
किसका होगा राजस्थान ?
राजस्थान कौन जीत रहा है। इसका जवाब ये है कि सर्वे के मुताबिक कांग्रेस आसानी से सरकार बनाती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ रही है, कांग्रेस को 115-120 सीटें मिल रही हैं जबकि पिछली बार केवल 21 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। यानि कांग्रेस को करीब 94 सीटों का इजाफा हो रहा है। लेकिन राजस्थान से बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है। वसुंधरा राजे सिंधिया की करारी हार होती नजर आ रही है। बीजेपी को सिर्फ 70 से 80 सीटें मिल रही हैं जबकि पिछली बार 163 सीटों के साथ सरकार बनाई थी। यानि करीब 88 सीटों का सीधे सीधे नुकसान हो रहा है।
जनमत, मुद्दे और राजस्थान
इसके साथ ही हम ये बताने की बताने की कोशिश करेंगे कि वहां कौन से मुद्दे हावी है। इसमें से भ्रष्टाचार, राफेल, सत्ताविरोधी लहर और स्थानीय मुद्दे अहम हैं। राजस्थान की सिर्फ 40 प्रतिशत आबादी वसुंधरा राजे सिंधिथा सरकार से खुश है जबकि 43 प्रतिशत सरकार के क्रियाकलाप से नाराज है।
राफेल नहीं बन पा रहा मुद्दा
सर्वे से साफ है कि राजस्थान के चुनाव में राफेल मुद्दा नहीं बन पा रहा है। ये बात अलग है कि कांग्रेस अध्यक्ष इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं। राजस्थान में बेरोजगारी, विकास, महंगाई, मॉब लिंचिंग, एससी एसटी ऐक्ट मुख्य मुद्दे हैं। लोगों का कहना है कि बेरोजगारी के मुद्दे पर मौजूदा सरकार चुनकर आई थी। लेकिन उस दिशा में कदम नहीं उठाए गए। इसके साथ ही राज्य का चहुंमुखी विकास भी नहीं हुआ।
वैसे जब से केन्द्र में मोदी शासित सरकार एससी एसटी ऐक्ट को लाई है, सवर्णों में भाजपा से नाराजगी हो गयी है। हर कोई अपने भविष्य प्रति चिंतित है। अन्य सरकारों की भाँति वर्तमान सरकार भी आरक्षण को अपनी ठाल बना राज्य कर रही है। "सबका साथ सबका विकास" करने वाले क्यों संविधान के अनुरूप काम करते? क्या हमारा संविधान जनता को विभाजित करने की अनुमति देता है? आखिर कब तक आरक्षण और तुष्टिकरण के नाम पर देश की अन्य जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाता रहेगा?
बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा
27 फीसद लोगों के लिये विकास मुख्य मुद्दा है। 35 फीसद लोगों के लिए बेरोजगारी मुख्य मुद्दा है। महंगाई 15 फीसद लोगों के लिए अहम है जबकि मॉब लिंचिंग 10 फीसद लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। एससी-एसटी 6 फीसद लोगों के लिए अहम है जबकि राफेल महज एक फीसद लोगों के लिए पसंदीदा मुद्दा है। लोगों का कहना है कि वसुंधरा राजे सरकार में कहीं न कहीं सांप्रदायिक शक्तियों को बढ़ावा मिला जिसका असर मॉब लिंचिंग के तौर पर देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही एससी एसटी ऐक्ट के मुद्दे पर सरकार की भूमिका लचर दिखाई दी।
मोदी का जादू बरकार
लोगों से ये जानने की कोशिश की गई कि राजस्थान में पीएम मोदी के बारे में लोगों की सोच क्या है। इस सवाल के जवाब में 53 प्रतिशत लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश नजर आए। देश के अगले पीएम के सवाल पर 69 प्रतिशत लोगों ने मोदी को बेहतर बताया जबकि सिर्फ 23 प्रतिशत लोगों की पसंद राहुल गांधी हैं।
चुनाव से पहले अहम सर्वे
CNX ने 8040 लोगों से सवाल पूछा जिसमें पुरुष 4250 और महिला 3790 शामिल हैं। सर्वे 16 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच किया गया था। 2013 में कांग्रेस को 33.07 प्रतिशत वोट मिला था इस बार भारी उछाल सीधे 10.43 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।यानि 43.5 फीसदी वोट कांग्रेस को मिलता हुआ नजर आ रहा है। 2013 में BJP को 45.17 प्रतिशत वोट मिला था इस बार भाजपा 4.8 प्रतिशत वोट का नुकसान झेल रहा है। यानि 40 .37 प्रतिशत वोट भाजपा को मिल रहा है।
दूसरे, वसुंधरा ने आज तक अपने अलावा किसी अन्य को आगे नहीं आने दिया। जिस कारण जनता वसुंधरा से ज्यादा खुश नज़र नहीं आ रही; लेकिन कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रही उठा पटक से असमंजस्य की भावना भी पनप रही है। जिस कारण भाजपा की शायद कम सीटों से संतोष कर सरकार बनानी पड़े। जो भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं है।
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