
विशेषज्ञ का दावा है कि इवीएम को ब्लूटूथ और वायरलेस फ्रीक्वेंसी पर हैक कर पाना संभव नहीं है। उसका कहना है कि इवीएम हैक करने के लिए इवीएम तक पहुंच होनी जरूरी है। सूजा का दावा यह भी है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने भी इवीएम के साथ छेड़छाड़ की। इसके अलावा उसका दावा है कि यूपी, गुजरात एवं महाराष्ट्र में इवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई और 2014 के आम चुनावों में भी इसे प्रभावित किया गया।
शायद यही कारण है कि समस्त विरोधी दल ईवीएम का विरोध कर रहे हैं। दूसरे, स्मरण हो, 70 के दशक में बैलट पेपर और स्याही पर भी खूब शोर मचा था कि रूस से मिलकर धांधड़ी की है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया है। ममता ने कहा, 'हमारे महान लोकतंत्र की अवश्य रक्षा होनी चाहिए। हमारा प्रत्येक वोट कीमती है। समूचे विपक्ष ने कोलकाता रैली के दैरान ईवीएम के मसले पर चर्चा की। हम इस मसले को चुनाव आयोग के समक्ष उठाएंगे। प्रत्येक वोट की अहमियत होती है।'
विशेषज्ञ का आरोप है कि ईवीएम को हैक करने में रिलायंस कम्यूनिकेशन भाजपा की मदद करती है। सुजा का दावा है कि उनकी एक टीम है जो हैकिंग रोकने के लिए काम करती है। उनकी इस टीम ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में ईवीएम में धांधली को रोका भी है। भारत में काम करने के दौरान उनकी टीम पर हमला भी हो चुका है।
भारत में विपक्षी पार्टियां इवीएम की विश्वसनीयता पर कई बार सवाल उठा चुकी हैं। विपक्षी पार्टियां दावा कर चुकी हैं कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा में ईवीएम का डिमॉन्स्ट्रेशन देकर उसके हैक होने का दावा किया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने ईवीएम के हैक होने या उसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की आशंकाओं को खारिज किया और विपक्षी दलों को चुनौती दी कि वे उसका ईवीएम हैक कर दिखाएं।
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