राजनीतिक दलों को किसानों के क़र्ज़ माफ़ी के वायदे नहीं करने चाहिए : रघुराम राजन, पूर्व रिज़र्व बैंक गवर्नर

राजनीतिक पार्टियों द्वारा किसानों की ऋणमाफी पर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बयान देते हुए कहा है कि ये सही नहीं है। राजन ने कहा कि ऋणमाफी चुनावी वादों का हिस्सा नहीं होना चाहिए। ऐसे कदमों से खेती में निवेश पर तो लगाम लगती ही है साथ में राज्यों की हालत भी खराब हो जाती है। राजन ने कर्जमाफी रोकने के लिए चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है और उचित कदम उठाने की अपील की है।  
दिसम्बर 14 को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, ‘खेती की खराब हालत पर ध्यान देना जरूरी है। लेकिन इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि इसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं, बल्कि उन किसानों को मिलता है जिनकी आला अधिकारीयों तक पहुंच होती है।’ 
राजन के अलावा दूसरे आरबीआई गवर्नर भी किसानों की कर्ज माफी का विरोध करते रहे हैं। उनका कहना है कि इससे क्रेडिट कल्चर बिगड़ता है। राजन ने कहा कि अगर सभी राजनीतिक दल ऐसा न करने पर सहमत हो जाएं तो यह देश के लिए फायदेमंद होगा। आपको बता दें कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो वे मात्र 10 दिनों में किसानों का कर्ज़ा माफ़ कर देंगे और इसी बिनाह पर कांग्रेस को ग्रामीण इलाकों में जीत भी मिली है। 

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