जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों के शोक से देश अब तक उबरा नहीं है, लेकिन विभिन्न पार्टियों के राजनेता जवानों की शहादत पर अपनी अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने पुलवामा हमले पर कहा, 'इस वक्त केवल अनपढ़ लोग ही जंग की बात करते हैं। दोनों ही देश परमाणु संपन्न ताकत हैं और उनके पास बातचीत का विकल्प है। मुझे नहीं लगता है कि जंग का कोई सवाल खड़ा होता है।'
महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक मौका देने की बात कही थी। उन्होंने कहा, 'ये सच है कि चाहे पठानकोट रहा हो या फिर मुंबई हमला उन्हें (पाकिस्तान) सबुत दिया गया, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। क्योंकि इमरान खान नए प्रधानमंत्री हैं और वह नई शुरुआत की बात कर रहे हैं, उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए। हमें उन्हें सबुत देने चाहिए और देखा जाना चाहिए कि वह क्या करते हैं।'
इससे पहले भी मुफ्ती ने पाकिस्तान को एक और मौका देने कि बात कही थी। महबूबा ने कहा था, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एक अवसर मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने हाल ही में कमान संभाली है। नि:संदेह (भारत में) युद्ध उन्माद का आसन्न चुनावों से ज्यादा संबंध है।' खान ने भारत से कहा कि यदि वह हमले पर कार्रवाई योग्य सबूत देता है तो षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले केंद्री मंत्री गिरिराज सिंह ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा था, 'मैं महबूबा मुफ्ती को केवल इतना ही कहना चाहूंगा, वो पाकिस्तान प्रेम करना छोड़ दें। भारत का गाएं और आस्तीन का सांप न बनें।
14 फरवरी को पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। सीआरपीएफ के इस काफिले में 2500 से ज्यादा जवान 78 वाहनों में यात्रा कर रहे थे। इसमें से ज्यादातर जवान छुट्टी से ड्यूटी पर लौट रहे थे। जवानों की इस शहादत के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ रोष है। वहीं फरवरी 19 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मामले में भारत से बातचीत की बात कही थी।
महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक मौका देने की बात कही थी। उन्होंने कहा, 'ये सच है कि चाहे पठानकोट रहा हो या फिर मुंबई हमला उन्हें (पाकिस्तान) सबुत दिया गया, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। क्योंकि इमरान खान नए प्रधानमंत्री हैं और वह नई शुरुआत की बात कर रहे हैं, उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए। हमें उन्हें सबुत देने चाहिए और देखा जाना चाहिए कि वह क्या करते हैं।'
क्या महबूबा मुफ़्ती अपनी बहन डॉ रुबैया के अगवा किये जाने का काला सच बताएंगी? |
इससे पहले केंद्री मंत्री गिरिराज सिंह ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा था, 'मैं महबूबा मुफ्ती को केवल इतना ही कहना चाहूंगा, वो पाकिस्तान प्रेम करना छोड़ दें। भारत का गाएं और आस्तीन का सांप न बनें।
Former J&K CM and PDP leader Mehbooba Mufti: In these times only illiterate people can talk about war. Both countries are nuclear powers and when they have the option of dialogue, I don't think the question of war arises.
Mehbooba Mufti: It's true that whether it was Pathankot attack or Mumbai attack they (Pakistan) were given proof but they didn't take action. But because Imran Khan is a new PM & he is talking about a new start, he should be given a chance. We should give proof & see what they do
#WATCH Union Minister Giriraj Singh: Mai Mehbooba Mufti ko keval itna hi kehna chahunga, vo Pakistan prem karna chhod dein. Bharat ka khati hain, Bharat ka gayein. Aasteen ka saanp na banein.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार (19 फरवरी 2019) को भी कहा था कि पाकिस्तान को पुलवामा हमले के लिए सबूतों के आधार पर ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि उनकी कथनी और करनी एक होनी चाहिए। बहरहाल, महबूबा ने कहा था कि खान को एक अवसर मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की कमान संभाली है।
महबूबा ने एक ट्वीट में कहा था, असहमत। उन्हें (पाकिस्तान को) पठानकोट हमले पर डोजियर दिया गया था, लेकिन षड्यंत्रकारियों को दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह समय कथनी और करनी एक होने का है।' महबूबा ने कहा था, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एक अवसर मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने हाल ही में कमान संभाली है। नि:संदेह (भारत में) युद्ध उन्माद का आसन्न चुनावों से ज्यादा संबंध है।' खान ने मंगलवार को भारत से कहा कि यदि वह हमले पर कार्रवाई योग्य सबूत देता है तो षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अवलोकन करें:-
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गौर हो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए। जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने 100 किलोग्राम विस्फोटक से लदे वाहन से 14 फरवरी को पुलवामा जिले में CRPF जवानों को लेकर जा रही एक बस में टक्कर मार दी। CRPF के 2,500 से अधिक जवान 78 वाहनों के काफिले में यात्रा कर रहे थे जब आतंकवादियों ने 14 फरवरी को दोपहर करीब 3 बजकर 15 मिनट पर श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर दक्षिण कश्मीर के अवंतिपुरा के लातूमोड़ में घात लगाकर हमला किया। ज्यादातर जवान छुट्टी बिताने के बाद ड्यूटी पर लौट रहे थे। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में रहता है।
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