

कार्यकारी अध्यक्ष शिव डहरिया का किया विरोध
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर शिव डहरिया को टिकट दिया गया तो वे चुनाव में प्रचार नहीं करेंगे। कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए कि, 'राहुल का फरमान मानना पड़ेगा, पैराशूट प्रत्याशी नहीं चलेगा।' कार्यकर्ताओं ने पुनिया की गाड़ी रोक ली और जमकर नारेबाजी की। हालांकि जमकर हो रही नारेबाजी को पीएल पुनिया ने ये कहकर शांत करने की कोशिश की, कि हर किसी को पार्टी में अपनी बातें कहने का हक है। सभी की बातों को सुनकर ही पार्टी अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रही है।
बड़ी मुश्किल से निकल पाई पुनिया की गाड़ी
बैनर-तख्ती लेकर सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर जोरदार नारेबाजी की। हंगामा इतना बढ़ गया कि पुनिया की गाड़ी भी आगे नहीं बढ़ पा रही थी। काफी मशक्कत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं से घिरी पुनिया की गाड़ी एयरपोर्ट से बाहर निकल पाई। कार्यकर्ताओं ने रूद्र गुरू का समर्थन करते हुए उन्हें ही टिकट देने की मांग की है अगर डहरिया को टिकट दिया गया तो पार्टी के अंदर बगावत हो सकता है। हंगामे के वक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और शिव डहरिया भी मौजूद थे।
इस बार कार्यकर्ता चुन रहे BJP के प्रत्याशी
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए हर तरीका अपना रहे हैं. पिछले कई साल से राज्य की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर वापसी की तैयारी में है.बीजेपी में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही उम्मीदवारों का ऐलान भी किया जाएगा. बताया जा रहा है कि बीजेपी ने इस बार उम्मीदवारों के चयन का नया तरीका अपनाया है, संगठन के अंदर ही कार्यकर्ताओं द्वारा पर्चियां डलवाई जा रही हैं और उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BJP की तरफ से वहां पर पर्यवेक्षक गए हुए हैं, जो इन पर्चियों की गिनती करेंगे जिसे वोट के तौर पर माना जाएगा. अब इन मतपेटियों को राज्य के बीजेपी कार्यालय में लाया गया है, जहां इनकी गिनती होगी.
इस बार सरकार के खिलाफ एंटीइंकम्बेंसी की बात कही जा रही है. यही कारण है कि पार्टी उम्मीदवारों का चयन काफी सोच समझकर कर रही है. इसी बीच ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि जिन विधायकों के खिलाफ जनता में गुस्सा है, उनका टिकट भी काटा जा सकता है.
छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.
2013 चुनाव में क्या थे नतीजे…
2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं.
2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई. रमन सिंह 2003 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल
3 बड़े राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. चुनाव आयोग ने पिछले दिनों पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी.
अवलोकन करें:--
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए 12 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. मध्य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को चुनाव होंगे. वहीं, राजस्थान और तेलंगाना में एक साथ 7 दिसंबर को वोटिंग होगी.
पांचों राज्यों के लिए 11 दिसंबर को मतगणना होगी और इसी दिन रिजल्ट जारी किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें, मध्य प्रदेश में 230, मिजोरम में 40, राजस्थान में 200, तेलंगाना में 119 सीटों पर चुनाव होने हैं.
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