मदरसों के जरिए कहीं न कहीं आतंकी विचारों को पनपने का मौका मिल रहा है। इस विषय पर यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी का कुछ ऐसा मानना है। उन्होंने कहा कि बच्चों का मन और मष्तिष्क कोमल होता है और उन्हें आसानी से गलत रास्तों की तरफ मोड़ा जा सकता है। ऐसे में ये जरूरी है कि मदरसों को बंद कर दिया जाए।
यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी का कहना है कि अगर प्राथमिक मदरसों को नहीं बंद किया गया तो 15 साल में आधे से ज्यादा मुसलमान आईएसआईएस की विचारधारा के समर्थक हो जाएंगे। अपने तर्क के समर्थन में वो कहते हैं कि ये देखा गया है कि कोई भी मिशन चलाने के लिए बच्चों को निशाना बनाया जाता है और इस वक्त आईएसआईएस दुनिया का एक खतरनाक आतंकी संगठन है। यह संगठन धीरे धीरे दुनिया में मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत बना रहा है।
10:34 AM - Jan 22, 2019
कश्मीर में बहुत बड़ी तादाद में आईएसआईएस के समर्थक खुलेआम घूमते हुए नजर आते हैं। बड़े पैमाने पर मदरसे में इस्लामिक तालीम लेने वाले बच्चों को आर्थिक मदद पहुंचा कर इस्लामिक शिक्षा के नाम पर उनको दूसरों धर्मों से काटा जा रहा है और सामान्य शिक्षा से दूर किया जा रहा है। हिंदुस्तान में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे प्राथमिक मदरसे चंदे की लालच में हमारे बच्चों के भविष्य को खराब करने पर आमादा हैं।
यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी का कहना है कि अगर प्राथमिक मदरसों को नहीं बंद किया गया तो 15 साल में आधे से ज्यादा मुसलमान आईएसआईएस की विचारधारा के समर्थक हो जाएंगे। अपने तर्क के समर्थन में वो कहते हैं कि ये देखा गया है कि कोई भी मिशन चलाने के लिए बच्चों को निशाना बनाया जाता है और इस वक्त आईएसआईएस दुनिया का एक खतरनाक आतंकी संगठन है। यह संगठन धीरे धीरे दुनिया में मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत बना रहा है।
UP Shia Waqf Board Chairman Waseem Rizvi writes to Prime Minister Narendra Modi asking him to shut madrasas across the country as ISIS ideology is being promoted there to influence the students. (pic 1- File pic of Wasim Rizvi)
कश्मीर में बहुत बड़ी तादाद में आईएसआईएस के समर्थक खुलेआम घूमते हुए नजर आते हैं। बड़े पैमाने पर मदरसे में इस्लामिक तालीम लेने वाले बच्चों को आर्थिक मदद पहुंचा कर इस्लामिक शिक्षा के नाम पर उनको दूसरों धर्मों से काटा जा रहा है और सामान्य शिक्षा से दूर किया जा रहा है। हिंदुस्तान में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे प्राथमिक मदरसे चंदे की लालच में हमारे बच्चों के भविष्य को खराब करने पर आमादा हैं।
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