शरद पवार ने पिछले दिनों कहा कि गैर-बीजेपी दल सरकार का मुकाबला करने के लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम लायेंगे |
राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘शायद, कॉलेज में लड़े गये और जीते गये चुनाव संसद और (महाराष्ट्र) विधानसभा में चुनावी राजनीति के मेरे 52 साल की बुनियाद थे.’’ शरद पवार और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल श्रीनिवास पाटिल का यहां रविवार को ‘‘पुणे एकेकाली’’ नामक एक कॉफी-टेबल बुक के विमोचन के मौके पर सुधीर गाडगिल साक्षात्कार ले रहे थे.
महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर पर यह बुक आधारित है. इस पर गाडगिल ने पूछा कि क्या वह पुणे से अगले साल आम चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे जहां से उनका लंबा जुड़ाव रहा है. तो उनका जवाब था, ‘‘अब चुनाव नहीं.’’
विपक्षी महागठबंधन
हालांकि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के बीच गठबंधन की चर्चाएं हैं. इसके साथ ही शरद पवार को विपक्षी महागठबंधन के अहम नेताओं में गिना जाता है. इस कड़ी में कुछ दिन पहले शरद पवार ने कहा था कि गैर-बीजेपी दल सरकार का मुकाबला करने के लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम लायेंगे. उन्होंने सीबीआई और आरबीआई जैसे संस्थानों पर ‘हमले’ को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू इस दिशा में पहल करेंगे और कांग्रेस समेत गैर-बीजेपी दलों से बातचीत करेंगे.
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘यदि हम सामूहिक रूप से लोकतंत्र को बचाने के लिए काम करते हैं, तो हम निश्चित रूप से संस्थानों को बचा सकते हैं. चंद्रबाबू नायडू इस संबंध में राज्य के अन्य राजनीतिक नेताओं से बात करेंगे.’ उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि देश में स्थिति दिन प्रतिदिन ‘बिगड़ती’ जा रही है क्योंकि सीबीआई और आरबीआई जैसे संस्थानों पर ‘हमला’ हो रहा है. उन्होंने कहा कि ‘देश और लोकतंत्र को बचाने’ के लिए काम किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नायडू का सुझाव है कि सभी गैर-बीजेपी दलों की बैठक होनी चाहिए और देश में मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि चंद्रबाबू नायडू अगले आम चुनावों में विपक्षी महागठबंधन बनाकर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की कोशिशों में लगे हैं.
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