान में होने वाले विश्व पुस्तक मेले में भी दो साल से ईसाई मिशनरियां स्टॉल लगा रही हैं। ये लोग स्टॉल के बाहर भी पुस्तक मेले में हर आने-जाने वाले को बाइबिल और ईसाई धर्म की दूसरी प्रचार सामग्री मुफ्त में बांटते हैं। पिछले साल दिल्ली के विकासपुरी में हुए धर्मांतरण का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें झुग्गियों में रहने वाले दलित समुदाय के लड़कों को लुभाने के लिए विदेशी लड़कियां लाई गई थीं। इन लड़कियों से दलित लड़कों की आवाभगत कराई गई और उन्हें ईसाई बना लिया गया। यह बात सामने आ रही है कि ऐसी तमाम घटनाओं को केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी का समर्थन हासिल है। कई जगहों पर झुग्गियों में मिशनरियों के कार्यक्रम की जगह दिलाने का काम भी केजरीवाल की सिफारिश पर ही हो रहा है।
अवलोकन करें:--
ईसाई धर्म कबूल चुके हैं केजरीवाल!
कुछ लोग ऐसा दावा करते हैं कि अरविंद केजरीवाल निजी तौर पर ईसाई धर्म कबूल चुके हैं। हालांकि उन्होंने कभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की। कुछ साल पहले मशहूर लेखक तारिक फतेह ने भी दावा किया था कि केजरीवाल सिर्फ नाम के हिंदू हैं, वो ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके हैं। उन्होंने ये खुलासा अपने सूत्रों के हवाले से किया था। न्यूजलूज ने जब केजरीवाल के ही एक पुराने करीबी से बात की तो उन्होंने बताया कि केजरीवाल 1992 में टाटा की नौकरी छोड़ने के बाद कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी में चले गए थे। वहां पर वो मदर टेरेसा के संपर्क में आए और इसी दौरान उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। इस बात का जिक्र उस वक्त उन्होंने अपने कुछ करीबी दोस्तों से किया भी था। मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के दिनों में ही केजरीवाल उन लोगों के संपर्क में आए जो भारत में धर्मांतरण के काम में जी-जान से जुटे हैं। केजरीवाल ने भी दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों के बाहर मदर टेरेसा की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगाईं, जबकि ये जनता के टैक्स के पैसे से खोले गए थे।
ईसाई भूत-प्रेत झाड़फूंक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल:
दिल्ली के विकासपुरी में पिछले साल हुए धर्मांतरण कार्यक्रम का वीडियो नीचे देखें:
यहां तक कि दिल्ली मेट्रो के डिब्बों में भी ईसाई मिशनरी के लोगों के प्रचार करते देखा जा सकता है। ऐसा ही एक वीडियो मेट्रो के एक यात्री ने ट्विटर पर पोस्ट किया है:
RT ravibhadoria: एक तरफ मालदा में मुस्लिम भीड़ का उपद्रव, एक तरफ दिल्ली मेट्रो में ईसाई धर्मान्तरण??? Akashtv1 awa… pic.twitter.com/2aYoS8M2JD— Keshav Gupta (@MaiIndian) January 8, 2016
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