आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक
बॉलीवुड के खलनायकों का नाम आते ही सबसे पहला का चेहरा प्रेम चोपड़ा का ही सामने आ जाता है।
फिल्मों में विलेन बन कर लोगों को डराने वाले प्रेम चोपड़ा का जन्म आज ही के दिन साल 1935 को लाहौर में हुआ था। आपको ये जाकर हैरान होगी की प्रेम चोपड़ा ने अपने 54 साल के फिल्मी करियर में 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। लेकिन आज भी उन्हें लोग उनके फेमस डायलॉग 'प्रेम है मेरा प्रेम' से पहचानते हैं। बता दें कि फिल्मों में प्रेम चोपड़ा के निभाए गए विलेन किरदार को देखने के बाद कई लोग उनसे अलस जिंदगी में भी नफरत करने लगे थे। लेकिन एक्टिंग समझ आने के बाद प्रेम चोपड़ा के फैंस को आज भी लगता हैं कि पर्दे पर उनसे अच्छा रेपिस्ट का किरदार और कोई नहीं निभा सकता।
बतौर एक्टर प्रेम चोपड़ा ने अपने करियर की शुरुआत साल 1965 में आई फिल्म 'शहीद' से की थी। देश भक्ति के जज्बे से भरपूर इस फिल्म में प्रेम चोपड़ा ने अपनी एक्टिंग से सभी दर्शकों का दिल जीत लिया। अपनी पहली फिल्म से मिली तारीफ के बाद प्रेम चोपड़ा ने 'तीसरी मंजिल' और 'मेरा साया' जैसी फिल्मों में काम किया। लेकिन उन्हें इन फिल्मों से कुछ खास पहचान नहीं मिल पाई।
फिर साल 1967 में मनोज कुमार की फिल्म 'उपकार' आई। इस फिल्म में प्रेम ने विलेन का किरदार निभाया। जिससे उन्हें हिन्दी सिनेमा जगत में खास पहचान मिली। फिल्म सिनेमाघरों में सुपरहिट साबित हुई। इसके बाद प्रेम चोपड़ा ने कभी पिछे मुड़कर नहीं देखा और कई हिट फिल्में दी। जिसमें फिल्म 'फूल और अंगार', 'दो अंजाने', 'प्रेम ग्रंथ', 'वो कौन थी?' और 'प्रेम नगर' जैसी फिल्में शामिल हैं। प्रेम चोपड़ा को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए कई बार बड़े से सम्मानित भी किया जा चुका हैं। फिलहाल प्रेम चोपड़ा इन दिनों फिल्मों से दूर हैं, लेकिन भले ही प्रेम चोपड़ा ने फिल्मों से दूरी बना ली हो लेकिन उनके अदंर का एक्टर अब भी जिंदा हैं।
किसी भी सीन को फिल्माना आसान नहीं होता, फिर चाहे वो रोमांटिक सीन हो, इमोशनल, एक्शन या फिर एक रेप सीन...और ये बात फिल्म स्टार्स से बेहतर भला कौन समझ सकता है। कई बार इन सीन्स के दौरान वो घायल हो जाते हैं तो कई बार उन्हें अपने को-स्टार का ही गुस्सा झेलना पड़ता है।
प्रेम चोपड़ा के साथ भी ऐसा ही हुआ था....अपने किए एक रेप सीन के लिए प्रेम चोपड़ा को हीरोइन का गुस्सा झेलना पड़ा था।
