आर.बी.एल. निगम, वरिष्ठ पत्रकार
भारत में मोदी विरोधी पहले सर्जिकल स्ट्राइक और अब बालाकोट में एयर स्ट्राइक के सबूत माँग कर पाकिस्तान का पक्ष मजबूत करने का प्रयास कर रहे है, तो दूसरी तरफ चीन को छोड़ समस्त विश्व पाकिस्तान को सबक सिखा रहे हैं। भारत में मोदी विरोधी तो एयर स्ट्राइक के सबूत माँग रहा है, जबकि पाकिस्तान सरकार अपनी मीडिया को वहाँ जाने से रोक, सबूतों को छुपा रही है। आतंकवाद पर सख्त प्रहार से पाकिस्तान आकाओं की नींद हराम हो गयी है, और ये सबूत माँग रहे हैं। ये कैसा विरोधाभास है?
अब से पहले विदेश तो क्या हर भारतवासी यही कहता था कि "छोटे से देश पाकिस्तान ने किस तरह भारत की नाक में दम कर रखा है, और अपने आपको पाकिस्तान से शक्तिशाली कहलाने वाला भारत कुछ नहीं कर पा रहा।" आज जब भारत ने पाकिस्तान को मुँह तोड़ जवाब देना शुरू किया, पाकिस्तान से कहीं ज्यादा भारत में पकिस्तानपरस्तों का खाना और नींद हराम हो गयी।
फिर पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान को देशहित में इन समस्त आतंकवादियों और इनके नापाक अड्डों को नेस्ताबूत कर देना चाहिए। क्योंकि पाकिस्तान के आर्थिक रूप से पिछड़ने का मुख्य कारण ये ही आतंकवादी हैं। जिन्हे भारत तोड़ने की कोशिशों में वहां की फौज इतने वर्षों से पाकिस्तान के विकास में खर्च होने वाले धन को इनके लालन-पालन पर खर्च कर, पाकिस्तान को खोखला बना दिया और इन लोगों ने पाकिस्तान से बाहर अपनी सम्पत्तियाँ बनाकर अपने आपको और अपने परिवार के सुखद भविष्य का प्रबन्ध कर दिया है।
पुलवामा आतंकी हमले के दोषी आतंकी मौलाना मसूद अजहर को लेकर फ्रांस ने बड़ा कदम उठाया है।फ्रांस सरकार ने मार्च 15 को घोषणा की है कि वह फ्रांस में मौजूद आतंकी मसूद अजहर की सभी संपत्तियां जब्त करेगी। इसे भारत की बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के लिए फ्रांस ने अमेरिका के साथ भारत का समर्थन किया है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में चीन ने वीटो अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इस पर अड़ंगा लगा दिया है।
चीन ने पाकिस्तान से अपनी पुरानी दोस्ती निभाते हुए चौथी बार यूएनएससी में अड़ंगा लगाया है। चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल करते हुए इस प्रस्ताव को रद्द करवा दिया। चीन 2009 के बाद से तीन बार अड़ंगा लगा चुका था। पुलवामा हमले के बाद, अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन एवं अमेरिका की ओर से 27 फरवरी को रखा गया था।
14 फरवरी को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे. इसकी जिम्मेदारी मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसके बाद पाकिस्तान ने वैश्विक दबाव में चलते जैश के ठिकानों पर कार्रवाई की बात कही थी।
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