झारखंड: आजादी के बाद पहली बार इस गांव ने देखा बोरिंग हैंडपंप

झारखंड: आजादी के बाद पहली बार इस गांव ने देखा बोरिंग हैंडपंप, ग्रामीणों में छाई खुशीआजादी के 71 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी हमारे देश में कई गांव ऐसे हैं जहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं पहुंच पाई है. झारखंड के लातेहार जिले में भी जागीर एक ऐसा गांव है जहां लोगों ने पहली बार बोरिंग हैंडपंप देखा. 
नवम्बर 10 को जब इस गांव में बोरिंग करने की गाड़ी पहुंची तो लोगों के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती थी. गांव में तीन हैंडपंप बोरिंग करके लगाया गया और ऐसा इस गांव में पहली बार हुआ है.
गांव के लोगों का कहना है कि रोड की बहुत ही बुरी स्थिति के कारण इस गांव की कनेक्टिविटी खराब है इसलिए ऐसा आज तक नहीं हो पाया था. पहली बार गांव के मुखिया ने ऐसा कर दिखाया. दरअसल जागीर नक्सल प्रभावित इलाका है. ग्रामीणों में बोरिंग हैंडपंप की खुशी साफ देखी जा सकती थी.
Latehar: Locals in Naxal-affected Jagir village express happiness as boring vehicle reaches village for 1st time since independence for boring of 3 handpumps; say,'vehicle couldn't reach here earlier due to poor road connectivity. Village head made it happen this time'.
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The villagers didn't use to get clean drinking water. This time, we took help of JCB to pave way for the vehicle in the village. It wasn't possible without JCB as the road constructed by the forest department went through the mountains: Mangal Dev Urao, Panchayat Block Head,Jagir pic.twitter.com/UPywcOIFyL
वहीं जागीर के पंचायत ब्लॉक प्रमुख मंगलदेव उरांव ने कहा कि ग्रामीणों को अब तक पीने के स्वच्छ पानी की सुविधा प्राप्त नहीं थी। इस बार हमने ये करके दिखाने का फैसला किया। हमने जेसीबी मशीन की मदद से बोरिंग मशीन को गांव के अंदर तक लेकर आए।
अगर आज की तारीख में किसी गांव में बोरिंग की गाड़ी तक नहीं पहुंच पाई तो शायद आप भी समझ सकते हैं कि गांव की स्थिति और सड़क की स्थिति क्या होगी. भारत में कई गांव ऐसे हैं जहां बेसिक सुविधा भी नहीं है और वहां के लोग आज भी बस किसी करिश्मे की उम्मीद कर रहे हैं.

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