बात 70 के दशक की है, जब रेप सीन फिल्मों का जरूरी हिस्सा होते थे। उस वक्त प्रेम चोपड़ा काफी मशहूर विलेन थे और लगभग हर फिल्म में उनका किरदार हीरोइन के साथ जबरदस्ती करने वाला ही होता। शम्मी कपूर और नूतन अभिनीत फिल्म "लाट साहब" में इनका गूंगी मेड का बलात्कार दृश्य अपने-आप में अनोखा था। इस तरह के किरदार करते करते प्रेम चोपड़ा इन दृश्यों को शूट करने की कला भी सीख गए थे। लेकिन एक रेप सीन को शूट करते वक्त उनकी कला उन्हीं पर भारी पड़ गई।
सीन ऐसे था...प्रेम चोपड़ा को पीछे से आकर हीरोइन को दबोचना था और उसकी बाजुओं को पकड़ना था...प्रेम चोपड़ा ने ऐसा ही किया। लेकिन किसी वजह से हीरोइन सही एक्सप्रैशन नहीं दे पा रही थी। जोर-जबरदस्ती का जो रिएक्शन निर्देशक को चाहिए था वो नहीं मिल पा रहा था। सीन के लिए कई रीटेक देने पड़े लेकिन फिर भी सीन सही शूट नहीं हो पाया।
शूट के दौरान प्रेम चोपड़ा असमंजस में थे। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि हीरोइन सीन में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रही। उनके मन में सवाल था लेकिन सोचा कि शूट के बाद ही पूछ लूंगा।
खैर, जैसे-तैसे सीन शूट हो गया लेकिन इससे पहले कि प्रेम चोपड़ा उस हीरोइन से कुछ पूछते उसने जाकर निर्देशक से शिकायत लगा दी और कहा कि प्रेम चोपड़ा ने उन्हें चोट पहुंचाई है और उन्हीं की वजह से उनकी बाजू में चोट लग गई।
निर्देशक ने हीरोइन को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी और शूट छोड़कर चली गई..अगले दिन शूट पर भी नहीं आई। मन ही मन वो प्रेम चोपड़ा से बदला लेने के बारे में सोचती रही और आखिरकार सेट पर वापस आ भी गई।
फिर से एक सीन शूट होना था और सीन के मुताबिक, हीरोइन को विलेन को थप्पड़ मारना था। हीरोइन को तो जैसे इस सीन का बेसब्री से इंतजार था...जैसे ही शूट शुरु हुआ हीरोइन ने अपना बदला लेते हुए विलेन यानि प्रेम चोपड़ा को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि सब सहम गए। खुद प्रेम चोपड़ा के पैरों तले जमीन खिसक गई।
वो गाल पर हाथ लगाए निर्देशक के पास गए और उनसे इस बात की शिकायत की। लेकिन शिकायत करने पर प्रेम चोपड़ा को जो सुनने को मिला उसने उनके और होश उड़ा दिए। निर्देशक ने उन्हें बताया कि हीरोइन उनसे अपने साथ किए बर्ताव का बदला लेना चाहती थी।
करीब 54 साल का फिल्मी करियर, 320 से भी ज्यादा फिल्में, बॉलीवुड के सबसे जबरदस्त विलेन में से एक, डायलॉग डिलीवरी में सबके बाप!! जी हां कुछ ऐसा ही इन्ट्रोडक्शन है बॉलीवुड के सुपरहिट विलेन प्रेम चोपड़ा का. वो एक ऐसे कलाकार हैं जो कपूर घराने में पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक सबके साथ फिल्में कर चुके हैं. इस उम्र में भी वो अपने खतरनाक लेकिन जानदार डायलॉग की वजह से सबके दिलों पर छाए हुए हैं। 'ऑपोजिशन अगर जनता को भाषण देती है, तो हम राशन देंगे' आइए एक नजर डालते हैं उनके सुपरहिट डायलॉग्स पर....
