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स मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सियोल शांति पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान का विषय होगा. मैं यह सम्मान अपनी निजी उपलब्धियों के तौर पर नहीं बल्कि भारत की जनता के लिए कोरियाई जनता की सद्भावना और स्नेह के प्रतीक के तौर पर स्वीकार करूंगा.

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या में आयोजित ‘दीपोत्सव’ महोत्सव में First Lady किम की मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी हमारे लिए सम्मान का विषय था. उनकी यात्रा से हज़ारों वर्षों के हमारे सांस्कृतिक संबंधों पर एक नया प्रकाश पड़ा, और नई पीढ़ी में उत्सुकता और जागरूकता का वातावरण बना.
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भारत में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की चाहे इनके विरोधी अपनी वोटों के चक्कर में लाख विरोध करते हों, लेकिन दिल से इस बात को भी स्वीकारते हैं, कि विश्व में भारत को जो सम्मान मोदी ने दिलवाया है, वह कोई नहीं दिलवा पाया। पूर्व में जितने भी प्रधानमन्त्री आए, उन सभी के सीमित ही दायरे रहे, लेकिन मोदी ने विश्व के हर देश में भारत का सम्मान बढ़ाया है। हर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय समस्या पर विश्व का ध्यान आकृषित किया है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के एक सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है।
मोदी ने फरवरी 21 को सियोल के योनसेई विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. इस अवसर पर कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति मून जे-इन प्रथम महिला किम जूंग-सूक और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की-मून उपस्थित थे.
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बापू की प्रतिमा का अनावरण करना सम्मान की बात है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि हम बापू की 150वीं जयंती मना रहे हैं, इसका विशेष महत्व हो जाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बापू के विचारों और सिद्धांतों में आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जैसी मानव जाति के समक्ष आज मौजूद दो सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने की ताकत है.
मोदी ने कहा कि बापू के जीवन और विचारों ने हमें यह बताया कि कैसे हम प्रकृति के साथ सद्भाव से रहते हुए कार्बन फुटप्रिंट कम कर सकते हैं. गौरतलब है कि योनसेई विश्वविद्यालय दक्षिण कोरिया के सर्वाधिक प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक है.
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