भारत ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने, उनकी पहचान, प्रत्यर्पण और उनकी संपत्तियों को जब्त करने के लिए जी-20 देशों से एक मजबूत और सक्रिय सहयोग मांगा है। जी -20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में आर्थिक अपराधियों के खिलाफ नौ-सूत्रीय एजेंडा पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों को प्रवेश देने और सुरक्षित पनाहगाह पाने से रोकने के लिए सदस्य देशों द्वारा संयुक्त प्रयास से एक तंत्र व प्रक्रिया बनाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार, अंतरराष्ट्रीय वित्त और कर प्रणाली पर जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में यह एजेंडा पेश किया।
एजेंडे में कहा गया कि आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया में सहयोग, अपराधियों की जल्द वापसी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को विकसित करने तथा इसे सुव्यवस्थित किए जाने की जरूरत है।
भारत ने जी20 देशों से ऐसी प्रणाली विकसित करने में भी सहयोग मांगा, जिससे भगोड़े आर्थिक अपराधियों को किसी अन्य देश में सुरक्षित पनाह ना मिल पाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जी-20 फोरम को अपने देश में लिए गए भारी कर्ज को चुकाए बिना दूसरे देशों में पनाह लेने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों की पहचान करने के लिए काम शुरू करने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'कानूनी प्रक्रियाओं में सहयोग जैसे कि अपराधियों की संपत्ति को जब्त करना और उनके स्वदेश प्रत्यर्पण को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के सिद्धांतों (यूएनसीएसी) और अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध (यूएनओटीसी) के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संधिपत्र, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से संबंधित सिद्धांतों को पूरी तरह से और प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए।
विकासशील देशों की जरूरतों पर ध्यान देने की जरुरत -- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अब वक्त आ गया है कि विकासशील देशों की प्राथमिकता को भी जी-20 के एजेंडा में शामिल किया जाए। यहां चल रहे जी-20 देश के सम्मेलन से इतर ब्रिक्स नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक में मोदी ने कहा, "जी-20 सम्मेलन में हमारे आपसी सहयोग का आधार मजबूत होना है। इस समूह की अगुवाई विकासशील देश द्वारा की जा रही है। यह एक अच्छा अवसर है, विकासशील देशों की प्राथमिकताओं को भी जी-20 के एजेंडा में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
अवलोकन करें:--
उन्होंने वैश्वीकरण और बहुपक्षवाद में सुधार के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादरोधी नेटवर्क को मजबूत बनाने की सिफारिश की और ब्रिक्स और जी-20 देशों को उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साथ मिलकर काम करने की गुजारिश की।मोदी ने कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादरोधी नेटवर्क को मजबूत किया जाना चाहिए और इस उद्देश्य के लिए ब्रिक्स और जी-20 देशों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वित्तीय घोटालेबाजों और भगोड़ों के खिलाफ भी मिलकर काम करने की जरूरत है। यह समस्या वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बन सकती है।
जी-20 समिट से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। पीएम मोदी ने कहा कि हाल के समय में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर मतभेदों को दरकिनार कर आगे बढ़ रहे हैं। भारत को उम्मीद है कि चीन भी पूर्वाग्रहों को छोड़कर आगे बढ़ेगा। एशिया के दोनों शक्तिशाली मुल्कों को आगे आकर दुनिया को एक नई व्यवस्था देना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार, अंतरराष्ट्रीय वित्त और कर प्रणाली पर जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में यह एजेंडा पेश किया।
एजेंडे में कहा गया कि आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया में सहयोग, अपराधियों की जल्द वापसी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को विकसित करने तथा इसे सुव्यवस्थित किए जाने की जरूरत है।
भारत ने जी20 देशों से ऐसी प्रणाली विकसित करने में भी सहयोग मांगा, जिससे भगोड़े आर्थिक अपराधियों को किसी अन्य देश में सुरक्षित पनाह ना मिल पाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जी-20 फोरम को अपने देश में लिए गए भारी कर्ज को चुकाए बिना दूसरे देशों में पनाह लेने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों की पहचान करने के लिए काम शुरू करने पर विचार करना चाहिए।
Striking at the root of economic malpractices for a better future.
During the second session at G-20 Summit, which focused on international trade, financial and tax systems, I presented a 9-point programme on ways to take stringent action against fugitive economic offenders.
विकासशील देशों की जरूरतों पर ध्यान देने की जरुरत -- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अब वक्त आ गया है कि विकासशील देशों की प्राथमिकता को भी जी-20 के एजेंडा में शामिल किया जाए। यहां चल रहे जी-20 देश के सम्मेलन से इतर ब्रिक्स नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक में मोदी ने कहा, "जी-20 सम्मेलन में हमारे आपसी सहयोग का आधार मजबूत होना है। इस समूह की अगुवाई विकासशील देश द्वारा की जा रही है। यह एक अच्छा अवसर है, विकासशील देशों की प्राथमिकताओं को भी जी-20 के एजेंडा में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
अवलोकन करें:--
PM Narendra Modi at BRICS informal meeting in Buenos Aires: Terrorism and radicalism are a threat to the world, those who commit financial crimes are also a big threat. We have to work together against black money. #Argentina #G20
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