फिल्म: बॉबीइस फिल्म में प्रेम चोपड़ा का ये डायलाॅग बहुत फेमस हुआ था. 'प्रेम नाम है मेरा..... प्रेम चोपड़ा'
फिल्म: वारिस
'सांप के फन उठाने से पहले कुचलना मैं अच्छी तरह जानता हूं'
फिल्म: आग का गोला'शराफत और ईमानदारी का सर्टिफिकेट ये दुनिया सिर्फ उन्हें देती है जिनके पास दौलत होती है'
फिल्म: सपूत'नोटों का मालिक वही होता है जो उन्हें अपनी जेब में रखता है'
फिल्म: कटी पतंग'मैं जो आग लगाता हूं, उसे बुझाना भी जानता हूं'; कैलाश खुद नहीं सोचता दूसरों को मजबूर करता है सोचने के लिए।
फिल्म: बंटी और बबली
'ऊपर वाले सच्चे बादशाह दी कॉरियर सर्विस लगी है, जब जिसको जो चाहिए होता है वो भेज देता है'
फिल्म: खिलाड़ी'राजनीति की भैंस के लिए दौलत की लाठी की जरूरत होती है'
फिल्म: सौतन
'जिनके घर शीशे के होते हैं, वो बत्ती बुझा के कपड़े नहीं बदलते हैं'; मैं वो बला हूं जो शीशे से पत्थर को तोड़ता हूं।
फिल्म: दुल्हे राजा'नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या'
अलीबाबा चालीस चोर'
बादशाहों का अंदाजा बहुत कम गलत होता है और जब गलत होता है तो वो बादशाह नहीं रहते।
फिल्म 'खिलाड़ी'
अपोजीशन अगर जनता को भाषण देती है तो हम जनता को राशन देंगे।
फिल्म 'क्षत्रिय'
तकिया कलाम की तरह बोला ये डायलॉग भले ही विलेन ने बोला पर एक अच्छी सलाह के तौर पर मशहूर हुआ। मीठा बोल बड़ा अनमोल।
बॉलीवुड के खलनायकों का नाम आते ही सबसे पहला का चेहरा प्रेम चोपड़ा का ही सामने आ जाता है।
फिल्मों में विलेन बन कर लोगों को डराने वाले प्रेम चोपड़ा का जन्म आज ही के दिन साल 1935 को लाहौर में हुआ था। आपको ये जाकर हैरान होगी की प्रेम चोपड़ा ने अपने 54 साल के फिल्मी करियर में 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। लेकिन आज भी उन्हें लोग उनके फेमस डायलॉग 'प्रेम है मेरा प्रेम' से पहचानते हैं। बता दें कि फिल्मों में प्रेम चोपड़ा के निभाए गए विलेन किरदार को देखने के बाद कई लोग उनसे अलस जिंदगी में भी नफरत करने लगे थे। लेकिन एक्टिंग समझ आने के बाद प्रेम चोपड़ा के फैंस को आज भी लगता हैं कि पर्दे पर उनसे अच्छा रेपिस्ट का किरदार और कोई नहीं निभा सकता।

फिर साल 1967 में मनोज कुमार की फिल्म 'उपकार' आई। इस फिल्म में प्रेम ने विलेन का किरदार निभाया। जिससे उन्हें हिन्दी सिनेमा जगत में खास पहचान मिली। फिल्म सिनेमाघरों में सुपरहिट साबित हुई। इसके बाद प्रेम चोपड़ा ने कभी पिछे मुड़कर नहीं देखा और कई हिट फिल्में दी। जिसमें फिल्म 'फूल और अंगार', 'दो अंजाने', 'प्रेम ग्रंथ', 'वो कौन थी?' और 'प्रेम नगर' जैसी फिल्में शामिल हैं। प्रेम चोपड़ा को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए कई बार बड़े से सम्मानित भी किया जा चुका हैं। फिलहाल प्रेम चोपड़ा इन दिनों फिल्मों से दूर हैं, लेकिन भले ही प्रेम चोपड़ा ने फिल्मों से दूरी बना ली हो लेकिन उनके अदंर का एक्टर अब भी जिंदा हैं।
किसी भी सीन को फिल्माना आसान नहीं होता, फिर चाहे वो रोमांटिक सीन हो, इमोशनल, एक्शन या फिर एक रेप सीन...और ये बात फिल्म स्टार्स से बेहतर भला कौन समझ सकता है। कई बार इन सीन्स के दौरान वो घायल हो जाते हैं तो कई बार उन्हें अपने को-स्टार का ही गुस्सा झेलना पड़ता है।
प्रेम चोपड़ा के साथ भी ऐसा ही हुआ था....अपने किए एक रेप सीन के लिए प्रेम चोपड़ा को हीरोइन का गुस्सा झेलना पड़ा था।


