मुस्लिम संगठन का दावा, अयोध्या में दोबारा बनाएंगे बाबरी मस्जिद, जुटाएंगे 25 लाख लोग

मुस्लिम संगठन का दावा, अयोध्या में दोबारा बनाएंगे बाबरी मस्जिद, जुटाएंगे 25 लाख लोग
एसडीपीआई 6 दिसंबर को दिल्ली में बाबरी मस्जिद के हक में रैली निकालेगी
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग के बीच एक मुस्लिम संगठन ने दोबारा से बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा की है. इतना ही नहीं, इस मुस्लिम संगठन ने अयोध्या में 25 लाख लोगों को जुटाने का दावा किया है. मुस्लिम संगठन ने कहा कि अगर वीएचपी ने आयोध्या में 5 लाख लोग जुटाए हैं तो हम 25 लाख लोग जुटाकर दिखाएंगे. अयोध्या मामले में गर्माते माहौल के बीच मुसलमानों की नुमाइंदगी का दावा करने वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का बड़ा बयान सामने आया है.
एसडीपीआई ने कहा है कि अयोध्या में वो 5 लाख नहीं, बल्कि 25 लाख लोग इकट्ठा कर सकते है. मंगलवार (27 नवंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने ये बात कही. एसडीपीआई ने कहा कि उन्होंने कभी बाबरी मस्जिद पर दावा नहीं छोड़ा. हम दोबारा बाबरी मस्जिद बनाएंगे. उनकी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी. एसडीपीआई 6 दिसंबर को दिल्ली में बाबरी मस्जिद के हक में रैली निकालेगी. 
इस मौके पर एसडीपीआई के नेशनल सेक्रेटरी तस्लीम रहमानी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पीएम राजधर्म का पालन नहीं कर रहे हैं. वो आरएसएस के प्रचारक की तरह बयान दे रहे हैं. अलवर में अदालत पर उठाया गया उनका सवाल इसी बात की तरफ इशारा करता है. तस्लीम रहमानी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि ये बाबरी मस्जिद पर हमारा दावा हमेशा रहेगा, क्योंकि पूर्व पीएम नरसिम्हा राव ने बाबरी मस्जिद को बनाने का वादा किया था. तस्लीम रहमानी ने कहा कि वो 25 लाख लोग अयोध्या में इकट्ठा कर सकते है, लेकिन कानून इसकी इजाजत नहीं देता.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसडीपीआई के जनरल सेक्रेटरी अब्दुल मजीद ने कहा कि वो न सिर्फ बाबरी मस्जिद बनाने की कोशिशों को बढ़ाएंगे, बल्कि उन्होंने मांग रखी कि अयोध्या में रखी गई मूर्तियों को तब तक हटाया जाए, जब-तक ये मामला अदालत में चल रहा है. 
6 दिसम्बर को एसडीपीआई देश की राजधानी दिल्ली में बड़ी रैली करने जा रही है. जो मंडी हाउस से संसद तक जाएगी. एसडीपीआई का दावा है कि इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे. 
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया दक्षिण भारत में लगातार चुनाव लड़ती रही है. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में एसडीपीआई ने चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे. एसडीपीआई को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राजनीतिक इकाई माना जाता है. पीएफआई को झारखंड सरकार ने बैन किया था, बाद में अदालत ने बैन हटा दिया था.
ऐसी स्थिति में देखना यह है कि भाजपा का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, संघ का राष्ट्रीय मुस्लिम मंच एवं इन दोनों संगठनों से जुड़े लोगो के मुस्लिम एनजीओस इसके विरोध में खड़े होते हैं या गुप्त रूप से इसका समर्थन करते हैं। भाजपा और संघ को भले ही वोट न देते हों, लेकिन इनकी गोदी में बैठ मालपुए खाने वालों की यह होगी अग्नि परीक्षा।    

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