शूट के दौरान प्रेम चोपड़ा असमंजस में थे। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि हीरोइन सीन में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रही। उनके मन में सवाल था लेकिन सोचा कि शूट के बाद ही पूछ लूंगा।
खैर, जैसे-तैसे सीन शूट हो गया लेकिन इससे पहले कि प्रेम चोपड़ा उस हीरोइन से कुछ पूछते उसने जाकर निर्देशक से शिकायत लगा दी और कहा कि प्रेम चोपड़ा ने उन्हें चोट पहुंचाई है और उन्हीं की वजह से उनकी बाजू में चोट लग गई।
निर्देशक ने हीरोइन को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी और शूट छोड़कर चली गई..अगले दिन शूट पर भी नहीं आई। मन ही मन वो प्रेम चोपड़ा से बदला लेने के बारे में सोचती रही और आखिरकार सेट पर वापस आ भी गई।
फिर से एक सीन शूट होना था और सीन के मुताबिक, हीरोइन को विलेन को थप्पड़ मारना था। हीरोइन को तो जैसे इस सीन का बेसब्री से इंतजार था...जैसे ही शूट शुरु हुआ हीरोइन ने अपना बदला लेते हुए विलेन यानि प्रेम चोपड़ा को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि सब सहम गए। खुद प्रेम चोपड़ा के पैरों तले जमीन खिसक गई।
वो गाल पर हाथ लगाए निर्देशक के पास गए और उनसे इस बात की शिकायत की। लेकिन शिकायत करने पर प्रेम चोपड़ा को जो सुनने को मिला उसने उनके और होश उड़ा दिए। निर्देशक ने उन्हें बताया कि हीरोइन उनसे अपने साथ किए बर्ताव का बदला लेना चाहती थी।
करीब 54 साल का फिल्मी करियर, 320 से भी ज्यादा फिल्में, बॉलीवुड के सबसे जबरदस्त विलेन में से एक, डायलॉग डिलीवरी में सबके बाप!! जी हां कुछ ऐसा ही इन्ट्रोडक्शन है बॉलीवुड के सुपरहिट विलेन प्रेम चोपड़ा का. वो एक ऐसे कलाकार हैं जो कपूर घराने में पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक सबके साथ फिल्में कर चुके हैं. इस उम्र में भी वो अपने खतरनाक लेकिन जानदार डायलॉग की वजह से सबके दिलों पर छाए हुए हैं। 'ऑपोजिशन अगर जनता को भाषण देती है, तो हम राशन देंगे' आइए एक नजर डालते हैं उनके सुपरहिट डायलॉग्स पर....
फिल्म: बॉबीइस फिल्म में प्रेम चोपड़ा का ये डायलाॅग बहुत फेमस हुआ था. 'प्रेम नाम है मेरा..... प्रेम चोपड़ा'
फिल्म: वारिस
'सांप के फन उठाने से पहले कुचलना मैं अच्छी तरह जानता हूं'
फिल्म: आग का गोला'शराफत और ईमानदारी का सर्टिफिकेट ये दुनिया सिर्फ उन्हें देती है जिनके पास दौलत होती है'
फिल्म: सपूत'नोटों का मालिक वही होता है जो उन्हें अपनी जेब में रखता है'
फिल्म: कटी पतंग'मैं जो आग लगाता हूं, उसे बुझाना भी जानता हूं'; कैलाश खुद नहीं सोचता दूसरों को मजबूर करता है सोचने के लिए।
फिल्म: बंटी और बबली
'ऊपर वाले सच्चे बादशाह दी कॉरियर सर्विस लगी है, जब जिसको जो चाहिए होता है वो भेज देता है'
फिल्म: खिलाड़ी'राजनीति की भैंस के लिए दौलत की लाठी की जरूरत होती है'

'जिनके घर शीशे के होते हैं, वो बत्ती बुझा के कपड़े नहीं बदलते हैं'; मैं वो बला हूं जो शीशे से पत्थर को तोड़ता हूं।
फिल्म: दुल्हे राजा'नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या'
अलीबाबा चालीस चोर'

फिल्म 'खिलाड़ी'

फिल्म 'क्षत्रिय'
तकिया कलाम की तरह बोला ये डायलॉग भले ही विलेन ने बोला पर एक अच्छी सलाह के तौर पर मशहूर हुआ। मीठा बोल बड़ा अनमोल।
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